Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

क्या हुआ तेरा वादा सरकार…! क्यों आज भी दर दर की ठोंकरे खाने पर मजबूर है शहीद हनुमंथप्पा की पत्नी

Published

on

Loading

जम्‍मू-कश्‍मीर के सियाचिन में तीन साल पहले शहीद होने वाले कर्नाटक के लांसनायक हनुमंथप्पा की बहादुरी को पूरा देश आज भी सलाम करता है। साल 2016 में हुए आतंकी हमले में में शहीद जवानों के घरवालों को उस समय केंद्र और राज्‍य सरकारों नौकरी, घर और जमीन देने का वादा किया था। साथ ही उनकी 5 साल की बेटी का भविष्‍य सुरक्षित करने की दिशा में भी कदम उठाने की बातें की गई थीं पर जवान की पत्‍नी महादेवी को अब तक कोई नौकरी नहीं मिल सकी है। उनके पास ऐसा कोई आर्थिक स्‍त्रोत भी नहीं है जिसके जरिये वह अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा दिला सकें।शहीद हनुमंथप्पा की पत्नी महादेवी बताती हैं, कि ‘दो साल पहले उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से एक पत्र मिला था, जिसमे उन्हें धारवाड़ जिले में रेशम उत्‍पादन विभाग में नौकरी करने की बात कही गयी थी। वह बताती हैं कि उन्होंने वहां छह से आठ महीने तक अस्‍थायी कर्मचारी के रूप में काम किया। इस दौरान उन्हें छह हजार रुपये वेतन दिया गया। लेकिन जब उन्होंने अधिकारियों से नौकरी पक्‍की करने की बात की तो उन्‍होंने कोई जवाब नहीं दिया।शहीद जवान की पत्‍नी के मुताबिक, उन्‍होंने नौकरी पाने के लिए काफी मशक्‍कत की। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री, कलेक्‍टर से लेकर कई विभागों को इस संबंध में पत्र भेजा लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद स्‍थायी नौकरी पाने की मेरी सारी आशाएं खत्‍म हो गईं। महादेवी आगे बताती हैं कि, केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने उनको सरकारी नौकरी दिलाए जाने को लेकर एक ट्वीट किया था।लेकिन जब वो हुबली से वापस आई और उन्होंने स्मृति ईरानी से मुलाकात की बात की तो उन्‍होंने ऐसा कोई ट्वीट किए जाने से इनकार कर दिया। सरकारों की असंवेदनशीलता को देखते हुए महादेवी जी ने नौकरी के लिए कहना छोड़ दिया है।कर्नाटक सरकार ने महादेवी को बेगदूर के पास चार एकड़ कृषि भूमि दी है पर बंजर होने की वजह से यह किसी काम की नहीं है। इसके अलावा बारीदेवरकोप्‍पा में एक एकड़ का प्‍लॉट भी महादेवी को मिला है पर अभी तक उनका घर नहीं बनवाया गया है। महादेवी को अपनी बेटी की भविष्‍य की चिंता खाए जा रही है। उन्‍होंने बिटिया को निशुल्‍क शिक्षा दिलाए जाने की मांग की है।आपको बता दें कि लांसनायक हनुमंथप्‍पा सियाचिन में छह दिन तक बर्फ के नीचे दबे रहे। उनको चमत्‍कारिक रूप से जीवित अवस्‍था में सेना ने बाहर निकाल लिया था लेकिन उनकी तबीयत इतनी ज्‍यादा खराब हो गई थी कि उन्‍हें बचाया नहीं जा सका। 25 फीट नीचे बर्फ में दबे रहे जवान को दिल्‍ली के सैन्‍य अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। जवान की मौ’त के बाद धारवाड़ जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बेटादुर में कई मंत्रियों और अधिकारियों का काफिला आया था और ढेर सारे वादे किए गए थे।

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending