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उत्तराखंड में सियासी भूचाल, रावत की कुर्सी खतरे में

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उत्तराखंड में सियासी भूचाल, सीएम हरीश रावत की कुर्सी खतरे में, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा गुट ने खोला मोर्चा, परदे के पीछे डोर सतपाल महाराज के हाथ में

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उत्तराखंड में सियासी भूचाल, सीएम हरीश रावत की कुर्सी खतरे में, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा गुट ने खोला मोर्चा, परदे के पीछे डोर सतपाल महाराज के हाथ में

असंतुष्ट विधायकों को मनाने में जुटे हरीश रावत 

देहरादून। घोटाले और विवाद उत्‍तराखंड के सीएम हरीश रावत का पीछा नहीं छोड़ रहे। बजट सत्र के दौरान ही सीएम हरीश रावत को विपक्ष से कहीं अधिक अपनों से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस का एक बड़ा गुट हरीश रावत की खिलाफत में उतर आए हैं। मजेदार बात यह है असंतुष्ट गुट का नेतृत्व पूर्व सीएम और हरीश रावत के धुर विरोधी विजय बहुगुणा कर रहे हैं, हालांकि सूत्रों का कहना है कि इसके पीछे की डोर कांग्रेस से भाजपा में गये सतपाल महाराज के हाथों में हो सकती है। महाराज की पत्नी विधायक अमृता रावत भी सत्र में खुलकर रावत सरकार पर हमले करने में जुटी हुई हैं। आपदा, स्टिंग, नैनीसार, खनन पट्टों के आवंटन आदि घोटालों व विवादों से सीएम हरीश रावत की खूब किरकिरी हुई है। इस मामले में जहां विपक्ष रावत सरकार पर लगातार हमले कर रहा है वहीं दूसरी ओर रावत के खिलाफत में कांग्रेसी विधायक भी शामिल हुए हैं।

पूर्व सीएम विजय बहुगुणा गुट ने खोला मोर्चा

सू़त्रों के अनुसार इस विरोध की शुरूआत विधायक अमृता रावत और काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने की है। दोनों ही नेता हरीश रावत के खिलाफ लंबे समय से गोलबंदी कर रहे हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस बीच कांग्रेस को उपचुनाव में सफलता मिल गई तो विजय बहुगुणा समर्थकों की बोलती कुछ समय के लिए बंद हो गयी। लेकिन रावत सरकार इस बीच कई विवादों में घिरती रही और हाईकमान तक इसकी रिपोर्ट पहुंचती रही।

सू़त्रों के मुताबिक हाईकमान भी रावत से खफा है, हालांकि हाईकमान ने असंतुष्ट विधायकों को स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में रावत को नहीं बदलेंगे। इससे खराब संदेश जा सकता है। हाईकमान से निरुत्तर असंतुष्ट विधायकों ने अब भाजपा को समर्थन देने की रणनीति के तहत सीएम रावत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि सीएम रावत गत दिन असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए विधानसभा से पैदल ही बहुगुणा के निवास तक जा पहुंचे थे।

परदे के पीछे डोर सतपाल महाराज के हाथ में

सूत्रों का कहना है कि अब तक बहुगुणा व अमृता को 13 कांग्रेसी विधायकों का समर्थन मिल चुका है जबकि यह संख्या 16 तक पहुंच सकती है। कांग्रेस की सदस्य संख्या 36 है जबकि बीएसपी के दो, तीन निर्दलीय व एक उक्रांद के सदस्य का भी उसे समर्थन हासिल हैं,जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 28 है। ऐसे में यदि 13 कांग्रेसी सदस्य भी भाजपा को समर्थन देते हैं तो रावत सरकार अल्पमत में आ जाएगी और उसका गिरना तय है। सूत्रों के अनुसार रावत की कुर्सी खतरे में देख उसे बचाने के लिए हाईकमान भी सक्रिय हो गई है। बहरहाल, कुर्सी की जंग और घोड़े पर सियासत को लेकर होली से पहले ही प्रदेश का राजनीति माहौल गरमा चुका है। इसे प्रदेश में सियासी भूचाल का नाम दिया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि रावत अपनी कुर्सी को किस तरह से बचा पाते हैं?

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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