उत्तर प्रदेश
उप्र: 07 अगस्त से विधान मंडल का मानसून सत्र होगा शुरू, इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र सात अगस्त से शुरू होगा। सत्र आहूत किए जाने के बारे में संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दिए जाने के बाद राज्यपाल ने भी इसे अनुमोदित कर दिया है। विधान सभा सचिवालय ने सत्र आहूत किये जाने के बारे में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है।
वर्ष 2023 में यह विधान मंडल का दूसरा सत्र होगा। इससे पहले विधान मंडल का बजट सत्र 20 फरवरी से तीन मार्च तक हुआ था। फिलहाल मानसून सत्र का सात से 11 अगस्त तक का कार्यक्रम मंजूर हुआ है। सत्र के दौरान सरकार कई विधेयकों को विधान मंडल से पारित कराएगी।
सरकार को इन मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष
वहीं दूसरी ओर विपक्ष लगातार सरकार को सदन में घेरने की योजना बना रहा है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बिजली, स्वास्थ्य और कानून- व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है।
विधान सभा की नई कार्य संचालन नियमावली को भी मानसून सत्र में मंजूरी मिलेगी। सत्र के दौरान विधान सभा का विस्तृत कार्यक्रम तय करने के लिए विधान सभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली वर्ष 1958 में बनी थी।
समय के साथ इस नियमावली के कई प्राविधान अप्रासंगिक हो गए तो कुछ में बदलाव की जरूरत महसूस की गई। इसलिए विधान सभा सचिवालय ने उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली, 2023 तैयार की गई है जिसे सदन की मंजूरी दिलाने का इरादा है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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