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उत्तर प्रदेश

लेजर शो के जरिए प्रदर्शित होगी यूपी की विकास गाथा और समृद्ध विरासत

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लखनऊ। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 के पांच दिवसीय आयोजन के दौरान बहुप्रतीक्षित आकर्षणों में लेजर शो का आयोजन भी शामिल है। इस प्रभावशाली आयोजन का शीर्षक ‘उत्तर प्रदेश – समय और प्रगति के माध्यम से एक यात्रा’ होगा। 27 और 28 सितंबर 2024 की शाम को इसका भव्य आयोजन होगा। यह आकर्षक शो हॉल नंबर 14 और 15 के सामने खुले क्षेत्र में शाम 7 बजे शुरू होगा और दूसरे दिन भी इसका दोबारा प्रदर्शन होगा।

तकनीकी के माध्यम से इस प्रभावशाली शो के जरिए दर्शकों को उत्तर प्रदेश के समृद्ध ऐतिहासिक और विकासात्मक माइलस्टोन को प्रदर्शित किया जाएगा। लेजर प्रोजेक्शन के दौरान रोशनी और ध्वनि के जरिए राज्य के विकास के महत्वपूर्ण स्तरों को जीवंत करेगा। प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से लेकर व्यापार और उद्योग में इसकी वर्तमान उपलब्धियों तक का प्रदर्शन इस शो के जरिए किया जाएगा। इस शो के जरिए दर्शक प्रगति की एक शानदार यात्रा के गवाह बनेंगे। इसमें वे देखेंगे कि कैसे उत्तर प्रदेश अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत के साथ वाणिज्य, नवाचार और आर्थिक विकास के जीवंत केंद्र के रूप में बदल गया है।

लेजर शो में राज्य के वैभवशाली अतीत को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें भारतीय सभ्यता, कला और संस्कृति में प्रदेश के शानदार योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही इसके वर्तमान और भविष्य पर भी प्रकाश डाला जाएगा, जिसमें इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि कैसे उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर भारत और एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना जैसी राष्ट्रीय आर्थिक पहलों का नेतृत्व कर रहा है। अत्याधुनिक दृश्यों और एक प्रभावशाली कथा के लुभावने संयोजन के साथ लेजर शो यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 में अवश्य देखे जाने वाला आकर्षण होगा। न केवल मनोरंजन, बल्कि आगंतुकों को उत्तर प्रदेश की अपार संभावनाओं के बारे में भी इसके जरिए जानकारी दी जाएगी। यह इस इंटरनेशनल ट्रेड शो का मुख्य आकर्षण और सभी आगंतुकों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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