आध्यात्म
बड़े बालों की ख्वाहिश रखने वाला लड़का, क्यों हिन्दू धर्म से नफ़रत करने लगा है?
नई दिल्ली। हम आधुनिकता का स्कार्फ चाहे जितना ओढ़ लें, पर परम्पराओं की चद्दर हमें कभी न कभी लपेटनी ही पड़ती है। लेकिन नए ज़माने के लड़कों को कई बार ये चद्दर रास नहीं आती और वो इसके मूल कारण से नफ़रत करने लगते हैं। ऐसा ही होता है उन हिन्दू लड़कों के साथ, जो बड़े बाल रखने की ख्वाहिश रखते हैं। इसलिए क्योंकि हिन्दू धर्म में मुंडन संस्कार जीवन के सभी संस्कारों में एक अहम परंपरा है।
समय-समय पर जिन कारणों से हिन्दू लड़कों को मुंडन करवाना पड़ता है, वो कारण उनके मन में हिन्दू धर्म के प्रति ही घृणा का भाव लाने लगते हैं। लेकिन मुंडन क्यों करवाया जाता है, इसके पीछे का कारण बहुत कम लोगों को पता है। इसलिए अक्सर लोग तमाम दंतथाओं के आधार पर अपनी विचारधारा बना लेते हैं। आज हम आपको हिन्दू धर्म में मुंडन संस्कार के पीछे का कारण बताएंगे। बाकि किस धर्म के प्रति आपको कैसा भाव रखना हैं, इसका फैसला आप अपने विवेक से कर सकतें हैं।
हिन्दू धर्म में क्यों होता है मुंडन?
मुंडन यानी सिर के सारे बाल कटवाना। हिन्दू धर्म में मुंडन कराना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो सदियों से चली आ रही है। कई लोग तिरुपति और वाराणसी जैसे पवित्र स्थानों पर जाकर मुंडन करवाते हैं। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। जैसे, कई लोग बालों को ग़ुरूर का चिन्ह मानते हैं, जिसे भगवान के आगे दान कर देते हैं, कई लोग बाल अपनी मन्नत पूरी होने के बाद भी दान करते हैं।
बाल नहीं ये अहंकार का प्रतीक है:
हिंदू धर्म में जन्म और पुनर्जन्म पर विश्वास किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि बच्चे के मुंडन से बाद वह अपनी पुरानी ज़िन्दगी के बंधनों से मुक्त हो जाता है। बालों को अहंकार का चिन्ह भी माना गया है। इसी वजह से मुंडन करवाकर हम अपना अहंकार त्याग देते है। ऐसा भी माना जाता है कि मुंडन कराने से बुरे विचार ख़त्म हो जाते हैं।
मन्नत पूरी होने पर मुंडन:
कई लोग मन्नत पूरी होने पर मुंडन करवाते हैं। मन्नत पूरी हो जाने के बाद लोग अपने बाल भगवान को अर्पित कर देते हैं। इस परंपरा का चलन तिरुपति और वाराणसी में बहुत है।
दाह संस्कार के बाद मुंडन:
हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के बाद भी मुंडन करवाया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि जब पार्थिव शरीर को जलाया जाता है तो उसमें से कुछ हानीकारक जीवाणु हमारे शरीर पर चिपक जाते हैं। सिर पर चिपके इन जीवाणुओं को पूरी तरह से निकालने के लिए ही मुंडन कराया जाता है।
आध्यात्म
महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई
लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।
यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।
महापर्व 'छठ' पर हमरे ओर से आप सब माता-बहिन आ पूरा भोजपुरी समाज के लोगन के बहुत-बहुत मंगलकामना…
जय जय छठी मइया! pic.twitter.com/KR2lpcamdO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 7, 2024
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