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स्टिंग पर घमासान, देहरादून में धारा 144 लागू

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स्टिंग पर घमासान, देहरादून में धारा 144 लागू, मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग आपरेशन

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स्टिंग पर घमासान, देहरादून में धारा 144 लागू, मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग आपरेशन

देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग आपरेशन पर प्रदेश की सियासी पार्टियां ही नहीं बल्कि समस्त उत्तराखंड की जनता भी सकते में आ गई है। एक समाचार चैनल के पत्रकार द्वारा किए गए इस स्टिंग आपरेशन में सीएम हरीश रावत ने जो कहा वह अविश्वसनीय है। सीएम ने कहा कि यदि बागी विधायक चाहें तो वे वापिस पार्टी में शामिल हो सकते हैं, उन्हें जो विभाग चाहिए लेलें और 25 करोड़ तो क्या 30 करोड़ कमाकर ले जायें।

उधर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हरीश रावत को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए, उनकी सरकार अल्पमत में है। और यह सरकार कितनी भ्रष्ट है यह मुख्यमंत्री के स्टिंग से साफ जाहिर होता है। सीएम ने कितनी बेशर्मी से कहा है कि आएं और कमाकर ले जाये, मैं आंखें बंद कर लूंगा। यह उत्तराखंड की जनता से धोखा है। क्या यही सब देखने के लिए उत्तराखंड की जनता ने बलिदान दिया था। उत्तराखंड को लूट की मंडी बना दिया गया है। जिस जनता ने उन्हें अपना नेता चुना, आज वही नेता कह रहा है कि जिसको जो कमाना है कमा ले, मैं उसमें कोई दखलंदाजी नहीं करूंगा। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी कहा है कि हरीश रावत की सरकार अल्पमत में है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रति शासन लगाने की मांग भी की।

दूसरी ओर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर आदि शहरों में आज रात से धारा 144 लागू कर दी गयी है। विधायकों के घर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। उत्तराखंड के सियासी घटनाक्रम पर बीजेपी का एक प्रतिनिधि मंडल आज राष्ट्रपति से मिला और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। भाजपा और बागी कांग्रेस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत की संलिप्तता दिखाने वाले स्टिंग आपरेशन के सामने आने के बाद वरिष्ठ भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने आज आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है और चारों तरफ शराब माफिया, खनन माफिया और भू माफिया खुले आम घूम रहे हैं।

यहां एक बयान में खंडूरी ने कहा, ‘उत्तराखंड में मौजूदा कांग्रेस सरकार के राज में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। विधायकों को धन के बल पर अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय चारों तरफ शराब माफिया, खनन माफिया और भू माफिया खुले आम घूम रहे हैं और उन्होंने खुली लूट मचा रखी है। पौड़ी गढ़वाल से सांसद खंडूरी ने कहा कि इस सरकार की भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की इच्छाशक्ति ही नहीं है और इसका फायदा उठाकर माफिया प्रदेश को लूट खसोट करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये उनकी तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2011 में एक सख्त लोकायुक्त कानून बनाया था जिसे विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित करवा कर राष्ट्रपति को भेजा गया था जिसे उनकी सहमति भी मिल गयी थी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही उस पर रोक लगा दी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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