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यूपी: बाढ़ प्रभावित जिलों में नहीं सोया कोई भूखा, बांटे गये साढ़े चार लाख लंच पैकेट
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनहानि को रोकने में काफी हद तक कामयाब रही है। इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों का लगातार हवाई सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचकर वहां के लाेगों से संवाद के साथ उनके लिए की गई व्यवस्था का बारीकी से मुआयना किया। ऐसे में अत्याधिक बाढ़ प्रभावित 20 जनपदों की 84 तहसीलों में 1310 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गयी। साथ ही 2647 मेडिकल टीम का गठन किया गया। वहीं 69,726 खाद्यान्न सामग्री पैकेट और 4,65,048 लंच पैकेट वितरित किये गये।
प्रदेश के 37 जिलों में हुई सामान्य से अधिक बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के 13 जनपदों में 1 जून से 15 सितंबर तक अतिवृष्टि यानी 120 प्रतिशत से अधिक बारिश रिकार्ड की गयी है। इनमें ज्यादातर इलाके पश्चिमी यूपी के हैं। इसी तरह प्रदेश के 24 जिलों में सामान्य से अधिक यानी 120 से 80 प्रतिशत बारिश दर्ज की गयी है। इनमें ज्यादात्तर इलाके पश्चिमी, मध्य और बुंदलेखंड के जिले शामिल हैं। वहीं 31 जिलों में सामान्य यानी 80 से 40 प्रतिशत बारिश हुई है। उधर, प्रदेश के 7 जिलों में सामान्य से कम यानी 40 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की थी। बैठक में उन्होंने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनमानस और मवेशियों को हर संभव मदद देने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये थे। इसके लिए पहले से पूरी पुख्ता तैयारियों रखने के आदेश दिया था ताकि जन हानि को शून्य किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच का असर भी देखने को मिला। प्रदेश में बाढ़ से प्रभावित 37 जनपदों में राहत कार्यों के चलते जन हानि काफी कम रही।
साढ़े चार लाख से अधिक लंच पैकेट किए गए वितरित
राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश के 37 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। इनमें से 34 जिले बाढ़ से प्रभावित रहे। वहीं प्रदेश के 20 जिले अत्याधिक बाढ़ प्रभावित रहे, जहां पर युद्धस्तर पर राहत कार्य किए गए। उन्होंने बताया कि इन 20 जिलों में पश्चिम यूपी के 14 जिले मुजफ्फनगर, बिजनौर, फर्रुखाबाद, सहारनपुर, आगरा, अमरोहा, मेरठ, बागपत, मथुरा, शामली, बदायूं, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर और गाजियाबाद शामिल हैं जबकि अवध के पांच जिले बाराबंकी, खीरी, हरदोई, गोंडा और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। वहीं पूर्वांचल का एक जिला बस्ती अत्याधिक बाढ़ से प्रभावित रहा है। इन जिलों की 84 प्रभावित तहसील के 1287 गांव के करीब पांच लाख लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 1310 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गयी। वहीं मेडिकल संबंधी समस्या से निपटने के लिए 2647 मेडिकल टीमों को एक्टिव किया गया। इसी तरह बाढ़ पीड़ितों को भोजन की समस्या न हो इसके लिए 69,726 खाद्यान्न पैकेट सामग्री के बांटे गये। इस दौरान 4,65,048 लंच पैकेट वितरित किये गये। अत्याधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में फर्रुखाबाद पहले स्थान पर रहा, जहां 116 गांवों के 75,453 लोग बाढ़ की चपेट में आएं। यहां पर 52 बाढ़ चौकियों को स्थापित किया गया जबकि 1003 मेडिकल टीम को गठित किया गया।
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दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल
नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।
इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।
दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार
रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।
उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।
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