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पश्चिम बंगाल : शुरुआती 6 घंटे में 57 प्रतिशत से अधिक मतदान

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पश्चिम बंगाल विस चुनाव 2016, शुरुआती 6 घंटें, 57 प्रतिशत मतदान

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पश्चिम बंगाल विस चुनाव 2016, शुरुआती 6 घंटें, 57 प्रतिशत मतदान

Voting in west bengal 2016

कोलकाता| पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पांचवें चरण के तहत 53 सीटों पर हो रहे मतदान के शुरुआती छह घंटों में 57 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े। दक्षिण 24 परगना जिले के 31 विधानसभा क्षेत्रों, हुगली जिले के 18 विधानसभा क्षेत्रों और कोलकाता दक्षिण जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, “दोपहर एक बजे तक मतदान 57.10 प्रतिशत रहा। हुगली जिले में 59.83 प्रतिशत, कोलकाता दक्षिण में 46.35 प्रतिशत और दक्षिण 24 परगना में 58.24 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।” निर्वाचन आयोग ने जहां मतदान को शांतिपूर्ण बताया है, वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर मतदाताओं और चुनाव एजेंटों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है। वहीं, लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय सुरक्षाबलों पर ज्यादती करने का आरोप लगाया।

पश्चिम बंगाल  विधानसभा चुनाव

दक्षिण 24 परगना के सतगछिया मतदान केंद्र पर पश्चिम बंगाल विधानसभा (डब्ल्यूबीएलए) की उपाध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस की विधायक सोनाली गुहा को टीवी कैमरे पर किसी को फोन से ‘माकपा एजेंट को मार बाहर करो, उसने ईवीएम में कुछ गड़बड़ी की है..’ कहते सुना गया। गुहा ने ईसी पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के बावजूद उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। इससे एक घंटे तक काशीबाती के मतदान केंद्र में मतदान बाधित रहा। उन्होंने धरना भी दिया। इससे पहले उनकी केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान के साथ भी बहस हुई थी, जिन्होंने उन्हें ईवीएम मशीन के पास जाने से रोका था। माकपा और कांग्रेस ने उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। निर्वाचन आयोग ने इन टिप्पणियों पर संज्ञान लेते हुए गुहा के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश दिए।

दक्षिण 24 परगना के भानगर से कस्बा में बाहरी लोगों के आने की रिपोर्ट है। वहीं माकपा ने हुगली जिले के हरिपाल में अपने चुनाव एजेंट को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा मतदान केंद्र पर जाने से रोकने की बात कही। माकपा ने हुगली के खानाकुल और दक्षिण 24 परगना के कैनिंग ईस्ट विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर अपने एजेंटों को धमकाने का आरोप लगाया। हुगली के आरामबाग में तृणमूल और माकपा के बीच हाथापाई की रिपोर्ट है।वाम मोर्चा-कांग्रेस से समर्थन प्राप्त निर्दलीय उम्मीदवार अंबिकेश महापात्र का कहना है कि बेहाला पूर्व विधानसभा क्षेत्र में कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को घुसने से रोका जा रहा है। उन्होंने मतदान केंद्र के प्रभारी अधिकारी पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ता द्वारा अपने एक एजेंट के परिवार के सदस्यों को धमकाने का आरोप भी लगाया।

इन तीन जिलों में 14,642 मतदान केंद्रों पर लगभग 1.24 करोड़ (1,23,97,832) मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के योग्य हैं। इस चरण में 349 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 43 महिलाएं हैं। इस चरण में तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के साथ गठबंधन में वाम मोर्चा ने 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें माकपा 31, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक तीन, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी दो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने 14 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से केंद्रीय सुरक्षाबल की 680 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके साथ ही हजारों की संख्या में राज्य पुलिसकर्मी निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए तैनात किए गए हैं। राज्य में छठे और अंतिम चरण के तहत पांच मई को मतदान होगा।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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