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पंजाब

हमने पिछले ढाई सालों में राज्य के 44700 युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है: भगवंत मान

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वर्ष 2022 में लोगों को मुफ्त बिजली देने की सुविधा शुरू की गई थी और इस समय 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह और भी संतोषजनक बात है कि घरेलू बिजली के साथ-साथ खेतों को भी निर्बाध मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने केवल 880 दिनों के कार्यकाल में राज्य के 44700 युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिससे पिछले ढाई सालों में औसतन रोजाना 51 युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। उन्होंने कहा कि समूची भर्ती पूरी तरह मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों और मंशा में युवाओं का विश्वास बढ़ा है, जिसके कारण वे विदेश जाने का इरादा छोड़कर यहां रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देशभर में अपनी तरह का पहला समर्पित सड़क सुरक्षा बल स्थापित किया है, ताकि राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले सड़क हादसों में होने वाली कीमती जानों को बचाया जा सके और सुरक्षा बढ़ाई जा सके। उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 1 फरवरी को शुरू किए गए इस बल ने पिछले साल की तुलना में सड़क हादसों में 1200 से अधिक कीमती जानें बचाई हैं।

महिलाओं को रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के अधिक अधिकारों के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समानता के सिद्धांत को लागू करने का प्रयास किया है और इस समय राज्य के छह जिलों में वरिष्ठ पुलिस कप्तान के रूप में महिला अधिकारी तैनात हैं और आठ जिलों में महिला डिप्टी कमिश्नर हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों को पहली बार अग्निशमन दल में भर्ती किया जाएगा और ऐसा कदम उठाने वाला पंजाब पहला राज्य होगा।

केंद्र की ओर से रोके गए फंडों पर सख्त ऐतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब केंद्र से कोई भीख नहीं मांगता, बल्कि अपना हक मांगता है। उन्होंने कहा कि हम जीएसटी इकट्ठा करके केंद्र के पास जमा कराते हैं और उसमें से अपना हिस्सा मांगते हैं, इसलिए केंद्र हमारे ऊपर कोई एहसान नहीं करता।

रखड़ पुण्या के मौके पर मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा नौवें पातशाह जी में नतमस्तक होकर ‘सरबत के भले’ की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बकाला की ऐतिहासिक और पवित्र धरती पर नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी ने लंबा समय भक्ति में बिताया। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरु साहिबानों ने लोगों को अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी है, जिसके कारण पंजाबियों ने हमेशा ही बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में देश का नेतृत्व किया है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी पंजाबियों का अहम स्थान है और हमें उनकी बहादुरी और अद्वितीय योगदान पर गर्व है।

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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