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प्रादेशिक

जनपद स्तर पर गांवों के भजन-कीर्तन एवं रामलीला मंडलियों की सूची बनायी जाए एवं कार्यक्रमों का डॉक्युमेंटेशन किया जाएः डॉ नीलकंठ तिवारी

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लखनऊ स्थित पर्यटन भवन में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन हेतु उत्तर प्रदेश समेत देशभर के कला, साहित्य एवं संस्कृति जगत के विशेषज्ञों एवं संबंधित अधिकारियों पर की वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में आजादी की 75वीं वर्षगांठ को रेखांकित करने वाला बृहद आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई एवं साथ ही संबंधित विशेषज्ञों की राय भी ली गई। बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग श्री मुकेश मेश्राम, लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, कलाकार एवं जनपदों के अधिकारी सम्मिलित हुए।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने कहा, ‘जनपद स्तर पर प्रत्येक गांव के भजन-कीर्तन एवं रामलीला मंडलियों की सूची बनायी जाए एवं कार्यक्रमों का डॉक्युमेंटेशन किया जाए।’

साथ ही उन्होंने प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के घरों को स्मारक संग्रहालय का रूप देने के संबंध में अधिकारियों को संभावनाएं तलाशने, कार्यक्रमों से युवाओं विशेषकर छात्रों को जोड़ने एवं आजादी के गुमनाम सेनानियों के जीवन पर केंद्रित पुस्तक लेखन को प्रोत्साहित करने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि ‘इस उत्सव को हमें जनभागीदारी के माध्यम से जनआंदोलन का रूप देना है।’

बैठक के दौरान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री तिवारी ने सम्बंधित अधिकारियों से प्रयागराज में आयोजित होने वाली बहुभाषीय कवि सम्मेलन, गोरखपुर में प्रस्तावित रंगोत्सव एवं लखनऊ में प्रस्तावित पेंटिंग कार्यक्रम की प्रगति का ब्यौरा लिया।

पंजाब

जिद छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और उनसे सवाल किया कि अगर वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं कर सकते?

पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “केंद्र सरकार को अपनी पुरानी जिद छोड़ कर किसान संगठनों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए… कबूतर के आंख मारने से बिल्ली नहीं भागती.. पता नहीं केंद्र सरकार अब कौन सा प्रायश्चित कर रही है??

अगर मोदी जी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक सकते हैं तो क्या 200 किलोमीटर दूर बैठे अन्नदाताओं से बात नहीं कर सकते? किस समय का इंतजार कर रहे हो? इससे पहले आज समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपनी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए किसानों को दिल्ली मार्च करने से रोकने का आरोप लगाया था।

समाजवादी पार्टी के सांसद प्रसाद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “किसान दिल्ली की सीमा पर जमा हुए हैं… वे प्रधानमंत्री को अपनी मांग बताने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जा रहा है। भाजपा ने अपनी सारी कमियों और अक्षमताओं को छिपाने के लिए यह सब किया है… आज देश और प्रदेश में महंगाई दूर करने और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।”

इस बीच, सोमवार को पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों और उनके मुद्दे पर मीडिया का कम ध्यान देने का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से अपनी लंबी भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जाखड़ ने किसान यूनियनों के बीच एकता के महत्व पर जोर दिया और पंजाब में कृषि मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का आह्वान किया, जो एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन अब 316वें दिन में प्रवेश कर गया है।

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