उत्तराखंड
VIDEO : उत्तराखंड को मिला द मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड
उत्तराखंड में फिल्म बनाने के लिए सुंदर वातावरण और अच्छी लोकेशन होने के कारण राज्य को एक बड़ा सम्मान मिलने जा रहा है। सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड को ‘ द मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड ‘ चयनित किया गया है।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ.पंकज कुमार पांडेय ने बताया, ” उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री खुद हैं, इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में परिषद के कार्यों में तेज़ी लाई गई है। परिषद के माध्यम से फिल्म निर्माताओं को अधिक से सुविधा मिले, इसके लिए पूरे प्रयास किए गए हैं।”
उत्तराखण्ड राज्य को यह पुरस्कार राज्य में फिल्म शूटिंग के लिए निर्माता / निर्देशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए दिया गया है। हर साल दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए सभी राज्यों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसके बाद गठित समिति द्वारा पुरस्कार के लिए राज्यों का चयन किया जाता है। इस वर्ष इस चयन समिति के अध्यक्ष प्रसिद्ध फिल्म निर्माता/निर्देशक रमेश सिप्पी हैं। यह पुरस्कार आगामी 03 मई, 2018 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली में दिया जाएगा।
उत्तराखंड में वर्ष 2015 से अब तक लगभग 100 से अधिक फिल्म निर्माताओं द्वारा फीचर फिल्म, टी.वी.सीरियल, डाक्यूमेंट्री, वीडियो एलबम आदि की शूटिंग की गई है, जिन्हें उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विडों के माध्यम से सात दिनों से भी कम समय के भीतर शूटिंग के लिए अनुमति प्रदान की गई।
हाल ही उत्तराखंड में बनी कुछ फिल्में
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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