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उत्तराखंड

CDS बनने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी बिपिन रावत को बधाई

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थलसेना अध्यक्ष और चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस (सी.डी.एस) नियुक्त किए जाने पर बधाई दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत को सी.डी.एस का दायित्व सौंपा जाना उत्तराखण्ड का भी सम्मान है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सैन्य परंपरा पर गर्व है।

जनरल रावत के सी.डी.एस बनने से हमारी यह गौरवमय परंपरा भी सम्मानित हुई है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रहित से जुड़े इस अति महत्वपूर्ण पद की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि सी.डी.एस से तीनों सेनाओं के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित होगा और देश की सुरक्षा व्यवस्था भी और अधिक मजबूत होगी।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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