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उत्तर प्रदेश

कुकरैल नदी के पुनरोद्धार को लेकर सीएम योगी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों संग की उच्चस्तरीय बैठक

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कुकरैल नदी के पुनरोद्धार को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने इससे संबंधित प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। सीएम ने 15 दिन में नदी का पूरा सर्वे पूरा कराते हुए रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने निर्देश दिया कि कुकरैल नदी के साथ-साथ लखनऊ की सई नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर भी प्लान तैयार करें।

टॉप टू टेल कराया जाए सर्वे

कुकरैल रिवर रिवाइटल एंड वाटर फ्रंट डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट को लेकर सिंचाई विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर विकास, जल निगम, नगर निगम, वन-पर्यावरण आदि विभाग के अधिकारियों संग बैठक में सीएम को बताया गया कि कुकरैल जीवित नदी है। इसका अधिकतम फ्लो 1700 क्यूसेक, जबकि न्यूनतम 120 क्यूसेक जल इसमें रहता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नदी के टॉप टू टेल पूरे एरिया का सर्वे कराया जाए। नदी के पुनरोद्धार से जुड़े सभी विभाग संयुक्त रूप से 10 दिन के भीतर सर्वे का काम पूरा करें। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव इस कार्य का नेतृत्व करेंगे।

फ्लड लेवल और कैचमेंट एरिया को चिह्नित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी के मेजर एरिया का सर्वे कराते हुए इस इलाके में ट्रैफिक फ्लो और आबादी का पूरा सर्वे भी कराएं। उन्होंने निर्देशित किया कि अधिकारी नदी के फ्लड लेवल की रिपोर्ट तैयार करें और कैचमेंट एरिया को चिह्नित करें। मुख्यमंत्री ने कुकरैल नदी के पुनरोद्धार को अति आवश्यक बताए हुए कहा कि यहां जॉगिंग एरिया, बटर फ्लाई पार्क, फिशिंग एरिया के साथ साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग, छठ पूजा घाट और पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित होनी चाहिए।

साबरमती रिवर फ्रंट का अध्ययन कराएं

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नदी में पानी के फ्लो को लेकर अध्ययन कराएं। विभिन्न विभाग आपसी समन्वय के साथ तय समय सीमा में सर्वे करें। इसके लिये टीम भेजकर साबरमती रिवर फ्रंट का भी अध्ययन कराएं। उन्होंने निर्देश दिया कि नदी के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण को कैसे हटा सकते हैं, इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। नदी का पुनरोद्धार करना बहुत जरूरी है। यहां रिवर फ्रंट डेवलपमेंट करना है, इसके लिए अच्छे लोगों की टीम बनाकर कार्य करें और समय सीमा के अंदर पूरे कार्यक्रम को आगे बढ़ाएं। नदी की ड्रेजिंग और डिसिल्टिंग को लेकर भी रिपोर्ट तैयार कराएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नदी के आसपास किस प्रकार फॉरेस्ट्री और सुंदरीकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयार कराएं। नदियों का लुप्त होना मानव सभ्यता के लिए चेतावनी है। पूरे अभियान की हर हफ्ते समीक्षा हो। अधिकारी 10 दिन में पूरे नाले का सर्वे कराते हुए 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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