उत्तर प्रदेश
दक्षिण एशियाई व आसियान बाजारों में प्रवेश का मार्ग सुनिश्चित करेगी यूपी-वियतनाम की साझेदारी
ग्रेटर नोएडा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम व उद्यम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने प्रदेश की वैश्विक पहचान को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर रख दिया है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित हो रहे उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे संस्करण के अंतर्गत दूसरे दिन विभिन्न प्रकार के नॉलेज सेशंस का आयोजन किया गया। गुरुवार को भारत वियतनाम व्यापार मंच के सत्र, ई कॉमर्स सत्र तथा एकेटीयू की ओर से इनोवेशन व स्टार्टअप को लेकर सेशन का आयोजन किया गया। इन सेशंस में दक्षिण एशियाई व आसियान बाजारों में उत्तर प्रदेश के उत्पादों के प्रवेश का मार्ग सुनिश्चित करने के लिए यूपी-वियतनाम की साझेदारी को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। वहीं, ई कॉमर्स तथा इनोवेशन व स्टार्टअप से सेशन में देश दुनिया में बदलते डिजिटल इको सिस्टम में उत्तर प्रदेश की भागीदारी को लेकर अंतर्दृष्टि साझा की गई। इस दौरान सीएम योगी के विजन में बनीं सेक्टोरल पॉलिसीज पर भी फोकस किया गया।
दूसरे दिन 40 हजार से अधिक आगंतुक पहुंचे वेन्यू
इस पांच दिनी कार्यक्रम का आगाज बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, सीएम योगी तथा केंद्रिय एमएमएमई मंत्री जीतन राम मांझी की उपस्थिति में हुआ तथा उद्योग जगत के इस वैश्विक आयोजन का समापन 29 सितंबर को होगा। ऐसे में, कार्यक्रम के दूसरे दिन 18 हजार से अधिक खरीदारों तथा 40 हजार से अधिक आगंतुकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान, विभिन्न सेशंस व कार्यक्रमों में योगी सरकार की ओर से केबिनेट मंत्री (एमएसएमई) राकेश सचान, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा और मेरठ की आयुक्त शिलवी कुमारी समेत विभिन्न अधिकारीगण, वैश्विक दिग्गज कंपनियों के प्रतिनिधि व अन्य उपस्थित रहे।
रणनीतिक साझेदारी पर योगी सरकार का फोकस
गुरुवार को यूपीआईटीएस 2024 के अंतर्गत आयोजित सेक्टोरल सेशंस में पहला सेशन भारत व वियतनाम की रणनीतिक साझेदारी और उसमें उत्तर प्रदेश की सहभागिता को लेकर केंद्रित था। इस सेशन का आयोजन वियतनाम द्वारा पार्टनर कंट्री के रूप में किया गया था जिसमें वियतनाम के राजदूत गुयेन थान है समेत वियतनामी डेलिगेशन ने हिस्सा लिया। इस सेशन में योगी सरकार की ओर से केबिनेट मंत्री (एमएसएमई) राकेश सचान, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील कुमार शर्मा, एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार समेत विभिन्न पदाधिकारी शामिल थे। कार्यक्रम में वियतनाम और भारत एक-दूसरे के रणनीतिक स्थानों का उपयोग क्रमशः दक्षिण एशियाई और आसियान बाजारों के प्रवेश द्वार के रूप में कर सकते हैं। इससे उत्तर प्रदेश के उत्पादों के भी इन मार्केट्स में पहुंच बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस अवसर पर, राकेश सचान ने कहा कि भारत और वियतनाम दोनों के पास प्राचीन सांस्कृतिक संबंध हैं जो उन्हें स्वाभाविक साझेदार बनाते हैं। उन्होंने निवेशकों, विशेष रूप से पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में, उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों पर कार्य करने के लिए आमंत्रित किया, जो भारत में एक प्रमुख आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में उभरा है।
ई-कॉमर्स सत्र में दिग्गज कंपनियों के वक्ताओं ने साझा की रणनीति
कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे सत्र में ई-कॉमर्स सेक्टर को लेकर इनसाइट साझा की गई। इसमें वैश्विक ई-कॉमर्स लीडर अमेजन, शीर्ष-स्तरीय फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म पिंग पॉन्ग और खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रसिद्ध बिग कॉमर्स जैसी कंपनियों के दिग्गजों ने मंच साझा करते हुए उपस्थित लोगों के साथ अमूल्य अंतर्दृष्टि तथा वास्तविकता आधआरित रणनीतियाँ साझा कीं। इस सत्र में राकेश सचान ने डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से छोटे और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बाजार की पहुँच बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
इनोवेशन और स्टार्टअप ईको सिस्टम के विकास को लेकर भी हुए सेशन
गुरुवार को आयोजित हुए विभिन्न नॉलेज सेशंस में उद्यमियों, उभरते उद्योगों, स्टार्ट-अप्स और नए व्यापार आकांक्षियों के लिए तीन बैक टू बैक सेशंस का आयोजन किया गया।’इनोवेशन और स्टार्ट-अप’ सत्र का संचालन अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) द्वारा किया गया। इस सेशन में एकेटीयू की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाली पहलों के बारे में जानकारी दी गई। एकेटीयू के कुलपति, प्रोफेसर जे. पी. पांडे ने इस सेशन में “अकादमिक उत्कृष्टता से उद्यमिता तक की यात्रा” पर एक प्रस्तुति दी। एकेटीयू इनोवेशन हब के प्रमुख माहीप सिंह और इनोवेशन हब की प्रबंधक वंदना शर्मा ने सेशन में बताया कि कैसे इनोवेशन हब उत्तर प्रदेश में उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स को सशक्त बना रहा है और स्थानीय स्टार्ट-अप्स के लिए फंडिंग का मार्ग खोल रहा है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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