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यूपी प्रेस क्लब पर चला कोर्ट का चाबुक, अवैध कब्जे पर चलेगा मुकदमा

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लखनऊ। चार दशक से हजरतगंज मे बेशकीमती जमीन पर खड़े चाइना गेट पर अवैध कब्जा कर यूपी प्रेस क्लब चला रहे लोगों पर कोर्ट का चाबुक चल गया है। फर्जी गैर पंजीकृत यूपीडब्लूजेयू के अध्यक्ष, महामंत्री बन यूपी प्रेस क्लब के नाम से गोरखधंधा कर रहे चंद सेवानिवृत्त पत्रकारों सहित गैर पंजीकृत क्लब के अध्यक्ष, सचिव भी अवैध कब्जे के मुकदमे की आंच मे झुलसेंगे।

दरअसल दशकों पहले यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन नाम की संस्था को आवंटित चाइना गेट बिल्डिंग की लीज 40 साल पहले ही खत्म हो गई थी। बिल्डिंग का मालिकाना हक रखने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कई बार यूपीडब्लूजेयू को इस भवन का शुल्क जमा कर फ्रीहोल्ड कराने को कहा पर इस बीच पंजीकृत यूपीडब्लूजेयू की जगह खुद को असली होने का दावा कर गैरपंजीकृत संस्था चलाने वाले इस भवन पर काबिज हो गए।

 

इन अवैध कब्जेदारों ने उक्त भवन में यूपी प्रेस क्लब चलाते हुए मुर्गा मछली के व्यंजनों की अवैध दुकानें खुलवा किराया वसूलना शुरू कर दिया। क्लब के नाम पर भवन की व्यवसायिक बुकिंग कर दो घंटे की 2500 रूपये की वसूली भी जारी है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अपनी रिपोर्ट के अनुसार विषयगत भवन/भूमि का पट्टा सचिव, उप्र वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन, लखनऊ के पक्ष में बिल्डिंग प्रयोजनार्थ दिनांक 18-6-1968 से मात्र 10 वर्ष की अवधि हेतु किया गया था,जिसकी समयावधि समाप्त हो चुकी है।

लीज की समाप्ति के उपरान्त प्रश्नगत भूमि को दुरुपयोग करते हुए उस पर व्यवसायिक कार्य किया जा रहा है। भूमि का पट्टा उ।प्र। वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पक्ष में किया गया था, परन्तु स्थल पर कब्जा प्रेस क्लब एवं अन्य संस्था का है।

 

इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा जांच करायी गयी, जिसमें यह पाया गया कि विषयगत भूमि पर प्रेस क्लब की बाउण्ड्री के भीतर दुरभि सन्धि करके दस्तरखान नानवेज प्वाइंट के नाम से किचेन बनाकर नानवेज फूड प्रोडक्टस का विक्रय किया जा रहा है। इस प्रकार प्रतिमाह अवैध रुप से लाखों रुपये का धनोपार्जन किया जा रहा है। तथा प्रतिमाह राज्य सरकार को लाखो रुपये की क्षति पहुंचायी जा रही है।

 

अधिवक्ता अरविन्द कुमार द्वारा 156 (3) के अंतर्गत न्यायलय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के सम्मुख याचिका प्रस्तुत की थी, जिस पर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा क्षेत्राधिकारी कैसरबाग एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण से विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी जिसके अवलोकन उपरांत मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वयं तफ्तीश करने का आदेश पारित किया गया है। इसके पूर्व दिनाकं 18 दिसम्बर 2018 को क्षेत्राधिकारी, कैसरबाग, लखनऊ, ने माननीय न्यायालय के सम्मुख अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यू०पी० प्रेस क्लब के तत्कालीन अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों द्वारा शासन स्तर से उक्त प्रेस क्लब भवन/भूमि का पुन: नया पट्टा अब तक नहीं करवाया जा सका है।

 

उल्लेखनीय है कि नजूल अधिकारी,लखनऊ द्वारा दिनांक 16-01-2015 एवं 16-10-2016 को पत्र निर्गत करते हुए उ०प्र० वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष/पदाधिकारियों को निर्देशित था कि फुटपाथ तथा पट्टागत भूमि पर अवैध रूप से चलाये जा रहे दस्तरखांन नानवेज प्वाइंट को बंद करवाते हुए उक्त प्रेस क्लब भवन/भूमि का कब्ज़ा यथाशीघ्र विभाग को वापिस कर दिया जाये। क्षेत्राधिकारी कैसरबाग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट अंकित कर दिया है कि अवैध अतिक्रमण और अवैध कब्जेदारों पर कानूनी कार्यवाही किया जाना न्यायोचित होगा, तत्पश्चात माननीय न्यायालय के सम्मुख लखनऊ विकास प्राधिकरण के नजूल अधिकारी ने दिनांक 12 फरवरी 2019 को अपनी रिपोर्ट में अवगत कराया की विषयगत भूमि का पट्टा उत्तर प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के पक्ष में किया गया था। परन्तु स्थल पर कब्जा प्रेस क्लब व् अन्य संस्थाओं का है जिसके उपरांत न्यायालय द्वारा उपरोक्त आदेश पारित किया गया है। सीजेएम कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी प्रेस क्लब के अवैध कब्जेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, राजस्व हानि एवं सरकारी संपत्ति को व्यावसायिक उपयोग में लाने के अपराध सम्बंधित धाराओं में मुकदमा चलाया जायेगा।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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