उत्तर प्रदेश
उप्र: योगी सरकार के 6 महीने पूरे, जानिए जनहित में लिए गए 100 बड़े फैसले
लखनऊ। उप्र में लगातार दूसरी बार योगी सरकार को बने हुए 6 महीने पूरे हो चुके हैं। इस दौरान सरकार ने कई बड़े फैसले किए। प्रदेश में गुंडे माफिया पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो या भ्रष्टाचार और अपराध पर लगाम, जनहित के मुद्दों पर लापरवाही, गरीबों को आवास, कानून व्यवस्था, रोजगार और प्रदेश में बेहतर निवेश के माहौल बनाने को लेकर कदम उठाए गए हैं।
आइए देखते हैं मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी योगी सरकार के कानून व्यवस्था से लेकर निवेश और रोजगार तक पर 100 बड़े फैसले-
- एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन कर अवैध ड्रग्स/अवैध मादक पदार्थों के सौदागरों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई. विशेष अभियान में 2310 ड्रग माफियाओं से रु.40 करोड़ के नशीले पदार्थ जब्त.
- एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में सजा दिलाने में 59.1 प्रतिशत से उत्तर प्रदेश फिर देश में प्रथम.
- थाना स्तर पर 16158 टॉप टेन अपराधियों का चिह्नीकरण 83,721 अभियोग पंजीकृत. रु. 648 करोड़ से अधिक की सम्पति जब्त
- माफिया एवं अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित लगभग रु.21.69 अरब की संपत्तियाँ जब्त.
- 68,784 अतिक्रमित स्थलों तथा 76,196 अवैध पार्किंग स्थलों को मुक्त कराया गया.
- धार्मिक स्थलों से 75,190 लाउडस्पीकर हटाये गये। इसके अतिरिक्त 50,000 से अधिक लाउडस्पीकरों की ध्वनि कम करायी गयी.
- 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों की भर्ती, 5381 नये पदों को मंजूरी, इनमें 86 राजपत्रित व 5295 अराजपत्रित श्रेणी के पद है.
- अयोध्या में एस.टी.एफ. की इकाई गठित
- प्रदेश में 3195 एन्टी रोमियो स्क्वॉयड गठिता इनके द्वारा 675143 स्थानों पर 2833893 व्यक्तियों की चेकिंग
- एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम (ओ.डी.ओ.पी.) की शुरुआत की बाद से राज्य के निर्यात में 80 प्रतिशत की वृद्धि. वर्ष 2017-18 में राज्य का निर्यात रु.88,967 करोड़ था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर रु.1.56 लाख करोड़ हो गया.
- 70 हजार ओ.डी.ओ.पी कारीगरों को प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरित.
- ओ.डी. ओ. पी. ई-कॉमर्स पोटर्ल पर 20 हजार से अधिक उत्पादों की बिक्री.
- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 1,43,412 लोगों को प्रशिक्षण.
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत 14850 पात्र लाभान्वित तथा 1,18,800 रोजगार सृजित.
- ओ.डी.ओ.पी. सामान्य सुविधा केन्द्र योजना के अन्तर्गत सीतापुर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, आगरा एवं अम्बेडकरनगर की परियोजनाएं पूर्ण.
- फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स आगरा एवं कानपुर का शिलान्यास एवं फ्लैटेड फैक्ट्री, गोरखपुर की स्वीकृति.
- गन्ना किसानों को 19 मार्च, 2017 से अब तक रु. 1,78,608 करोड़ का रिकार्ड पिछले 6 माह में रु.30,697 करोड़ का गन्ना मूल्य का भुगतान.
- पी.एम. किसान सम्मान निधि से 2.60 करोड़ किसानों को रु.48 हजार 324 करोड़ हस्तान्तरित.
- प्रदेश में खेती-बाड़ी में ड्रोन के प्रयोग की शुरुआत। एफ.पी.ओ. एवं कृषि स्नातकों को 40-50 प्रतिशत अनुदान पर मिलेंगे ड्रोन
- 27 नवीन मण्डियों का आधुनिकीकरण। 54 कृषि कल्याण केन्द्रों की स्थापना.
- पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों को 10,000 सोलर पम्पों का आवंटन.
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में 249727 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराये गये.
- तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा रु.80 हजार 224 करोड़ की 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास । 06 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा.
- 296 कि.मी. लम्बा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे संचालित
- YEIDA क्षेत्र में रु 439.40 करोड़ की लागत से मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना का कार्य गतिमान
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को लगभग रु.7741 करोड़ के व्यय भार पर 35 किग्रा. खाद्यान्न, 1 कि.ग्रा. दाल / साबुत चना, 1 कि.ग्रा. आयोडाइज्ड नमक, 1 कि.ग्रा. रिफाइन्ड ऑयल का निःशुल्क वितरण. इसके अलावा अन्त्योदय राशन कार्डधारकों के लिए प्रति माह 1 कि.ग्रा. चीनी का निःशुल्क वितरण. 27. वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना के अन्तर्गत मई 2020 से अब तक अन्य राज्यों के 42111 राशन कार्डधारकों को उप्र से तथा उप्र के 1370370 कार्ड धारकों द्वारा अन्य राज्यों से खाद्यान्न प्राप्त किया गया.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश के 1,74,29,981 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन, होली व दीपावली पर 02 निःशुल्क एल.पी.जी. सिलेंडर का प्रावधान, बेघरों तथा कचरा उठाने वाले वंचित नागरिकों को राशन कार्ड की सुविधा.
- प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 35 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी वितरित.
- रेवेन्यू कोर्ट केस मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल पर वाद दायर करने की ऑनलाइन व्यवस्था 31,78,950 अविवादित वरासत दर्ज.
- पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान से भारत आये प्रवासी अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता एवं पुनर्वास देने की मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत आज के बांग्लादेश एवं उस समय के पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर आये 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को कानपुर देहात की तहसील रसूलाबाद में 02 एकड़ कृषि भूमि, 200 वर्ग मीटर आवासीय भूमि के पट्टे और मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 01-01 आवास एवं शौचालय दिये गये।
- मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में वर्ष 2017 से अब तक 813 व्यापारी परिवारों को रु. 10 लाख की बीमा राशि का भुगतान
- पावर फॉर ऑल के तहत अब तक 1 करोड़ 47 लाख से अधिक घरों का विद्युत संयोजन
- ग्रामीण क्षेत्रों में सौभाग्य योजना के तहत 62.18 लाख घरों का विद्युत संयोजन , 121324 मजरों का विद्युतीकरण
- 733 सर्किट किलोमीटर लम्बी ट्रांसमिशन विद्युत लाइनों का निर्माण
- एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत 40 लाख बकायेदारों को लाभ
- नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत रु 11072 करोड़ की 47 सीवरेज परियोजनाएं स्वीकृत 27 परियोजनाएं पूर्ण, 18 परियोजनाएं निर्माणाधीन तथा 2 परियोजनाएं प्रक्रियाधीन
- 650 ग्रामों में पाईप पेयजल पहुँचा। 4.51 लाख घरों में नल कनेक्शन दिये गये
- अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जेल मैन्युअल में बदलाव
- सहकारी बैंकों की 13 नई शाखाएं खोली गई
- 150 नई बी.एस. -6 बसें बेड़े में शामिल हुई.इसके साथ ही 84 बस स्टेशनों का सौन्दर्यीकरण के साथ साथ 7 बस स्टेशनों का लोकार्पण व 5 बस स्टेशनों का निर्माण प्रगति पर है.
- बाढ़ से बचाव हेतु 65 परियोजनाएं पूर्ण कर 36 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गई। 23.04 लाख है. अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित
- 62 जिलों में 842 करोड़ रु से 2100 नये नलकों के निर्माण की स्वीकृति.
- 6000 राजकीय नलकूपों का आधुनिकीकरण । 1960 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण तथा 1045 खराब राजकीय नलकूपों का पुनर्निर्माण.
- 19 मार्च, 2017 से अब तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 44 लाख प्रधानमंत्री आवासों और पिछले 6 माह में मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 1.08 लाख आवासों का निर्माण.
- अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित पदों पर नियुक्ति हेतु नियमावली प्रख्यापित । विभिन्न विभागों में 24 पद चिह्नित.
- एक जिला- एक खेल योजनान्तर्गत प्रत्येक जनपद में खेलो इण्डिया सेन्टर की स्थापना. हर सेन्टर के खाते में 7-7 लाख रुपये आवंटित
- खेलो इण्डिया की 15 परियोजनाएं पूर्ण , ग्रामीण स्तर पर 82 स्टेडियम स्थापित
- एक जनपद एक उत्पाद योजना के अर्न्तगत वाराणसी में सिल्क एक्सचेंज का सुदृढ़ीकरण। 800 बुनकरों को सिल्क एक्सचेंज से जोड़ा गया.
- रेशम उत्पादन हेतु 250 कृषक प्रशिक्षित.
- 10 एफ.पी.ओ. (कृषक उत्पादक संगठन) गठित
- कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत अब तक 10 लाख युवा विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित । 4.62 लाख से अधिक को मिला रोजगार. विशेष वृहद रोजगार मेलों में 93682 युवा सेवायोजित.
- प्रदेश में 10,000 महिला प्रशिक्षणार्थियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण.
- कार्यस्थल पर श्रमिक की मृत्यु की दशा में 5 लाख, स्थायी दिव्यांगता पर 3 लाख एवं आंशिक दिव्यांगता पर 2 लाख रु की सहायता.
- सौर ऊर्जा आधारित चरखों के संचालन को मान्यता प्रदान करने वाला देश का प्रथम राज्य बना उत्तर प्रदेश.
- मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजनान्तर्गत 530 इकाइयों की स्थापना तथा 3689 व्यक्तियों को रोजगार.
- मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनार्न्तगत अब तक 4510 इकाइयां स्थापित एवं 82886 लोगों को रोजगार , प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 17119 इकाइयां स्थापित एवं 1,74,286 लोगों को रोजगार
- उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति के तहत चार निवेश प्रस्तावों को मंजूरी रु.16,147 करोड़ के 460 मेगावॉट क्षमता के निवेश प्रस्ताव हेतु लेटर ऑफ कम्फर्ट निर्गत.
- उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप नीति के अन्तर्गत रु.7625 करोड़ के 08 निवेश प्रस्ताव अनुमोदित। प्रदेश में 48 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत.
- 2066 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबिल के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध.
- स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के तहत 11.80 लाख चिह्नित छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्ट फोन वितरित आई.आई.टी. कानपुर परिसर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना.
- 19 मार्च, 2017 से अब तक निराश्रित महिला, वृद्धावस्था तथा दिव्यांगजन पेंशन के अन्तर्गत 98.28 लाख लाभार्थियों को पेंशन.
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत 1.91 लाख जोड़ों का विवाह । अनुदान राशि रु. 35 हजार से बढ़ाकर रु. 51 हजार की गयी। ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अब वृद्धाश्रम की सुविधा उपलब्ध.
- 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 15 पेयजल परियोजनाएं पूर्ण तथा 13 नई परियोजनाओं का शुभारम्भ.
- नर्सिंग में 7000 सीट्स तथा पैरामेडिकल में 2000 सीट्स की वृद्धि.
- मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला के माध्यम से अप्रैल 2022 से अब तक 10.50 करोड़ मरीजों का उपचार.
- राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को कैशलेस चिकित्सा सुविधा
- एक जिला- एक मेडिकल कॉलेज की नीति के तहत अब तक 65 मेडिकल कॉलेज संचालित. 22 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन
- उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के अन्तर्गत रु 2209 करोड़ का निवेश तथा 80 हजार लोगों को रोजगार.
- हरिद्वार में 100 कक्षों का आधुनिक सुविधायुक्त भव्य भागीरथी अतिथि गृह का लोकर्पण.
- वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले कुम्भ के भव्य आयोजन हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में रु.100 करोड़ की व्यवस्था.
- अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, म्योरपुर (सोनभद्र) तथा श्रावस्ती में एयरपोर्ट के संचालन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया से समझौता
- कुशीनगर, वाराणसी, लखनऊ के बाद जेवर (नोएडा) एवं अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने से यूपी होगा 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला प्रदेश.
- गोरखपुर से दिल्ली के लिए 14 फ्लाइट तक बढ़ाने में सफलता हासिल.
- लम्पी रोग से बचाव हेतु 23 जनपदों में 82 आइसोलेशन सेन्टर स्थापित । वृहद पैमाने पर पशुओं का टीकाकरण जारी.
- 275 दुग्ध समितियों का गठन/पुनर्गठन. विपणन कार्य हेतु ई-कॉमर्स पोर्टल से 14310 उपभोक्ताओं, महिला स्वयं सहायता समूहों एवं पराग मित्रों को जोड़ा गया.
- 6 माह में 9,93,144 गौवंश संरक्षित 20 नये गौ संरक्षण केन्द्रों का निर्माण। 569 अस्थाई गौ सेवा बाड़ा स्थापित.
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 13.67 लाख, निराश्रित महिला पेन्शन योजना की 31.50 लाख, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) की 12430 तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) की 10264 महिलाएं लाभान्वित.
- 2 लाख से अधिक महिलाएं पी. एम. स्वनिधि योजना से लाभान्वित.
- उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 66 लाख ग्रामीण महिलाओं को 6.34 लाख स्वयं सहायता समूहों, 31601 ग्राम संगठनों एवं 1735 संकुल स्तरीय संघों से जोड़ा गया.
- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना से 52,55,129 माताएं लाभान्वित. 58000 बी.सी. सखी चयनित तथा 48000 बी.सी. सखी क्रियाशील.
- वन स्टॉप सेन्टर व महिला शक्ति केन्द्र योजना का कन्वर्जेन्स.
- 150 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र निर्मित। 199 आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन निर्माण की स्वीकृति.
- वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2022 के अंतर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधरोपण.
- 10380 किमी. मार्ग गड्ढामुक्त. 2910 किमी. मार्ग नवीनीकृत , 100 सेतुओं एवं 60 अन्तर्राज्यीय स्वागत द्वारों का निर्माण.
- नगरीय परिवहन को सुगम बनाने के लिए 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन.
- अमृत योजना के अंतर्गत प्रदेश में रु 12228 करोड़ की 169 पेयजल, 110 सीवरेज तथा 341 पार्क एवं ग्रीन स्पेस परियोजनाएं स्वीकृत. इनमें 815000 पेयजल गृह संयोजन, 607000 सीवर गृह संयोजन तथा 5000 किमी. पेयजल पाइपलाइन तथा 2100 सीवर लाइन बिछायी जा चुकी है.
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 5500 किमी. सड़कों का निर्माण। 2800 मार्गों का समयबद्ध रिन्यूअल कार्य पूर्ण
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में 02 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य। 15445 तालाबों का चिह्नांकन करते हुए अब तक 8097 तालाबों (अमृत सरोवरों) का निर्माण । 64 विलुप्तप्राय नदियों का पुनरुद्धार
- पिछले साढ़े पांच वर्षों में 5 लाख से अधिक सरकारी भर्तियां। 1 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी
- छात्र-छात्राओं को यूनिफार्म एवं स्कूल बैग उपलब्ध कराने हेतु अभिभावकों के बैंक खाते में डी. बी. टी. के माध्यम से प्रति विद्यार्थी रु. 1200 भेजे गये.
- स्कूल मैपिंग के लिए ‘पहुंच’, करियर काउन्सिलिंग के लिए ‘पंख’, ई-लाइब्रेरी के लिए ‘प्रज्ञान’, अनुश्रवण के लिए ‘परख’, कौशल प्रशिक्षण के लिए ‘प्रवीण’, विद्यालयों के लिए ‘पहचान’ एवं संसाधन मैपिंग के लिए ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ पोर्टल का विकास.
- ”राज्य अध्यापक पुरस्कार” व ”मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार” हेतु नवीन मानक विकसित.
- 119 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क विकसित
- 111 राजकीय महाविद्यालय में वैज्ञानिक एवं तकनीकी पुस्तकों की उपलब्धता.
- 26 नवीन राजकीय पॉलीटेक्निक स्वीकृत एवं 24 निर्माणाधीन
- उप्र स्टार्ट-अप नीति के तहत प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं ए.के.टी.यू. के संस्थानों में 15 इन्क्यूबेशन सेन्टर की स्थापना.
- मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि गोरखपुर को NAAC मूल्यांकन में ए ग्रेड मिला.
- 87 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था
- इण्डिया स्मार्ट सिटी अवार्ड कांटेस्ट में उप्र का देश में प्रथम स्थान.
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम, जिनके श्राप के कारण हुआ था समुद्र मंथन
महाकुम्भ। सनातन संस्कृति में तीर्थराज, प्रयागराज को यज्ञ और तप की भूमि के रूप में जाना जाता है। वैदिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रयागराज में अनेक देवी, देवताओं और ऋषि-मुनियों ने यज्ञ और तप किये हैं। उनमें से ही एक है ऋषि अत्रि और माता अनसूईया के पुत्र महर्षि दुर्वासा। महर्षि दुर्वासा को पौरिणक कथाओं में उनके क्रोध और श्राप के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवता शक्तिहीन हो गये थे। तब देवताओं ने भगवान विष्णु के कहने पर असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। महर्षि दुर्वासा की तपस्थली प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है। मान्यता है कि अपने क्रोध के कारण ही महर्षि दुर्वासा को प्रयागराज में शिव जी की तपस्या करनी पड़ी थी।
महर्षि दुर्वासा के श्रापवश देवताओं को करना पड़ा था समुद्र मंथन
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंद गिरने के कारण ही प्रयागराज में महाकुम्भ का पर्व मनाया जाता है। पुराणों में समुद्र मंथन की कई कथाएं प्रचलित हैं, उनमें से एक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण ही देवताओं को असुरों के साथ मिल कर समुद्र मंथन करना पड़ा था। कथा के अनुसार एक बार देवराज इंद्र, हाथी पर बैठ कर भ्रमण कर रहे थे, महर्षि दुर्वासा ने उनको आशीर्वाद स्वरूप फूलों की माला पहनने को दी। देवराज इंद्र ने अपनी शक्ति के मद में महर्षि दुर्वासा की ओर ध्यान नहीं दिया और उनकी दी हुई माला को अपने हाथी को पहना दिया। हाथी ने फूलों की महक से परेशान होकर माला को गले से उतार कर पैरों से कुचल दिया। यह सब देखकर महर्षि दुर्वासा ने क्रोधवश देवराज इंद्र सहित सभी देवताओं को शक्तिहीन होने का श्राप दे दिया। तब देवता निराश हो कर विष्णु जी के पास पहुंचे। भगवान विष्णु ने देवताओं को पुनः शक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन करने को कहा। अंततः महर्षि दुर्वासा के श्राप से मुक्ति और अमरत्व प्राप्त करने के लिए देवताओं ने समुद्र मंथन किया था।
महर्षि दुर्वासा द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से मिलता है अभयदान
महर्षि दुर्वासा आश्रम उत्थान ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष शरत चंद्र मिश्र जी ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार परम विष्णु भक्त इक्षवाकुवंशीय राजा अंबरीष को क्रोधवश गलत श्राप देने के कारण सुदर्शन चक्र, महर्षि दुर्वासा को मारने के लिए पीछा करने लगे। महर्षि को भगवान विष्णु ने अभयदान के लिए प्रयागराज में संगम तट से एक योजन की दूरी पर भगवान शिव की तपस्य़ा करने को कहा। महर्षि दुर्वासा ने गंगा तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव का तप और पूजन किया, जिससे उन्हें अभयदान मिला। पौराणिक मान्यता है कि महर्षि द्वारा स्थापित शिवलिंग के पूजन से अभयदान मिलता है।
प्रयागराज के झूंसी में गंगा तट पर स्थित है महर्षि दुर्वासा का आश्रम
दूर्वा अर्थात दूब घास को ही अपना आहार बनाने वाले महर्षि दुर्वासा का आश्रम प्रयागराज में झूंसी क्षेत्र के ककरा दुबावल गांव में स्थित है। यहां महर्षि दुर्वासा के आश्रम में एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में शिव लिंग की स्थापना स्वयं दुर्वासा ऋषि ने ही की थी। मंदिर के गर्भगृह में साधना अवस्था में महर्षि दुर्वासा की प्रतिमा भी स्थापित है। साथ ही मंदिर के प्रांगण में अत्रि ऋषि, माता अनसुइया, दत्तात्रेय भगवान, चंद्रमा, हनुमान जी और मां शारदा की प्रतिमाएं भी है। महर्षि दुर्वासा को वैदिक ऋषि अत्रि और सती अनसुइया का पुत्र और भगवान शिव का अंश माना जाता है। भगवान दत्तात्रेय और चंद्रमा उनके भाई हैं। सावन मास में यहां प्रतिवर्ष मेला लगता है तथा मार्गशीर्ष माह की चतुर्दशी के दिन दुर्वासा जंयति मनाई जाती है।
महाकुम्भ में पर्यटन विभाग ने करवाया है दुर्वासा आश्रम और शिव मंदिर का जीर्णोद्धार
महाकुम्भ 2025 के दिव्य, भव्य आयोजन में सीएम योगी के निर्देश के अनुरूप प्रयागराज के मंदिर और घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने महर्षि दुर्वासा आश्रम का भी जीर्णोद्धार कराया है। मंदिर के प्रवेश मार्ग पर रेड सैण्ड स्टोन के तीन विशाल द्वार का निर्माण हुआ है। मंदिर की पेंटिग और लाईटिंग का कार्य भी करवाया जा रहा है। महाकुम्भ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालु अभयदान पाने के लिए महर्षि दुर्वासा आश्रम और शिवलिंग का पूजन करने जरूर आते हैं।
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