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उत्तराखंड

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र 21 और 22 जुलाई को

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उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र, 21 और 22 जुलाई को, मुख्यमंत्री हरीश रावत

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उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र, 21 और 22 जुलाई को, मुख्यमंत्री हरीश रावत

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देहरादून। आखिरकार उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र टल ही गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विभिन्न इलाकों में आई प्राकृतिक आपदा के चलते सत्र को टालने का निर्णय लिया। दो दिवसीय विशेष सत्र चार और पांच जुलाई की जगह अब 21 और 22 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। विधानसभा सचिव की ओर से सत्र को लेकर नया शासनादेश जारी कर दिया गया है।

पिथौरागढ़ और चमोली जिलों के सभी विधायकों ने एक दिन पूर्व विधानसभाध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उनके जिलों में आई आपदा के चलते वह चार जुलाई से शुरू हो रहे दो दिवसीय विशेष सत्र में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। ऐसे में सत्र को कुछ दिनों के लिए टाल दिया जाए। विधायकों के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए विधानसभा कुंजवाल ने सरकार को पत्र लिखकर राय मांगी थी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड विधानसभा सत्र को टालने का निर्णय लिया गया। चार, पांच जुलाई की जगह अब 21 और 22 जुलाई को सत्र होगा। विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र की ओर से शासनादेश भी जारी कर दिया है। सत्र को लेकर विधानसभा प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप भी दे दिया गया था। सत्र के दौरान सरकार की ओर से बजट समेत दर्जन प्रस्तावों को प्रस्तुत किया जाना था।

विशेष सत्र को लेकर पशोपेश में चल रही सरकार को प्रदेश में पैदा हुई आपदा की स्थिति से फैसला लेने में आसानी रही। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा कि उनके क्षेत्र में आपदा आई है, जिसके चलते वह जनता के बीच में व्यस्त हैं। ऐसे में विधानसभा के विशेष सत्र को टाला जाए।

सीएम ने इसी को आधार बनाकर सत्र को 21 जुलाई तक टालने का मंत्रिमंडल में निर्णय लिया। अब 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र क्या जवाब दाखिल करती है, उससे राज्य सरकार को बजट से संबंधित निर्णय लेने में आसानी रहेगी। अगर केंद्र विनियोग विधेयक पारित नहीं होने की बात सुप्रीम कोर्ट में रखता है, तो राज्य सरकार अपने पक्ष की पैरवी कर अपना आधार मजबूत कर सकती है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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