Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं लोग

Published

on

जौनपुर विकासखंड सिलवाड़ पटटी, पानी की बूंद बूंद, अठजुला के कांडी गांव

Loading

जौनपुर विकासखंड सिलवाड़ पटटी, पानी की बूंद बूंद, अठजुला के कांडी गांव

Water shortage

तीन मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी धरातल पर नहीं उतरी पंपिग योजना

मसूरी (देहरादून)। जौनपुर विकासखंड सिलवाड़ पटटी, अठजुला के कांडी गांव सहित आठ गांव के लोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे हैं। कांडी गांव के लोग विगत 25 सालों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं लेकिन आज तक इस समस्या के समाधान के मात्र कोरे आश्वासनों के अलावा कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया। मजबूरी में लोगों ने पशु पालने छोड़ दिए तथा गांव से अधिकतर लोगों ने पलायन कर लिया है। आश्चर्य की बात है कि तीन-तीन मुख्यमंत्रियों ने पंपिग योजना की घोषणा की लेकिन वह अभी तक कागजों तक ही सीमित होकर रह गयी। गांव में हाल यह है कि लोग पानी की चोरी होने से बचाने के लिए टंकियों में ताला लगा रहे हैं।

जल्द करेंगे आठ गांवो के लोग सपरिवार एनएच 507 को जाम

एक जमाने में जौनपुर विकास खंड का सबसे समृद्ध गांव कांडी पानी न होने के कारण आज खाली हो गया है। कांड़ी गांव तल्ला व मल्ला में करीब पचार परिवार रहते थे अब मात्र 10 प्रतिशत लोग ही गांव में बचे हैं। हाल यह है कि अब गांव में शादी करने व लड़की देने से पहले आदमी सौ बार सोचता है। कांडी गांव में पानी की योजना के लिए लगातार प्रयास किए गये लेकिन अभी तक कोई योजना धरातल पर नहीं आई। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा व गत वर्ष केंम्पटी आये वर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सड़ब खडड या खिला गाड से 863.89 लाख की पंपिग योजना स्वीकृत की लेकिन यह योजना आज तक धरातल पर नहीं आ पाई। हालांकि पूरे अठजुला में पानी की किल्लत है लेकिन सबसे अधिक परेशानी कांडी गांव तल्ला व मल्ला के साथ ही सड़ब तल्ला व मल्ला में है जहां सरकार की ओर से एक टाइम टैंकर से पानी दिया जा रहा है जो गांव से 10 किमी दूर सड़ब खाले से लाया जा रहा है। जब टंैकर नहीं आता तो ग्रामीणों को तीन से चार किमी दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता है।

कांडी के पूर्व प्रधान दीवान सिंह, बिरेन्द्र सिंह रावत, ने बताया कि पानी के लिए 25 वर्षो से संघर्ष किया जा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। तीन मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बाद भी आज तक योजना धरातल पर नहीं आई। उन्होंने बताया कि पानी न होने से गांव खाली हो रहा है वहीं गांव की आर्थिकी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि मवेशियों को पानी न मिलने के कारण लोगों ने पशु पालन ही बंद कर दिया। वहीं क्षेत्र में नकदी फसल भी पानी के कारण प्रभावित हो रही है। गांव के ही सूरत सिंह रावत ने कहा कि नेता लोग मात्र चुनाव में आते हैं और फिर दुबारा नहीं आते। ग्रामीण महिला मंजू ने कहा कि पानी न होने के कारण बच्चो को नहलाया भी नहीं जाता केवल खाना बनाते तक का पानी टैंकर से मिल पाता है। वहीं ग्रामीण बच्चों का कहना है कि पानी न होने के कारण वे स्कूल भी नहीं जा पाते क्योंकि पानी ढोने में ही दिन बीत जाता है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कमल रावत ने कहा कि पानी का मामला बीडीसी से लेकर सरकार तक उठा चुके हैं लेकिन आज तक योजना धरातल पर नहीं आ पाई अगर शीघ्र योजना पर कार्य नहीं हुआ तो ग्रामीण महिलांए पुरुष बच्चों व परिवार सहित आठ गांवों के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 507 पर जाम लगा कर धरना देगें।

 

 

Continue Reading

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

Published

on

Loading

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

Continue Reading

Trending