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प्रादेशिक

हर्षिता अध्यक्ष व प्रमोद महामंत्री निर्विरोध निर्वाचित

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यूपी जेल्स एसोसिएशन का चुनाव, हर्षिता मिश्रा अध्यक्ष व प्रमोद महामंत्री निर्विरोध निर्वाचित

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यूपी जेल्स एसोसिएशन का चुनाव, हर्षिता मिश्रा अध्यक्ष व प्रमोद महामंत्री निर्विरोध निर्वाचित

लखनऊ। 18 साल के लंबे अंतराल के बाद शनिवार को राजधानी के सम्पूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान में यूपी जेल्स एसोसिएशन का चुनाव हुआ। संस्थान के निदेशक एवं डीआईजी जेल वीके जैन की देखरेख में हुए इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर नारी बंदी निकेतन महिला जेल की जेलर हर्षिता मिश्रा और महामंत्री पद पर गाजियाबाद जेल के प्रमोद यादव को निर्वाचित घोषित किया गया। विभाग के महानिरीक्षक कारागार की ओर से नामित चुनाव अधिकारी डीआईजी वीके जैन ने बताया कि अध्यक्ष एवं महामंत्री पद पर निर्विरोध जीत दर्ज हुई है। इसके अलावा उपाध्यक्ष पद पर जिला जेल मथुरा के भारत सिंह ने जिला कारागार सीतापुर से डीआईजी जेल कानपुर से अटैच प्रदीप कुमार यादव को हराया। वहीं संयुक्त मंत्री पद पर जिला कारागार लखनऊ के मनोज सिंह ने जिला कारागार कानपुर नगर से मुख्यालय में अटैच प्रमोद श्रीवास्तव का शिकस्त दी। इसी क्रम में कोषाध्यक्ष पद पर जिला जेल कानपुर नगर के अखिलेश यादव ने केंद्रीय कारागार बरेली के सुरेश चंद्र श्रीवास्तव को पराजित किया।

18 साल बाद हुआ यूपी जेल्स एसोसिएशन का चुनाव

उल्लेखनीय है कि बीते 18 साल से यूपी जेल्स एसोसिएशन के चुनाव में लगातार एक विशेष वर्ग का कब्जा था। इन अधिकारियों के पदोन्न्त होने के बाद लंबे समय बाद एसोसिएशन का चुनाव हुआ। चुनाव को लेकर शनिवार को सुबह से ही कारागार प्रशिक्षण संस्थान में कारागार कर्मियों के बीच हलचल मची रही। नवनिर्वाचित महामंत्री ने प्रमोद यादव ने बातचीत में बताया कि जेलकर्मियों को पुलिस कर्मियों के समतुल्य समझा जाता है किंतु उन्हें पुलिसकर्मियों की भांति सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती है। वह इसके लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने बताया कि बंदीरक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को पुलिस की तर्ज पर पौष्टिक आहार भत्ता दिलाने का प्रयास करेंगे। चुनाव के लिए प्रदेश भर की जेलों के सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षण संस्थान में एकत्र हुए थे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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