Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

UP मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने PM को लिखा पत्र, मदरसाओं के आधुनिकीकरण का किया अनुरोध

Published

on

UP Madrasa Board Chairman wrote a letter to PM

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत अतिरिक्त राज्यांश का भुगतान ‘बंद’ करने के आदेश के बाद राज्य मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस योजना को बहाल करने का अनुरोध किया ताकि मुसलमान विद्यार्थियों के ‘एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर’ के नारे को सफल बनाया जा सके।

जावेद का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा छह साल पहले मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत अपना अंशदान बंद किये जाने के बाद राज्य सरकार ने भी इसी साल पांच जनवरी को एक आदेश जारी कर इस योजना के तहत पढ़ाने वाले शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए अतिरिक्त राज्यांश पर रोक लगा दी गयी है।

हालांकि प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने राज्यांश पर रोक लगाये जाने से इनकार करते हुए कहा है कि सरकार पिछले साल से अब तक के लंबित राज्यांश का भुगतान करेगी।

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष जावेद ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना से प्रदेश के लाखों मदरसा छात्र-छात्राओं को शिक्षा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया है जिनमें ज्यादातर पिछड़े वर्ग के हैं।

उन्होंने बताया, ” इस योजना के तहत कुल बजट का 60 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार जबकि 40 प्रतिशत का योगदान राज्य सरकार करती है। केंद्र ने लगभग छह साल से इस योजना के तहत अपने अंश का भुगतान नहीं किया है। इसीलिए राज्य सरकार ने भी अपने हिस्से का योगदान नहीं किया। प्रदेश सरकार अभी तक इस योजना के मदरसा शिक्षकों को अपने निर्धारित राज्यांश के अतिरिक्त धन दे रही थी।”

जावेद ने पत्र में कहा, ” केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 17 अक्टूबर 2023 को एक आदेश में कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 तक के लिए ही अनुमोदित है। इसी सिलसिले में राज्य सरकार ने इस साल पांच जनवरी को इस योजना के तहत अध्यापकों को दिए जाने वाले अतिरिक्त राज्यांश मानदेय पर रोक लगाने की कार्यवाही कर दी है।”

उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रीभा ने राज्य के सभी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं जिससे इस योजना के तहत नियुक्त मदरसा शिक्षकों के सामने जीविकोपार्जन की समस्या पैदा हो गई है।

मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने बताया, ” 1995 में उप्र में लागू हुई मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत इस वक्त प्रदेश के 7442 मदरसों में आधुनिक विषयों की शिक्षा देने वाले कुल 21216 शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं। अतिरिक्त राज्यांश भी बंद होने से इन सभी का रोजगार पूरी तरह छिन गया है।”

जावेद ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वह मदरसा आधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण करते हुए इसे प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू करें ताकि मुसलमान छात्र-छात्राओं के ‘एक हाथ में कुरान और दूसरे में कंप्यूटर’ के नारे को सफल बनाया जा सके।

इस बीच, प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया, “अभी तक यही व्यवस्था थी कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना में जब तक केंद्रांश दिया जाएगा तभी तक राज्यांश उपलब्ध कराया जाएगा। इस वजह से मदरसा शिक्षकों को भुगतान होने में देर हो रही थी लेकिन अभी पिछले हफ्ते ही विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ बैठक में यह तय किया गया कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत जो शिक्षक काम कर रहे हैं उन्हें राज्यांश दिया जाए।”

उन्होंने बताया कि पिछले साल मई से अभी तक का राज्यांश नहीं दिया जा सका है जिसका भुगतान किया जाएगा। अंसारी ने कहा कि गत पांच जनवरी के पत्र में क्या लिखा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ इस सिलसिले में हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही है और सरकार आधुनिकीकरण योजना के तहत तैनात शिक्षकों के लिए कुछ अच्छा करेगी।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

Published

on

Loading

लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

Continue Reading

Trending