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उत्तराखंड

हिन्दी हमारे सम्मान और स्वाभिमान की भाषा है: त्रिवेंद्र सिंह रावत

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हिन्दी हमारे सम्मान और स्वाभिमान की भाषा है।

आज वैश्विक स्तर पर हिन्दी की स्वीकार्यता बढ़ी है। हिन्दी विश्व में करोड़ों लोगों तक पहुंच रखने वाली भाषा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने युवाओं से हिन्दी भाषा के सरंक्षण एवं सवर्द्धन में सहभागी बनने की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृ भाषा ही हमें अपनी संस्कृति से जोडने में मददगार होती है। उन्होंने हिन्दी भाषा के लिये समेकित प्रयासों की भी जरूरत बतायी।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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