उत्तराखंड
पीने के शुद्ध पानी को तरसती उत्तराखंड पुलिस
पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है 10 थानों और 44 चैकियों में
देहरादून। एक कहावत है कि पुलिस अपराधियों को ‘पानी’ पिला पिलाकर पस्त करती है। लेकिन विडंबना देखिये, अपराधियों को पानी पिलाकर पस्त करने वाली पुलिस खुद शुद्ध पानी के लिए तरस रही है। हालात यह हैं कि प्रदेश के कई थानों से लेकर चैकियों में पीने के लिए शुद्ध पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मानवाधिकार आयोग के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने जानकारी जुटाई तो यह बदरंग तस्वीर सामने आई। अब यह मामला राजभवन भी पहुंच चुका है। ज्ञात हो कि नेहरू कालोनी निवासी भूपेंद्र कुमार ने राजधानी के थाना चैकियों में पुलिसकर्मियों के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी। प्रदेश के अन्य थाना चैकियों में भी ऐसी ही स्थिति होने की आशंका जताई गई थी। आयोग की सदस्य डॉ. हेमलता ढौंढियाल ने मामले की सुनवाई करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन माना और पुलिस मुख्यालय को विस्तृत ब्योरा उपलब्ध कराने के आदेश दिए।
मानवाधिकार आयोग के आदेश पर हुई जांच में खुलासा
पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के मुताबिक, देहरादून जिले में 10 थानों और 44 चैकियों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। हरिद्वार में पांच थानों के साथ एक भी चैकी में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। उत्तरकाशी में दो थानों और सिर्फ एक चैकी में पीने का पानी उपलब्ध है, जबकि रुद्रप्रयाग में पांच में से एक थाने में और चमोली में तीन चैकियों में पेयजल उपलब्ध नहीं है। यद्यपि पौड़ी और टिहरी जिले के सभी थानों में पुलिस को शुद्ध पेयजल मिल रहा है। वहीं, नैनीताल जिले में चार थानों और सभी 17 चैकियों, ऊधमसिंह नगर की दो चैकियों, बागेश्वर में दो थानों व एक भी चैकी में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। अल्मोड़ा जिले में तीन थानों, पांच चैकियों, चंपावत में पांच थानों, चार चैकियों, पिथौरागढ़ में सात थानों और सभी 16 चैकियों में शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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