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सद्गुरु के मिट्टी बचाने के वैश्विक अभियान से जुड़ा उप्र, MoU पर किए हस्ताक्षर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश मिट्टी बचाने के वैश्विक अभियान से आधिकारिक तौर पर जुड़ने वाला भारत का तीसरा प्रदेश बन गया है।  इसी के तहत राज्य में मिट्टी के संरक्षण के लिए आज ईशा आउटरीच के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया।

MoU की अदला-बदली लखनऊ में एक मिट्टी बचाओ कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरु की मौजूदगी में हुई। इसी के साथ मिट्टी बचाने के वैश्विक अभियान में उप्र अब गुजरात और राजस्थान के साथ शामिल हो गया है।

कार्यक्रम में सद्गुरु ने मुख्यमंत्री को सेव-सॉयल पुनरुद्धार हैंडबुक भी भेंट की। हैंडबुक में व्यावहारिक और वैज्ञानिक समाधान दिए गए हैं, जिन्हें सरकारें अपने देश में मिट्टी को पुनर्जीवित करने के लिए कार्यान्वित कर सकती हैं।

कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ, पांच हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।

sadguru and cm yogi

अपने उद्बोधन में लोगों को स्थिति की गंभीर प्रकृति की याद दिलाते हुए सद्गुरु ने कहा अभी मानवता के इतिहास में पहली बार मिट्टी के संदर्भ में दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिक ‘मिट्टी का विलुप्त होना’ शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं।

मिट्टी के पुनर्जीवित किए जाने पर आत्मविश्वास व्यक्त करते हुए सद्गुरु ने कहा कि भारत को इस अभियान में अग्रणी बनना चाहिए क्योंकि हमने मिट्टी को हमेशा से माता कहा है। भारत में उप्र को अग्रणी बनना चाहिए, जहां सबसे ज्यादा जमीनी क्षेत्र है और खेती के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल जमीन है।

सदगुरु ने कहा कि मिट्टी को मिट्टी कहने के लिए तीन प्रतिशत जैविक तत्वों का होना आवश्यक है। भारत के 63 प्रतिशत भूभाग में मिट्टी में 0.5 प्रतिशत से भी कम जैविक तत्व शेष रह गये हैं। बीते दशकों में तेजी से मिट्टी से जैविक तत्वों में गिरावट दर्ज हुई है।

आज जिस फल का सेवन हम कर रहे हैं, उसमें पहले की अपेक्षा 90 प्रतिशत पोषक तत्व कम हो गया है। तेजी से खराब होती मिट्टी सिर्फ पर्यावरण का संकट नहीं है, यह हमारे अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।

सदगुरु का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में भी सदगुरु यहां आए थे और उस समय उन्होंने ‘रैली फॉर रीवर्स’ ( नदियों में पानी लाने का ) का अभियान चलाया था।

योगी ने कहा हमें बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उप्र में पिछले पांच वर्षों में सात से अधिक नदियों को पुनर्जीवन दिया गया है। सदगुरु के मिट्टी बचाओ अभियान और नदी अभियान का समर्थन करते हुए सीएम योगी ने कहा यूपी के 25 करोड़ लोग सेव सॉइल कैंपेन का पूरी तरह से सहयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र की भूमि सबसे उपजाऊ मानी जाती है, हमारे पास जल संसाधन हैं। इसलिए प्रदेश की पूरी जनता मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़ेगी। मिट्टी बचाने के उद्देश्य से ही हम लोग नैचुरल फार्मिंग से जुड़ रहे हैं।

मिट्टी के उपजाऊपन का ख्याल रखने के लिए मुख्यमंत्री ने सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की और नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी को साफ करने और उसे बचाने के लिए किए गए कार्यों के बारे में भी बताया।

बता दें कि सदगुरु देश-दुनिया की 30 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा के बाद अपने ‘सेव सॉइल’ ( मिट्टी बचाओ अभियान) के साथ लखनऊ पहुंचे हैं

सद्गुरु ने अकेले मोटरसाइकिल सवार के रूप में 100 दिन की 30,000 किमी की ‘मिट्टी बचाने की यात्रा मार्च में शुरू की थी। हमारी नष्ट होती मिट्टी की ओर दुनिया का ध्यान खींचने और सारे देशों में नीतिगत कार्यवाही को लागू करने के मकसद से की गई सद्गुरु की यह यात्रा ज्यादतर यूरोप, मध्य-एशिया और मध्य-पूर्व से गुजर चुकी है।

यात्रा के दौरान सद्गुरु ने प्रत्येक देश में राजनीतिक नेताओं, मिट्टी विशेषज्ञों, नागरिकों, मीडियाकर्मियों और प्रभावकारी व्यक्तियों से मुलाकात की है। उन्हें मिट्टी के विलुप्त होने से निपटने की तत्काल आवश्यकता के बारे में जागरूक किया है। एक शानदार अनुक्रिया प्राप्त करते हुए, मिट्टी बचाओ अभियान पहले ही 2 बिलियन से अधिक लोगों को प्रभवित कर चुका है।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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