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उत्तराखंड

पल-पल बदल रहा मौसम का मिजाज

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उत्‍तराखण्‍ड का मौसम, देहरादून, आसमान पर हलके बादल

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उत्‍तराखण्‍ड का मौसम, देहरादून, आसमान पर हलके बादल

uttarakhand weather

देहरादून। प्रदेश में मौसम नित नये रंग बदल रहा है। सोमवार को देहरादून में सुबह से ही आसमान पर हलके बादल रहे और धूप कम ही निकली, लेकिन दिन भर जबरदस्त उमस रही। देहरादून में दोपहर दो तक तापमान 33 डिग्री था। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को देहरादून में हलकी बारिश हो सकती है। उधर, चारधाम के कपाट खुलने तक मौसम मेहरबान बना रहा। केदारनाथ, गंगोत्री में मौसम सुहावना बना रहा, जबकि यमुनोत्री में बादल रहे। उत्तरकाशी व चमोली के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हलकी फुहारें लगी रही। कुमाऊं के मैदानी इलाकों में गरमी से बुरा हाल रहा लेकिन पिथौरागढ़ के कई इलाकों में बारिश होने के समाचार हैं।

हर पांच किमी में बदल रहा मौसम

गौरतलब है कि विज्ञानियों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्वतीय इलाकों में मौसम हर पांच किलोमीटर पर बदल रहा है। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं, वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, आदि इलाकों में बादल फटने की मुख्य वजह भी ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव है। उनका कहना है कि बारिश अब एक सप्ताह में ही उतनी मात्रा में हो रही है जितनी कि पहले एक माह में होती थी। इसके कारण ही बादल फटने व बाढ़ की आशंका बनी रहती है। यही कारण है कि हाल में पिथौरागढ़ व चमोली में गत दिनों बादल फटने की घटना हुई। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि अब अगले सप्ताह भर बारिश जारी रहेगी, लेकिन उसकी मात्रा घट-बढ़ सकती है। इस मूसलाधार बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया।

गत दिन हुई बारिश के कारण गंगोलीहाट-पिथौरागढ़ रोड पर पनार के पास मलबा आने से सुबह दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा बाराकोट विकासखंड के बैड़ाओड़ ग्राम पंचायत के सेरी तोक में तेज बारिश और अतिवृष्टि से आए मलबे से भारी नुकसान हुआ है।

हरिद्वार में हुई बारिश

सोमवार को जहां देहरादून में बारिश के आसार तो बने, लेकिन बारिश नहीं हुई वहीं हरिद्वार के कुछ इलाकों में हलकी बारिश हुई। यह बारिश हरिद्वार से चीला तक रही, लेकिन दून की ओर बारिश नहीं पहुंची। इसके बावजूद हरिद्वार में भीषण गर्मी का प्रकोप है। मसूरी में भी बारिश की संभावना बनी हुई है।

 

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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