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आध्यात्म

कैसे हुई थी कृष्ण की मौत : श्रीकृष्ण से जुड़ी वो कहानी जो शायद आपसे छूट गई

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मथुरा। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भद्र मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन रात 12 बजे हुआ था। कृष्ण विष्णु के 8वें अवतार हैं जिन्होंने द्वापर युग में जन्म लिया, ताकि वो लोगों को अपने मामा कंस द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों से बचा सकें।

चूंकि भगवान विष्णु सीधे इस धरती पर अवतरित हुए और यह उनका भौतिक अवतार था इसलिए उस दिन को कृष्णाष्टमी या जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में हर तरफ श्रीकृष्ण से जुड़ी कहानियों ही गूंज रहीं हैं। एक कहानी वो भी है जब एक बहेलिए ने कृष्ण पर चलाया विषयुक्त बाण चला दिया था। जिसके कारण उन्हों अपना शरीर त्याग दिया था।

एक दिन द्वारका क्षेत्र के एक वन में भगवान कृष्ण एक पीपल के वृक्ष के नीचे योगनिद्रा में लेटे थे। तभी ‘जरा’ नामक एक बहेलिए ने भूलवश उन्हें हिरण समझकर विषयुक्त बाण चला दिया।

जब भगवान कृष्ण ने किया अपनी देह का त्याग-

बाण उनके पैर के तलवे में जाकर लगा और भगवान श्रीकृष्ण ने इसी को बहाना बनाकर देह त्याग दी। महाभारत युद्ध के ठीक 36 वर्ष बाद उन्होंने अपनी देह इसी क्षेत्र में त्याग दी थी।

92 वर्ष की उम्र में श्री कृष्ण का निर्वाण-

ऐसा कहा जाता है कि जब महाभारत का युद्ध हुआ था तब श्री कृष्ण लगभग 56 वर्ष के थे। मान्यतानुसार उनका जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था। इस मान्यतानुसार 3020 ईसा पूर्व उन्होंने 92 वर्ष की उम्र में देह त्याग दी थी।

‘भालका’ तीर्थ से प्रसिद्ध है भगवान कृष्ण का निर्वाण स्थल-

जिस स्थान पर जरा ने श्रीकृष्ण को तीर मारा उसे आज ‘भालका’ तीर्थ कहा जाता है। वहां बने मंदिर में वृक्ष के नीचे लेटे हुए कृष्ण की आदमकद प्रतिमा है। उसके समीप ही हाथ जोड़े जरा खड़ा हुआ है।

(रिपोर्ट : द्वारकेश बर्मन)

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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