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एक सच जिसे आपसे हमेशा छिपाया गया: मुसलमान सूअर का मांस नहीं खाते, क्यों?

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नई दिल्ली। हर धर्म की अपनी कुछ मान्यताएं होती हैं, रीती रिवाज़ होतें हैं। इन मान्यताओं और रीती रिवाजों के दो चेहरे होतें हैं। एक जो किताबों और ग्रंथों में लिखे हैं दूसरे जो लोगों की जुबां पर चढ़े हैं। इन दोनों पहलुओं में सच-झूठ का फ़र्क होता है। इसी तरह की एक मान्यता मुस्लिम संप्रदाय में है कि मुस्लिम सूअर का मांस नहीं खाते। लेकिन कई दंतकथा वाचक इसका खंडन करते हैं और जो कारण उन्हें पसंद आता है, वो इसके बदले में पेश करते हैं। इसलिए इसके पीछे की सच्चाई शायद अभी तक आपसे छिपी होगी। हम इस मान्यता का खंडन मंडन किए बिना इसकी सच्चाई आपको बताएंगे।

बात भारत की करें तो जिस तरह हिंदू धर्म में गाय का गोश्त खाना प्रतिबंधित है। ऐसे ही मुस्लिम लोगों में अल्लाह द्वारा सूअर का गोश्त खाना प्रतिबंधित है। इसका मुख्य कारण कुरान में लिखा है जिसके अनुसार आपको कुछ चीजें खाने की अनुमति है और कुछ चीजें खाना प्रतिबंधित है। सुअर एक गंदा जानवर है क्योंकि वह गन्दगी में रहता है। इसके साथ ही वह गंदी चीजें खाता है। जो इन्सानों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है। सूअर में बहुत सारी बीमारियां होती हैं। इसलिए उसका गोश्त नहीं खाना चाहिए।

आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसका फैसला लेने के लिए आप पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। हम सिर्फ प्राचीन मान्यताओं के आधार पर आपको जानकारी देते हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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