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यूपी: इलेक्ट्रिक बस खऱीदने वालों को 20 लाख इंसेंटिव देगी सरकार

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लखनऊ/अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी परिवहन निगम प्रदेश के अंदर परिवहन की ऋण माना जाता है। देश 15 अगस्त 1947 को आजाद होता है, लेकिन निगम की पहली बस मई 1947 में चल चुकी थी। तबसे परिवहन निगम ने लंबी दूरी को तय किया। बचपन में परिवहन का एकमात्र साधन यूपी परिवहन निगम हुआ करता था। गांव हो या शहर, लोग बसों से चलते थे। ज्यादातर लोगों ने परिवहन निगम की बसों में आवागमन कर बचपन व्यतीत किया। यह हमें जोड़ने का काम करती रही। अब परिवहन निगम नई प्रगति व कार्य करते हुए बढ़ रहा है। अब बस स्टेशन भी एयरपोर्ट की तरह बनेंगे। इस पर कार्य प्रारंभ हो चुका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति अभियान के तहत रविवार को अयोध्या के सरयू अतिथि गृह, रामकथा पार्क में ‘मिशन महिला सारथी’ का शुभारंभ किया और हरी झंडी दिखाकर 51 साधारण बसों (बीएस 6) को रवाना किया। इन बसों में चालक व परिचालक का कार्य महिलाओं द्वारा ही संचालित किया जाएगा। इस दौरान लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

इससे उपयुक्त अवसर नहीं हो सकता

सीएम ने कहा कि शारदीय नवरात्रि की आज अष्टमी तिथि है। आठवें रूप में आज मां गौरी का अनुष्ठान कर रहे हैं। माना जाता था कि महिलाएं यह काम नहीं कर सकतीं पर इससे उपयुक्त अवसर नहीं हो सकता, जब महाअष्टमी की तिथि को मिशन शक्ति के साथ जोड़कर मिशन महिला सारथी को लांच करने के साथ-साथ उन महिला चालक व परिचालकों को इससे जोड़ा जा रहा है। आज 51 बसें प्रदेश के अलग-अलग जगहों के लिए चलेगी, इनमें चालक व परिचालक महिलाएं होंगी।

कोरोना में परिवहन निगम ने स्वीकार की थी चुनौती

सीएम ने कहा कि तकनीक से जीवन में बहुत परिवर्तन कर सकते हैं। निगम की इस कार्यकुशलता को प्रयागराज कुंभ में हमने देखा, जब 24 करोड़ श्रद्धालुओं को लाने- ले जाने का कार्य किया गया। जब वैश्विक महामारी कोरोना आई थी, तब यूपी व अन्य राज्यों के 40 लाख लोग विस्थापित हुए थे और वे पैदल ही अपने घरों के लिए चल पड़े थे। तब यूपी परिवहन निगम इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए आया था। 11-12 हजार बसों को लेकर निगम के चालक-परिचालक बार्डर पर डट गए थे। यूपी के सभी नागरिकों को घर तक व अन्य राज्यों के लोगों को यूपी की सीमा तक पहुंचाया गया। कोटा राजस्थान में कोचिंग करने वाले यूपी के 14 हजार व उत्तराखंड के 4 हजार बच्चे फंसे थे। लॉकडाउन के बाद वहां स्थिति खराब हो गई। हमने यहां से 500 बसों को भेजकर सुरक्षित लाने का कार्य किया। आज अधिकांश बच्चे अभ्युदय कोचिंग से जुड़कर बेहतरीन भविष्य के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। संकट में जो खड़ा हो, वहीं आपका साथी है। संकट में धोखा देने वाले साथी नहीं हो सकते। परिवहन निगम आपके संकट का साथी है और अब सारथी के रूप में मिशन शक्ति की प्रतीक बेटियां इन गाड़ियों को चलाते दिखेंगी।

अब बेटियां फाइटर पायलट भी बन चुकी हैं

सीएम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन सदैव से चुनौती का विषय रहा है। इसीलिए भारतीय समाज ने सदैव इस मान्यता को आगे बढ़ाया है कि जहां नारी का सम्मान होगा, उनकी गरिमा की रक्षा होगी। वह स्वावलंबी होंगी, वह समाज सशक्त व समाज आत्मनिर्भर होगा और सर्वांगीण विकास की बुलंदियों को छूता दिखाई देगा। यह कार्य नारी गरिमा, सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन से जुड़ा ऐसा मुद्दा है, जिसे पीएम मोदी जी के प्रेरणा से उप्र सरकार मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण में शारदीय नवरात्रि के प्रथम तिथि से प्रारंभ करके उसे निरंतर आगे बढ़ा रही है। अब तक यूपी प्रदेश पुलिस व शासन की विभिन्न नौकरियों में डेढ़ लाख से अधिक बेटियों-बहनों को सेवा दी है, लेकिन परिवहन निगम में चालक-परिचालक महिलाएं हों, यह सपना भी साकार हो चुका है। अब बेटियां फाइटर पायलट भी बन चुकी हैं।

इलेक्ट्रिक बस खऱीदने वालों को 20 लाख इंसेंटिव देगी सरकार

सीएम ने कहा कि पहले बसों में खामियां होती थीं। अब धीरे-धीरे तकनीक का प्रयोग किया गया। अब वह डीजल से इलेक्ट्रिक बसों की तरफ भी जा रही है। परिवहन निगम व अनुबंध में भी बहुत बड़ा बेड़ा इलेक्ट्रिक बसों का होगा। इसमें न प्रदूषण होगा, न आवाज और स्पीड भी सामान्य बसों से अच्छी होगी। हमने शासन से 400 करोड़ रुपये दिया है। 25 महाकुंभ की दृष्टि से अभी कई बसें खरीदी जानी हैं। अच्छी इलेक्ट्रिक बसें आएंगी। अच्छी कनेक्टिविटी के लिए यूपी सरकार ने ईवी पॉलिसी बनाई है। इलेक्ट्रिक बसों में डीजल-पेट्रोल व सीएनजी नहीं लगता। बिजली से चार्ज होंगी। एक बार में 300 किमी. चल सकती हैं। ऐसी बसें खरीदने वाले व्यक्ति को सरकार प्रति बस के लिए 20 लाख रुपये इंसेंटिव देगी। स्कूल-कॉलेज, परिवहन निगम में अनुबंध, सिटी बस सेवा के लिए आप बस खरीदिए, सरकार रूट व सुविधा भी उपलब्ध कराएगी। नगर विकास व परिवहन निगम जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन तैयार कर रहा है। इससे हम प्रदूषण से मुक्त व्यवस्था आमजन को दे पाएंगे। सीएम ने कहा कि कुछ दिनों बाद यूपी में इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण शुरू होगा, तब यूपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण होगा।

इस अवसर पर कैबिनेट व अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, सांसद लल्लू सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, विधान परिषद सदस्य हरिओम पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव (परिवहन) एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद आदि की मौजूदगी रही।

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बिहार में पुरुष शिक्षक हुआ गर्भवती, मैटरनिटी लीव भी मिला, जानें पूरा मामला

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हाजीपुर। अक्सर बिहार का शिक्षा विभाग सुर्खियों में रहता है लेकिन इस बार तो शिक्षा विभाग में बड़ा कांड हो गया। शिक्षा विभाग ने एक पुरुष BPSC शिक्षक को गर्भवती बना दिया और मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) भी दे दी। खबर सामने आने के बाद अब बिहार शिक्षा विभाग और टीचरों का मजाक उड़ रहा है।

आधिकारिक वेबसाइट पर हुआ अपलोड

यह मामला हाजीपुर महुआ प्रखंड क्षेत्र के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती का है। यहां पर तैनात बीपीएससी टीचर जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की तरफ से गर्भवती बताकर छुट्टी दे दिया गया है। शिक्षा विभाग के पोर्टल ई शिक्षा कोष पर जितेंद्र कुमार सिंह को मैटरनिटी लीव दिया गया है। शिक्षा विभाग की नजरों में और ऑफिशल वेबसाइट के अनुसार, शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह प्रेग्नेंट हैं और छुट्टी पर हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि मैटरनिटी लीव सिर्फ और सिर्फ महिला टीचर के लिए होती है। महिला शिक्षकों को यह छुट्टी तब मिलती है जब वह गर्भवती हों और बच्चे को जन्म देने वाली हों। लेकिन हाजीपुर में तो मामला ही पलट गया है। यहां तो पुरुष टीचर को भी मैटरनिटी लीव दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने मानी गलती

हालांकि इस मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने विभाग की गलती कबूल करते हुए यह बात कहा है कि गड़बड़ी से पोर्टल पर इस तरीके का हुआ है। पुरुष टीचर को इस तरीके की छुट्टी नहीं दी जाती। इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा।

लोग शिक्षा विभाग का बना रहे मजाक

जिस तरीके से एक टीचर को महिलाओं को मिलने वाली छुट्टी दी गई है, उससे जिले के पुरुष शिक्षकों में आक्रोश भी है और हंसी ठिठौली करने का एक अनोखा मुद्दा मिल गया है। शिक्षा विभाग ने कमरे पर जाकर मीडिया से बात करने का अनुमति नहीं दी है नहीं तो टीचर ना जाने क्या-क्या बात मजाक में बोल रहे हैं।

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