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उत्तराखंड

उत्तराखंड: कोतवाली के सिपाहियों पर बरपा डेंगू का कहर

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देश में इन दिनों वर्षा ऋतु अपनी छटा बिखेर रही है। कही बारिश मौसम के मिजाज़ को खुशनुमा बना रही है तो कही लोग बाढ़ के कहर से अपनी जान बचाए फिर रहे है। महाराष्ट्र और केरल जैसी जगहों पर लोग बारिश से त्राहिमाम बोल गए है। जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है लोग दाने दाने को मोहताज हो गए है । हर साल की तरह ही बारिश के मौसम में इस साल भी एक और आफत ने जन्म ले लिया है जिससे पिड़ित ना जाने कितने लोगों को हर साल अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है और इस आफत का नाम है डेंगू। वैसे तो सरकार की तरफ से इसके लिए कई तरह के कड़े कदम उठाने का दावा किया जाता है पर ज़मीनी स्तर पर ज़्यादातर दावे दम तोड़ते हुए ही नज़र आते है। डेंगू की ऐसी ही शिकायत अब सामने आई है उत्तराखंड की कोतवाली से जहां डेंगू की चपेट में वहीं के सिपाही आ गए है।

दरअसल, डालनवाला कोतवाली में अचानक डेंगू ने कहर बरपा दिया। कई दिनों से बुखार से पीड़ित छह सिपाहियों में डेंगू की पुष्टि हुई है। ये सभी सिपाही कोतवाली और इसके अंतर्गत तीन चौकियों से संबंधित हैं। यह स्थिति ज्यादा गंभीर न हो इसके लिए चौकियों और कोतवाली परिसर में दिन में दो बार फॉगिंग कराई गई है। आपको बता दें कि डालनवाला कोतवाली के अंतर्गत आराघर, करनपुर, हाथीबड़कला और नालापानी चौकी आती है। इनमें से हाथीबड़कला को छोड़कर बाकी तीनों चौकियों में तैनात छह सिपाही बीते कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे। कोतवाल राजीव रौथाण ने बताया कि इन छह सिपाहियों में डेंगू की पुष्टि हुई है, इसके अलावा एक चौकी के प्रभारी भी काफी दिनों से बुखार से पीड़ित थे, हालांकि जांच रिपोर्ट में उनको टाइफाइड होना पाया गया है।

मंगलवार को सभी जगह पर फॉगिंग कराई गई है। इसके अलावा करनपुर सड़क के किनारे, डालनवाला कोतवाली के सामने और नालपानी चौकी के आसपास सफाई भी कराई गई है, जिससे वहां डेंगू का मच्छर और न पनप सके। इल मामले पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मंगलवार को डेंगू के 14 नए मरीज सामने आए हैं जिसके बाद डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 352 पहुंच गई है। हालांकि 12 मरीज जनपद से बाहर के हैं, जिनमें से देहरादून में कुछ का इलाज चला और कुछ भर्ती हैं इस तरह कुल मरीजों की संख्या 364 है।

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केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

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देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

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