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उत्तर प्रदेश

‘स्वच्छ गांव, शुद्ध जल-बेहतर कल’ के जरिए डायरिया पर अंकुश लगाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार भी ‘स्वच्छ गांव, शुद्ध जल-बेहतर कल’ अभियान चला रही है। डायरिया पर अंकुश लगाने के लिए इस अभियान के अंतर्गत विशेष तौर पर बल दिया जा रहा है। जलशक्ति मंत्रालय भी इसमें मुस्तैदी से लगा है। जलजीवन मिशन की तरफ से ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पेयजल स्रोत के आसपास स्वच्छता रखने के प्रति जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। इसके तहत, जल के उपयोग को बढ़ावा देने तथा जल जनित रोगों और स्वास्थ्य प्रभावों वाली सूचनाओं को सार्वजनिक स्थानों (ग्राम स्तर के पंचायत भवन, पानी की टंकी के समीप, प्राथमिक पाठशाला, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक / जनपद स्तर के मुख्यालयों पर जल गुणवत्ता सम्बन्धी वॉल राइटिंग) पर इन प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य, पौष्टिक आहार एवं पोषाहार में अच्छी गुणवत्ता तथा पेयजल के महत्व पर जागरूक किया जा रहा है। स्कूलों एवं विद्यालयों में स्वच्छता क्लब का गठन एवं कला प्रतियोगिता के माध्यम से जल गुणवत्ता आधारित प्रचार-प्रसार कार्यक्रम सम्पन्न कराया जा रहा है।

जल जीवन मिशन द्वारा गांव-गांव, घर-घर तक होगा जागरूकता का प्रसार

मानसून में जल जनित बीमारियों के आशंका को देखते हुए पूरे प्रदेश में डायरिया रोको अभियान चलाया जा रहा है। लगभग दो माह तक चलने वाले अभियान के तहत जल जीवन मिशन की ओर से ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल के महत्व को बताते हुए स्वच्छता के प्रति सचेत किया जा रहा है। प्रदेश के सभी गांवों में इसके लिये 15 से अधिक जागरूकता गतिविधियां भी चलाई जाएंगी। इसमें खासतौर पर महिलाओं एवं बच्चों को सहभागी बनाया गया है। ग्रामीणों को बीमारियों से बचाने के लिए पेयजल स्रोत और घर के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखने के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

राजस्व गांवों में किया जा रहा वृहद जन जागरूकता कार्यक्रम

जल गुणवत्ता के अन्तर्गत जल जीवन मिशन-की ओर से प्रदेश के समस्त राजस्व गांवों में वृहद जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत पाइप लाइन पेयजल एवं जल गुणवत्ता के विभिन्न मानकों का जल जांच कर जागरूक किया जा रहा है। इससे डायरिया समेत जल जनित रोगों के प्रति ग्राम पंचायत, ब्लॉक व जनपद स्तर पर आमजन को जागरूक कर बीमारियों के रोकथाम का प्रयास किया जा रहा है।

जलशक्ति मंत्रालय की ओर से होंगे विविध जागरूकता कार्यक्रम

डायरिया रोको अभियान के तहत योगी सरकार के निर्देश पर जलशक्ति मंत्रालय की देखरेख में अनेक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसके तहत फील्ड परीक्षण किट, बैक्टीरियोलॉजिकल वॉयल की सहायता से एफ०टी०के० यूजर्स महिलाओं के लिए जल गुणवत्ता परीक्षण जागरूकता कार्यकम चलाया जाएगा। एफ०टी०के० यूजर्स एवं अन्य महिलाओं के मध्य (फिट किट-यूज प्रॉसेस) तथा जल जनित बीमारियों के बचाने के लिए गांवों में फिल्म प्रदर्शन/वीडियो शो कार्यकम होंगे। पेयजल आपूर्ति, शुद्ध-सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता संबंधी प्रदर्शनी व जागरूकता कार्यक्रम होंगे तथा आई०ई०सी० सामग्रियों का वितरण होगा। जल गुणवत्ता के मुद्दों, जल जनित रोगों और स्वास्थ्य प्रभावों पर ग्राम पंचायत, ब्लॉक व जनपद स्तर पर कार्यशालाएं होंगी। दूषित जल के सेवन के दुष्प्रभावों, पेयजल-स्वच्छता के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों से जागरूक किया जाएगा। जल जनित रोगों और स्वास्थ्य प्रभावों से संबंधित स्वच्छता मेले होंगे। पेयजल एवं स्वच्छता समिति की बैठक एवं ओरिएंटेशन कार्यक्रम भी होंगे।

स्कूलों में स्वच्छता क्लब का होगा गठन

स्वास्थ्य प्रभावों, दूषित पेयजल एवं जलजनित रोगों से होने वाली बीमारियों से बचाव व सुरक्षित, प्रचालन हेतु स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति की बैठक एवं ओरिएंटेशन कार्यक्रम चलेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पौष्टिक आहार एवं पोषाहार में अच्छी गुणवत्ता तथा पेयजल के महत्व पर अन्तर-वैयक्तिक संवाद होंगे। स्कूलों आदि में पानी की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता कर (समस्त प्राथमिक/उच्चतर माध्यमिक व निजी विद्यालयों में स्वच्छता क्लब गठन एवं कला प्रतियोगिता कराई जाएगी। कार्यशाला, स्वच्छता मेला, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी, वॉल राइटिंग तथा पेयजल एवं स्वच्छता समिति की बैठक कार्य जल गुणवत्ता आधारित प्रचार-प्रसार वृहद स्तर पर कराया जा रहा है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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