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MCD में हुआ तगड़ा हंगामा, अगली सदन की बैठक में होगा मेयर का चुनाव

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MCD Mayor election

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नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) में आज जो हुआ, वह अभूतपूर्व था। दरअसल, MCD को आज मेयर मिलने वाला था, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा (BJP) पार्षदों के बीच मारपीट और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। अब मेयर का चुनाव अगली सदन की बैठक में होगा, जिसकी तारीख उपराज्यपाल तय करेंगे।

आज सदन में क्या हुआ और हंगामा क्यों हुआ?

उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के महापौर के चुनाव के लिए सदन की पहली बैठक की घोषणा किए जाने के बाद शुक्रवार यानी छह जनवरी को बैठक शुरू की गई। साढ़े 11 बजे मेयर का चुनाव होना था। सुबह 10 बजे से चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं और पार्षद सिविक सेंटर पहुंचने लगे।

सिविक सेंटर में पहले पीठासीन अधिकारी, भाजपा पार्षद सत्या शर्मा को एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के चुनाव के लिए शपथ दिला गई। इसके बाद आप पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सत्या शर्मा ने फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मनोनीत सदस्य (एल्डरमैन, Alderman) को शपथ दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले मनोनीत सदस्य मनोज कुमार को शपथ लेने के लिए आमंत्रित करने के बाद आप विधायक और पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। कई लोग नारेबाजी करते हुए सदन के वेल में पहुंच गए।

हंगामे के बीच चार मनोनीत सदस्यों विनोद सहरावत, लक्ष्मण आर्य, मुकेश मान और सुनीत चौहान ने शपथ ली। हंगामे के दौरान आप पार्षद टेबल पर खड़े हो गए, वो पीठासीन अधिकारी क पास पहुंचकर हंगामा करने लगे। इस दौरान शपथ ग्रहण रोक दिया गया और बैठक बाधित हो गई।

हंगामे के दौरान आप और भाजपा पार्षदों के बीच तीखी नोंकझोक शुरू हो गई। पार्षदों ने फिर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा इतना बढ़ गया कि पार्षद मारपीट और हाथापाई करने लगे।

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि मनोनीत सदस्यों (एल्डरमैन) ने एमसीडी हाउस में न तो मेयर चुनाव में और न ही डिप्टी मेयर चुनाव में अपना वोट कभी डाला है। उन्हें स्थायी समिति के सदस्यों के लिए भी वोट डालने की अनुमति नहीं है। भाजपा गलत तरीकों से अपने वोटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

हंगामे के बीच भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव का सामना करने से क्यों डर रहे हैं? यह फिर से साबित करता है कि उन्हें स्थापित नियमों और मानदंडों में कोई विश्वास नहीं है।एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर भवन में बैठक को लेकर भारी पुलिस बल तैनात था।

एमसीडी हाउस में 250 निर्वाचित पार्षद शामिल हैं। दिल्ली से भाजपा के सात लोकसभा सांसद और आप के तीन राज्यसभा सांसद और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत 14 विधायक भी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के चुनाव में भाग लेंगे। स्थायी समिति के छह सदस्य भी चुने जाएंगे। नौ पार्षदों वाली कांग्रेस ने मतदान में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

250 सदस्यीय सदन में आप के पास स्पष्ट बहुमत है, हालांकि, कुछ बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है क्योंकि एमसीडी पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है और फ्लोर क्रासिंग संभव हो सकता है। महापौर चुनाव एक गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्षद किसी भी उम्मीदवार के लिए मतदान करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

आप ने दिसंबर में निकाय चुनाव में 134 वार्ड जीतकर एमसीडी में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया। भाजपा 104 वार्ड जीतने में सफल रही। बाद में मुंडका से निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराल भाजपा में शामिल हो गए।

महापौर के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 250 निर्वाचित पार्षद, सात लोकसभा और दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में आप के 13 और भाजपा के एक सदस्य को मनोनीत किया है।

महापौर चुनावों में कुल वोट 274 हैं। संख्या का खेल आप के पक्ष में है, जिसके पास भाजपा के 113 के मुकाबले 150 वोट हैं। कांग्रेस के नौ पार्षदों के नौ वोट हैं जबकि दो निर्दलीय भी हैं, हालांकि दिल्ली बीजेपी के मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर जीत हासिल करने की संभावना नहीं है, लेकिन वह महत्वपूर्ण स्थायी समिति के सदस्यों के तीन पदों को जीतने की कोशिश करेगी।

स्थायी समिति में 18 सदस्य होते हैं, जिनमें से 12 जोन से और छह सदन से चुने जाते हैं। सत्या शर्मा ने कहा कि हम जल्द ही बैठक फिर से शुरू करेंगे और बाकी नेता पहले शपथ लेंगे।

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नेशनल

अवध ओझा ने केजरीवाल को बताया भगवान कृष्ण का अवतार, कहा- समाज के कंस उनके पीछे पड़े हुए हैं

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और मशहूर शिक्षक अवध ओझा ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भगवान कृष्ण का अवतार बताया है। अवध ओझा ने कहा कि जब भी कोई समाज में बदलाव लाने की कोशिश करता है, खासकर जब वे गरीबों के लिए मसीहा बनने की कोशिश करते हैं तो सामाजिक ‘कंस’ (बुरी ताकतें) उनके पीछे आ जाती हैं। बता दें कि अभी हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा को पटपड़गंज विधानसभा से टिकट मिला है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल तो भगवान कृष्ण हैं। जिनके पीछे समाज के कंस पड़े हुए हैं। ये लोग नहीं चाहते हैं कि गरीबों का भला हो। केजरीवाल गरीबों के लिए काम करें। उन्हें डर है कि कहीं 2029 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल भारत के प्रधानमंत्री न बन जाएं। अरविंद केजरीवाल तो निश्चित रूप से भगवान हैं। मैं तो कह ही चुका हूं कि वह भगवान कृष्ण के अवतार हैं।

बता दें कि अवध ओझा पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है। वह एक भारतीय यूपीएससी कोच, यूट्यूबर, और शिक्षक हैं। इनका संबंध यूपी के गोंडा जिले से हैं। यूपीएससी ने निराशा मिलने पर इन्होंने इलाहाबाद में कोचिंग में पढ़ाना शुरू किया। कोविड में जब ऑफलाइन क्लासेज बंद हो गई थी, तब अपने अलग शिक्षण शैली के कारण काफी तेजी से यूट्यूब पर पॉपुलर हो गए। अभी हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने उन्हें पटपड़गंज विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। इससे पहले इस सीट पर मनीष सिसोदिया थे।

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