Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भारतीय लोकतंत्र का वह काला दिन जब आपके और आपके अधिकारों के साथ बदसलूकी हुई, जानिए इमरजेंसी से जुड़ी ये बातें

Published

on

Loading

इमरजेंसी का वह दौर कौन भूल सकता है जब पहली बार किसी सरकार ने खुद के नागरिकों के अधिकारों के साथ बदसलूकी की। एक लोकतांत्रिक देश में लोकतंत्र का खुलेआम माखौल उड़ाया गया। एक ऐसा स्याह वक़्त जब अंधेरे को जबरदस्ती देश की हकीकत बना दी गयी। उस दौर की वह महत्वपूर्ण बातें जो शायद आप नही जानते होंगे हम आपको बताने जा रहे हैं।

इंदिरा गांधी ने आख़िर क्यों लगाई Emergency? – इसकी असल वजह इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक फै़सला बना। इसमें अदालत ने राज नारायण सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए रायबरेली सीट से इंदिरा की जीत को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही 1972 के भारत-पाक युद्ध के बाद से लगातार गिरती अर्थव्यस्था, बेरोज़गारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और बिहार में हुए छात्र आंदोलन ने भी इंदिरा को असहज कर दिया था और आख़िर में उन्होंने राष्ट्रपति के साथ मिल कर ये कर डाला।

1990 और उसके बाद की पीढ़ी ने बस इसके बारे में सुना है, लेकिन इसे करीब से कभी महसूस नहीं किया। आज जब इमेर्ज़ेंसी को लगे पूरे 43 साल हो गए हैं, तब इतिहास के उस काले अध्याय को याद करना ज़रूरी है, ताकि आज की पीढ़ी को भी ये एहसास हो सके कि आज़ादी के मायने क्या हैं।

मारे गए लाखों लोग – लाखों बेगुनाह लोग मारे गए जिनमें से कई के बारे में पता भी नहीं चला।

संजय गांधी – इंदिरा के छोटे बेटे संजय गांधी ने अपनी ख़ुद की राजनीति चमकाने के लिए इसे एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया। बिना किसी सरकारी पद के उन्होंने नौकरशाहों और नागरिकों पर अपने हुक्म चलाने शुरू कर दिए। जबरन नसबंदी और स्लम एरियाज़ में बुलडोज़र चलाना इसके कुछ उदाहरण हैं।

साभार – internet

कानून – इंदिरा गांधी ने भारतीय कानून को अपने हिसाब से बदलना शुरू कर दिया ताकि वो अपनी मनमानी जारी रख सकें।

ऑल इंडिया रेडियो – ऑल इंडिया रेडियो पर 25 जून 1975 के इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। उस रात देश के कई लीडिंग अख़बारों के दफ्तरों की बिजली काट दी गई थी। इसी कारण देश के बहुत से लोगों को इसकी ख़बर 27 जून को मिली।

चुनाव – इस दौरान सभी तरह के चुनावों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

साभार – internet

जेपी का आंदोलन – जयप्रकाश नारायण ने इंदिरा की इस मनमानी के ख़िलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की। नारायण ने पत्र लिखकर इंदिरा के विरोध में सत्याग्रह करने का संदेश भेजा। उस दौर में उनके द्वारा दिया गया नारा, ‘सिंहासन खाली करो की जनता आती है’, ख़ूब प्रचलित हुआ।

नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया – आपातकाल के दौरान जबरन देश की विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जेल में कैद कर दिया गया। मजबूरन कई लीडर्स को अंडरग्राउंड होना पड़ा. रेलवे यूनियन के नेता जॉर्ज फर्नांडिस को भी गिरफ़्तार कर लिया गया।

मीडिया पर सेंसरशिप – देश में मीडिया पर सेंसरशिप थोपी गई, जो भी अख़बार आपातकाल के विरोध में लिखते, उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। विदेशी मीडिया और उनके पत्रकारों को देश से जाने के लिए बाध्य कर दिया गया। इमरजेंसी के विरोध में इंडियन एक्सप्रेस के संस्थापक और संपादक रामनाथ गोयनका ने अपने संपादकीय कॉलम को कोरा प्रकाशित किया था।

लोगों के मरनोरंजन पर लगा अंकुश – दूरदर्शन पर देव आनंद की फ़िल्मों को रोक दिया गया और एक कार्यक्रम में किशोर कुमार द्वारा शामिल होने से मना करने पर उनके गाने रेडियो पर बैन कर दिए गए।

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending