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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की पहल, अब टिन शेड नहीं पक्के मकान में रहेगा मंजू का परिवार

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गोरखपुर। जरूरतमंद लोगों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता जग जाहिर है। उनकी समस्या जानते ही मौके पर समाधान की त्वरित पहल करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा है। मुख्यमंत्री की इसी संवेदनशीलता और कार्यशैली का एक नजारा आज उसे वक्त देखने को मिला जब वह टीपीनगर सिक्सलेन मार्ग फ्लाईओवर और देवरिया बाईपास से कनेक्टेड होने वाले फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उनकी नजर एक टिन शेड में रह रहे परिवार पर पड़ी और इस परिवार की आवास की समस्या के समाधान का मार्ग प्रशस्त हो गया।

शनिवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टीपीनगर फ्लाईओवर, सिक्सलेन मार्ग का निरीक्षण करते हुए देवरिया बाईपास के समीप पहुंचे और इस बाईपास से कनेक्ट होने वाले फ्लाईओवर की प्रगति जानने लगे। तभी उनकी नजर सड़क किनारे खड़े होकर उन्हें निहार रहे एक परिवार पर पड़ गई। परिवार की दीन दशा देख सीएम योगी उनकी तरफ बढ़ चले। उन्होंने सबसे आगे मौजूद उस परिवार की महिला से बातचीत की।

मंजू नाम की महिला से मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आप यहीं रहती हैं। महिला के हां कहने पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि पक्का आवास क्यों नहीं बना है। इस पर महिला ने उन्हें अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या यह जमीन आपकी है, क्या पीएम आवास नहीं मिला है। मंजू ने बताया कि जमीन तो उनकी है लेकिन पीएम आवास नहीं मिल सका है। मंजू की समस्या जानकर मुख्यमंत्री द्रवित हो गए। उन्होंने तत्काल प्रशासन के अफसरों को निर्देशित किया कि इस महिला के परिवार को जल्द से जल्द पीएम आवास उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यदि इस परिवार की जमीन विकास कार्य के चलते अधिग्रहण के दायरे में आई हो यो मुआवजा भी शीघ्र दिया जाए। सीएम का निर्देश मिलते ही प्रशासन प्रक्रिया में जुट गया है।

आवास की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से पक्का भरोसा मिलने से मंजू की आंखें खुशी से छलक उठीं। उन्होंने हाथ जोड़कर सीएम का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद मंजू ने कहा, ‘धन्य हैं महाराज जी। उनकी कृपा से अब हमारे परिवार की समस्या दूर हो जाएगी और पक्के मकान में रहने का सपना पूरा हो जाएगा।’

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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