उत्तर प्रदेश
अयोध्या का डंका, 15 दिन में पांच कीर्तिमान
अयोध्या। श्रीराम की नगरी अयोध्या कीर्तिमानों का भी एक रिकॉर्ड गढ़ रही है। अब तक यहां 15 दिन में दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक में पांच रिकार्ड बन चुके हैं। अब छठवां रिकार्ड कार्तिक पूर्णिमा के मेले पर बनाकर अयोध्या कीर्तिमान का सिक्सर लगा सकता है। इसे लेकर पूरी अयोध्या नगरी में हर्ष का माहौल है। राममय वातावरण में साधु संतों से लेकर आम जन व श्रद्धालु भी इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकार को दे रहे हैं।
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर निर्माण की शिला रखी, उसके बाद मानो देश-विदेश में अयोध्या का डंका बजने लग गया। दीपोत्सव तो प्रदेश में योगी सरकार के आते ही शुरू हो गया था, लेकिन मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद इसे और भी भव्य तरीके से मनाया जाने लगा। भव्य मंदिर में बाल रूप में श्रीराम के विराजमान होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में ऐतिहासिक दीपोत्सव मनाने का ऐलान कर दिया। यहां सरयू तट पर पांच दिन के भीतर ही तीन रिकार्ड बन गए। दो रिकार्ड सरयू आरती और दीपोत्सव के दीपों के मुख्यमंत्री खुद ही साक्षी थे।
जानिए अयोध्या में कैसे और कब-कब बने रिकार्ड
पहला रिकार्ड- 72 घंटे में बिछा दिए 28 लाख दीप
अयोध्या में राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित कर रिकार्ड बनाने का सीएम ने ऐलान किया था। इसे देखते हुए हर बार की तरह इस बार भी डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने वालंटियर लगाए थे। 35 हजार वालंटियर में स्कूल-कालेज के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी शामिल रहे। 27 अक्टूबर से 55 घाटों पर दीये बिछाने का क्रम शुरू हुआ। महज 72 घंटे के अंदर ही स्वयंसेवकों ने दीये सजाकर नया रिकॉर्ड अयोध्या की झोली में डाल दिया।
दूसरा रिकार्ड- एक साथ 1100 बटुकों के सरयू आरती का
30 अक्टूबर की शाम को सरयू नदी के किनारे एक नया रिकॉर्ड बना। वह था सरयू मां की आरती का। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से अयोध्या के प्रमुख साधु-संतों और 1100 बटुकों का नाम आरती करने की सूची में शामिल किया था। तीन दिन तक आरती का ट्रायल भी किया गया था। दीपोत्सव वाले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामकथा पार्क से सरयू आरती स्थल पहुंचे। यहां न सिर्फ उन्होंने आरती की बल्कि 1100 बटुकों ने एक ही रंग के वस्त्र धारण कर मां सरयू की आराधना की। 15 मिनट तक चलने वाली आरती के दौरान एक और नया रिकॉर्ड बन गया।
तीसरा रिकार्ड- राम की पैड़ी समेत 55 घाटों पर 25 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित
वालंटियर की तीन दिन की कड़ी परीक्षा के बाद जब घड़ी आई मुख्य रिकार्ड बनाने की तो उसमें भी वे पीछे नहीं रहे। 30 अक्टूबर की सुबह से ही दीयों में तेल और बाती डालने का काम शुरू कर दिया। शाम को 6 बजे के बाद जब दीप जलाने का कार्य शुरू हुआ। लगभग सवा घंटे में ही सारे दीप जला दिए गए। गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम के काउंटिंग करने के बाद अयोध्या को 25 लाख 12 हज़ार 585 दीप जलाने एक और नया रिकॉर्ड बनाने का सर्टिफिकेट मिल गया।
चौथा रिकार्ड- 35 लाख श्रद्धालुओं ने की 14 कोसी परिक्रमा
रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अब रिकार्ड बनाने की बारी श्रद्धालुओं की थी, सो उन्होंने कर दिखाया। कार्तिक परिक्रमा मेले से पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए। 9 नवम्बर की शाम साढ़े 6 बजे परिक्रमा उठाने का मुहूर्त था, लेकिन उससे पहले ही श्रद्धालुओं में आस्था इस कदर बढ़ गई की उन्होंने मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दी। 24 घंटे चलने वाली परिक्रमा में रात के समय ऐसी भीड़ पहुंची की जिला प्रशासन भी देखकर दंग रह गया। दूसरे दिन परिक्रमा का समापन दोपहर बाद 4:44 पर हुआ। 35 लाख श्रद्धालुओं के परिक्रमा करने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले कई वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक रहा।
*पांचवां रिकार्ड- 25 लाख श्रद्धालुओं के पंचकोसी परिक्रमा का अनुमान
14 कोसी परिक्रमा के बाद अब बारी थी जिले वासियों की। माना जाता है कि 14 कोसी में बाहरी श्रद्धालु अधिक रहते हैं। पंचकोसी में शहरी अधिक शामिल होते हैं। 11 नवम्बर को दोपहर पौने दो बजे के करीब के मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने परिक्रमा उठाई। रात भर मार्ग पर पर मेले जैसा माहौल रहा। सड़क के किनारे व्यापारियों की भी चांदी रही। दूसरे दिन सुबह 11 बजे के बाद परिक्रमा का समापन हुआ। एक अनुमान के मुताबिक 20 से 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा कर पुण्य अर्जित किया है। बताया जाता है कुछ परिक्रमार्थी ऐसे भी थे जिन्होंने 14 कोस की परिक्रमा करने के बाद पंचकोसी परिक्रमा भी की है।
छठवां रिकार्ड (प्रस्तावित)- कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए भी पहुंच सकते हैं लाखों श्रद्धालु
अयोध्या में 15 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान रहेगा। अब तक हुए मेले को देखते हुए जिला प्रशासन ने काफी प्रबंध कर रखे हैं। घाटों पर जल पुलिस व गोताखोरों को तैनात किया गया है। स्नान को ध्यान में रखते हुए चेंजिंग रूम भी बनवाये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी बड़ी तैयारी की गई है। इसमें पक्का घाट पर आठ बेड का अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। 12 जगह पर अस्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं। 15 स्थानों पर एम्बुलेंस तैनात की गई है। मेडिकल कॉलेज, जिला व श्रीराम अस्पताल मिलाकर 50 बेड रिजर्व कराया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखी जायेगी। महिला व पुरुष कर्मियों के अलावा जगह-जगह सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
इस बार भीड़ अधिक आई है : मंडलायुक्त
चूंकि मेले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खास निगाह है, इसलिए मंडलायुक्त समेत जिले के समस्त अधिकारी अपनी चौकसी बनाये हुए हैं। मंडलायुक्त गौरव दयाल ने बताया की दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक सब कुछ ठीक ठाक है। इस बार परिक्रमा में पिछली बार से काफी अधिक भीड़ थी। आने वाले दिनों में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
हनुमानगढ़ी, के डॉ देवेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लगातार अयोध्या एक नया ने कृतिमान स्थापित कर रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को जाता है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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