Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों का ‘वैश्विक महाकुंभ’ बनेगा यूपीआईटीएस-2024

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ बनाने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ जहां स्वयं प्रत्येक मंच से प्रदेश के उत्पादों की अक्सर ब्रांडिंग करते रहते हैं। वहीं, दूसरी तरफ शासन को निर्देशित कर विभिन्न आयोजनों के माध्यम से यहां के उद्यमियों को अपने उत्पाद की ब्रांडिंग का अवसर भी उपलब्ध कराते हैं। इस कड़ी में 25 से 29 सितंबर के बीच आयोजित होने जा रहा यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो- 2024 (यूपीआईटीएस- 2024) प्रदेश के पारंपरिक उद्यमियों के लिए ‘वैश्विक महाकुंभ’ साबित होगा। इस क्रम में, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी मंडलों के 270 से अधिक स्थानीय व पारंपरिक उत्पादों के उद्यमियों ने विभिन्न केटेगरीज के अंतर्गत अब तक रजिस्ट्रेशन करा लिया है। आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया में और तेजी आएगी।

रजिस्ट्रशेन कराने वाले उद्यमी हथकरघा, टेराकोटा, हस्तशिल्प, स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज, एमएसएमई, ओडीओपी समेत विभिन्न श्रेणियों के उद्यमों का संचालन कर रहे हैं, जो इस भव्य आयोजन में हिस्सा लेंगे। वहीं, नए निर्यातक, हस्तशिल्पी व महिला उद्यमी भी आयोजन में सहभागिता को लेकर बेहद उत्साहित और आशान्वित हैं। उनका एक स्वर में कहना है कि सीएम योगी की नीतियां न केवल प्रदेश की परंपरा को संरक्षित कर रही है, बल्कि हमारे उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार तक पहुंच को भी सुलभ बना रही है। उनके अनुसार, इससे हमारे उत्पादों की पहुंच दुनिया के विभिन्न देशों तक हुई है। इससे हमारी कमाई में भी बढ़ोतरी होगी।

वाराणसी मंडल के 44 हस्तशिल्पी लेंगे यूपीआईटीएस में हिस्सा

वाराणसी मंडल के 44 हस्तशिल्पी, नए निर्यातक और महिला उद्यमी इंटरनेशनल ट्रेड शो में जाने के लिए पंजीकरण करा चुके है। उद्योग विभाग के संयुक्त आयुक्त उमेश सिंह ने बताया कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में वाराणसी मंडल के 4 जिलों वाराणसी ,चंदौली जौनपुर और गाज़ीपुर के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के 20 उद्यमी हिस्सा लेंगे। वहीं, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (जिसमे लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, दरी, बेवरेज, मेडिकल प्रोडक्ट्स बायो फ़र्टिलाइज़र,मसाला नूडल्स व बनारसी सिल्क उद्योग आदि शामिल है) से जुड़े 16 उद्यमी भी प्रतिभाग करेंगे। बनारसी सिल्क साड़ी तथा कालीन उद्योग से जुड़े 8 नए निर्यातक समेत कुल 44 उद्यमी आयोजन में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

वाराणसी मंडल के 4 जिलों के विभिन्न कैटेगरी में उद्यमियों की संख्या
एमएसएमई महिला युवा उद्यमी

-वाराणसी -6
-जौनपुर -4
-गाज़ीपुर -2
-चंदौली -4

एक जिला एक उत्पाद
-वाराणसी -15
-जौनपुर -3
-गाज़ीपुर -1
-चंदौली -1

नए निर्यातक
-वाराणसी—8

आगरा के 134 उद्यमियों ने कराया पंजीकरण, अन्य कई जिलों के उद्यमी भी लेंगे हिस्सा

यूपीआईटीएस 2024 में हिस्सा लेने के लिए आगरा मंडल के 134 हस्तशिल्प ,नए निर्यातक और महिला उद्यमियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें आगरा से 51, मथुरा से 23, फिरोजाबाद से 56, मैनपुरी से 04 शामिल हैं। इनमें आगरा से डावर फुटवेयर, गुप्ता ओवरसीज, स्टोनमैन आदि निर्यातक शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ब्रज क्षेत्र के पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट और आधुनिक उत्पादों को आयोजन के माध्यम से बड़ा मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसी प्रकार, गोरखपुर से ओडीओपी के पांच (चार टेराकोटा और रेडीमेड गारमेंट), एमएसएमई के छह और निर्यातक श्रेणी के दो उद्यमियों के पंजीकरण हो चुके हैं। वहीं, कुशीनगर जिले से ओडीओपी और एमएसएमई समेत कुल चार रजिस्ट्रेशन हुए हैं जबकि महराजगंज में पांच और देवरिया में तीन उद्यमियों के रजिस्ट्रेशन हुआ है।

प्रयागराज में 7 उद्यमियों ने कराया है रजिस्ट्रेशन

प्रयागराज में कुल 7 उद्यमियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमें 03 एमएसएमई इकाइयों के उद्यमी भी हिस्सा लेंगे। इन उद्यमियों को ट्रेड शो में रियायती दरों पर स्टॉल प्राप्त होंगे। इनमें, मे० इकावो एग्रो डेली प्रा.लि, मे० आर० डी० इन्टरप्राइजज, मे० मुनीर अली, और मे० हैप्पी कल्चर शामिल है। इसी तरह एमएसएमई इकाइयों में मे० मैस औवरसीज प्रा० लि० और मे० विष्णु सेल्स शामिल है। वहीं, अयोध्या जिले के 3 उद्यमियों का भी आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण हो चुका है। अंबेडकरनगर से ओडीओपी के 4, सुल्तानपुर के एमएसएमई के 2 व ओडीओपी के 1, बाराबंकी से एमएसएमई के 4 व ओडीओपी के 2 व अमेठी के 2 ओडीओपी प्रोडक्ट्स से संबंधित उद्यमियों को यूपीआईटीएस 2024 में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।

झांसी, ललितपुर और जालौन के 10 उद्यमी लेंगे हिस्सा

यूपीआईटीएस 2024 में झांसी मंडल के तीनों जिलों झांसी, ललितपुर और जालौन के 10 उद्यमी अपने उत्पादों के साथ हिस्सेदारी करेंगे। ट्रेड शो में हिस्सा लेने के लिए जालौन के 1, ललितपुर के 2 और झांसी के 7 उद्यमियों ने अभी तक प्रस्ताव दिया है। जालौन जिले से आकाश निरंजन, ललितपुर जिले से सरोज सिंह, जनमे पंत और झांसी जिले से नीलम सारंगी, शिवानी बुंदेला, निहारिका तलवार, योगेंद्र आर्य, मनोहर लाल, अरुणा शर्मा और निखिल चौधरी ट्रेड शो में हिस्सा लेंगे। ट्रेड शो में ये उद्यमी एक जिला एक उत्पाद से जुड़े उत्पादों के अलावा हैंडलूम, फार्मा, एक्सपोर्ट, हॉर्टिकल्चर और गृहसज्जा से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएंगे। इसी प्रकार, बरेली में विभिन्न सेक्टर के 22 उद्यमी, बदायूं के 3, पीलीभीत के 4 तथा शाहजहांपुर के 3 उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं। कुल मिलाकर बरेली मंडल से 32 उद्यमी यूपीआईटीएस 2024 में अपनी सहभागिता अब तक सुनिश्चित करा चुके हैं।

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो योगी सरकार का हैंडीक्राफ्ट्स व आर्टिसंस के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। इससे इंटरनेशन बायर मिल रहा है। बीच से ब्रोकर के हटने से हम लोगों के हुनर का सही मूल्य मिल रहा है। सीएम योगी ओडीओपी और जीआई उत्पाद को नई पहचान दिलाते हुए खुद ब्रांडिंग नहीं करते तो ये कला धीरे-धीरे ख़त्म होने की कगार पर थी। सदियों पुरानी कला के साथ ही इस हैंडीक्राफ्ट से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाते। आज इस कला के पुनर्जीवित होने से हुनरमंद शिल्पियों के घर चूल्हे जल रहे हैं।
-कैसर जहां अहमद
डायरेक्टर (मोहम्मद इजरायल हैंडीक्राफ्ट)

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 के माध्यम से बनारसी फैब्रिक को फिर से दुनिया में नए कलेवर के साथ ले जाने का मौका दिया है। पहले बनारस का फैब्रिक बाहर जाकर डिजाइन होता था, अब सरकार ने वाराणसी को निफ़्ट का उपहार दिया है, जिससे वाराणसी को अच्छे डिजाइनर भी मिल रहे है। पिछले साल के इंटरनेशनल ट्रेड शो में इंटरनेशन बायर से काफी अच्छा बिज़नेस मिला था। इस बार और अच्छे बनारसी फैब्रिक और डिजाइन के साथ हम लोग जा रहे हैं। इसमे महिलाओं के लिए ‘रेडी टू वियर साड़ी’ ख़ास है” जिसे विदेशी महिलाएं, यंग लड़कियां और मेट्रो सिटी की महिलाएं ज्यादा पसंद करती हैं।

-हुर्रिया बानो
डायरेक्टर, शी क्रिएशन

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending