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उत्तर प्रदेश

कर्मठता, अनुशासन, पारिवारिक संस्कारों के साथ पीएम मोदी का हर काम देश के नामः सीएम योगी

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लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत जीवन अनुशासन व सादगी से भरा है। सामान्य नागरिक, कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने शून्य से यात्रा प्रारंभ की। अपनी कर्मठता, विचार परिवार से मिले अनुशासन, पारिवारिक संस्कारों के जरिए हर काम देश के नाम के लक्ष्य के साथ उन्होंने जीवन को आगे बढ़ाया तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक प्रमुख (भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री) के रूप में हम सभी का नेतृत्व कर रहे हैं। आर. बाला सुब्रमण्यम की पुस्तक उनके विस्तृत स्वरूप का उल्लेख करती है। हर किसी को इस पुस्तक का हर किसी को अवलोकन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन सभागार में आयोजित सेवा पखवाड़ा संगोष्ठी को संबोधित किया। सीएम योगी ने आर बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की। यह कार्यक्रम लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जनपदों में भी आयोजित किया गया। सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला।

पीएम मोदी के व्यक्तित्व को प्रस्तुत करती है पुस्तक

सीएम योगी ने कहा कि आर बालासुब्रमण्यम द्वारा लिखित पुस्तक ‘पॉवर विदिनः द लीडरशिप लीगेसी ऑफ नरेंद्र मोदी’ पीएम के संपूर्ण व्यक्तित्व को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है। यह केवल पुस्तक नहीं है, बल्कि शून्य से शिखर की यात्रा का नाम है, जिसे नया भारत न केवल देख रहा है, बल्कि उसके अनुसार जीवन भी जी रहा है। मोदी जी के सक्षम व विजनरी लीडरशिप में नए भारत का दर्शन हो रहा है। वे सेवा के संकल्प की जिस यात्रा को लेकर बढ़े हैं, उसे समृद्धि की नई
ऊंचाई तक पहुंचाने और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के प्रतिफल को इस पुस्तक के माध्यम से देश-दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया गया है।

लक्ष्य के साथ विकसित भारत का रास्ता भी बताना पीएम मोदी के विजनरी नेतृत्व का गुण

सीएम योगी ने कहा कि कोई भी देश अचानक विकसित नहीं हुआ। उन सभी ने बड़े विजन व लक्ष्य के साथ काम किया। जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था तो पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का रोडमैप दिया और इसके लिए पंच प्रण का रास्ता भी बताया। लक्ष्य देने के साथ ही रास्ता बताना विजनरी नेतृत्व का गुण होता है। दस वर्ष के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल को धरातल पर उतारने का कार्य भी दिया। भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में समृद्ध किया। जहां कोई नहीं पहुंच पाया, वहां भारत का चंद्रयान पहुंचा है।

समावेशी विकास व कल्याणकारी योजनाओं का किया अनुभव

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के समावेशी विकास व कल्याण योजनाओं का हर किसी ने अनुभव किया। ‘सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे सन्तु निरामया’ भारत की ऋषि परंपरा की देन रही है तो वहीं 2014 में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया। संकट आने पर नेतृत्वकर्ता का गुण होता है कि डटकर मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार करे और जनता के उद्धार का मार्ग प्रशस्त कर सके। कोरोना के समय पीएम मोदी ने देखा कि श्रमिक वर्ग, कारीगर, हस्तशिल्पी के रोजगार पर बुरा असर पड़ा तो उन्होंने 80 करोड़ लोगों को फ्री में राशन की सुविधा दी। इसके साथ ही अनेक योजनाओं का लाभ दिया गया। इसमें चेहरा, जाति, भाषा, क्षेत्र देखे बिन सबका साथ, सबका विकास का समावेशी भाव था। इन योजनाओं ने भारत की छवि को ईज ऑफ लिविंग के बेहतरीन प्रयास करने वाले देश के रूप में प्रस्तुत किया।

गरीबों की मदद तो पाकिस्तान को धूल भी चटाया

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एक तरफ कोरोना में उन्होंने ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट, टीका फ्री में उपलब्ध कराया गया। जब रोजगार छीन गया तो गरीबों की हरसंभव मदद की। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने दुस्साहस किया तो सर्जिकल स्ट्राइक व बालाकोट में एयर स्ट्राइक में भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि दिव्य जिम्मेदारी भी है। सिखों की आस्था से जुड़े करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हुआ तो बाल दिवस को गुरु गोविंद सिंह के चार-चार साहिबजादों की स्मृति के रूप में मान्यता दिलाकर पीएम मोदी ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परंपरा को बढ़ाने का कार्य किया। योग ऋषि परंपरा का प्रसाद है। 21 जून पर विश्व योग दिवस के जरिए लगभग पौने दो सौ देश को योग परंपरा से जोड़ा। 2019 में प्रयागराज कुंभ को दिव्य-भव्य रूप से जुड़ने का अवसर मिला। यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त हो, यह भी पीएम मोदी के प्रयास से संभव हुआ।

मोदी जी के विजनरी लीडरशिप में सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में स्थापित हुई भाजपा

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का प्रयास रहा कि भाजपा केवल सत्ता प्राप्त करने वाली पार्टी न बने। भारत यदि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो भारत का वास्तविक प्रतिनिधित्व करने वाली भाजपा को सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में गौरव प्राप्त हो, यह भी पीएम मोदी के विजनरी लीडरशिप में संभव हो पाया। यदि देश किसी आपदा या चुनौती से घिर गया हो तो ‘सेवा ही संगठन’ के मूल मंत्र का ध्यान रखते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया, इस पर कोरोना के दौरान भाजपा के लाखों कार्यकर्ता जनता की सेवा में लग गए थे। कोविड प्रबंधन को सफलतापूर्वक बढ़ाने में भारत ने बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत किया।

पीएम के नेतृत्व में असम, त्रिपुरा, ओडिशा में भी बनी भाजपा सरकार

योगी ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में भाजपा ने कठिन क्षेत्रों में भी पहुंच बनाई। असम में जब भाजपा ने पहली बार सरकार बनाई तो आपके बीच से ही कार्यकर्ता डॉ. महेंद्र सिंह को प्रभारी के रूप में भेजा गया। त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनी। मणिपुर, अरुणांचल, मेघालय व नागालैंड में भाजपा के सहयोग से सरकार चल रही है। इन क्षेत्रों में भाजपा व भारत के बारे में लोगों के मन में संशय था। उनमें अलगाववाद का भाव देखने को मिलता था, क्योंकि कांग्रेस व 2014 के पहले की सरकारों ने उन्हें आत्मीयता के साथ नहीं जोड़ने का प्रयास नहीं किया। वहीं पीएम मोदी ने लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत नॉर्थ ईस्ट को जिस भाव से जोड़ा, उसकी बदौलत आज वह विकास की मुख्यधारा से जुड़ा है। उग्रवाद से मुक्त होकर भारत की एकता-अखंडता को मजबूती प्रदान किया है। यह लोग भी सांस्कृतिक व राजनीतिक रूप से जुड़कर गौरव की अनुभूति करते हैं। ओडिशा में भाजपा की सरकार है तो प. बंगाल में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है। वहां भाजपा मजबूती के साथ जनता की आवाज बनकर बढ़ी है। देश के बड़े क्षेत्र में भाजपा की राज्य सरकारें काम कर रही हैं। मोदी जी ने कहा था कि देश के हित में भाजपा की जीत आवश्यक है।

अब भारत जो चाहेगा, दुनिया में वही होगा

सीएम योगी ने कहा कि एक समय था, जब दो ध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था बन चुकी थी। एक का नेतृत्व अमेरिका व दूसरे का रूस (सोवियत संघ) करता था। धीरे-धीरे व्यवस्था एकतरफा होती गई, लेकिन आज वैश्विक व्यवस्था का ध्रुवीकरण भारत के बिना संभव नहीं है। भारत जो चाहेगा, दुनिया में वही होगा। भारत में जी-20 समिट के सफलतापूर्वक कार्यक्रम भी हुए। अनेक कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश में जुड़ने का अवसर मिला। दिल्ली में कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने संवाद में कहा कि भारत जितना सफल कार्यक्रम कहीं नहीं हुआ। ब्रिक्स समिट और क्वाड जैसे मंचों पर पीएम मोदी की उपस्थिति ने दिखाया है कि दुनिया को एकजुट करना है।

स्वच्छ भारत मिशन व मन की बात के जरिए जनता से जुड़े हैं पीएम मोदी

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनता-जनार्दन के साथ पीएम कनेक्ट हैं। बिना जनसहभागिता के कार्यक्रम नहीं होता है। उनका हर कार्यक्रम देश के नाम होता है और इसमें जनसहभागिता होती है। स्वच्छ भारत मिशन भी इसका उदाहरण है। मन की बात में पीएम ने आमजन से जुड़ी ज्वलंत समस्याओं को उठाया। अब पद्म पुरस्कार ऐसे तबके को मिल रहा है, जो विशिष्ट कार्य करने के बावजूद इससे अछूते थे। उन्होंने कहा कि यूपी में 2.62 करोड़ से अधिक परिवारों को शौचालय देकर नारी गरिमा का भी आह्वान किया गया है।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, संजय सेठ, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, रामचंद्र प्रधान, मुकेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कोरी, प्रदेश मंत्री शिवभूषण सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

मुख्य स्नान पर्वों के दिन प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर अलग-अलग होंगे एंट्री और एग्जिट के रास्ते

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महाकुम्भनगर। महाकुम्भ 2025 को लेकर प्रयागराज रेल मण्डल ने अपनी लगभग सभी तरह की प्लानिंग और तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके साथ ही मुख्य स्नान पर्वों जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के दिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से प्रयागराज रेल मण्डल के सभी स्टेशनों पर एंट्री और एक्जिट के प्लान तैयार कर लिए गए हैं। स्टेशन परिसर में श्रद्धालुओं को किसी तरह की अफरा-तफरी और समस्याओं से बचाने के लिए एंट्री और एग्जिट के अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। मालूम हो कि अनुमान के मुताबिक महाकुम्भ में आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं में से लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु ट्रेन से प्रयागराज आएंगे। महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के क्रम में प्रयागराज रेल मण्डल अनुमान के हिसाब से महाकुम्भ के दौरान 3000 मेला स्पेशल ट्रेनों के साथ लगभग 13000 ट्रेनें चलाने की योजना पर काम कर रहा है।

सभी स्टेशनों पर अलग-अलग एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था

महाकुम्भ के मुख्य स्नान पर्वों पर प्रयागराज रेल मण्डल के स्टेशनों पर एंट्री और एक्जिट प्लान के बारे में जन संपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि मुख्य स्नान पर्वों के दिन प्रयागराज जंक्शन में एंट्री या प्रवेश केवल सिटी साइड, प्लेटफोर्म नं.-1 की ओर से दिया जाएगा और एक्जिट सिविल लाइंस साइड की ओर से ही होगा। अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार, उनके गन्तव्य स्टेशन के हिसाब से यात्री आश्रय स्थलों के माध्यम से सही ट्रेन और उसके प्लेटफॉर्म की ओर ले जाया जाएगा। वहीं आरक्षित या पहले से रिजर्वेशन कराये हुए यात्रियों को प्रयाराज जंक्शन के सिटी साइड से गेट नंबर 5 से अलग से प्रवेश कराया जाएगा। इसी तरह नैनी जंक्शन पर प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा और निकास केवल मालगोदाम की ओर दूसरे प्रवेश द्वार से होगा। प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से तो निकास केवल जीईसी नैनी रोड की ओर से कराया जाएगा।

सूबेदारगंज, रामबाग और प्रयाग संगम स्टेशन का एंट्री और एक्जिट प्लान

इसी तरह, सूबेदारगंज स्टेशन में स्नान पर्वों के दिन प्रवेश केवल झलवा, कौशाम्बी रोड की ओर से और एक्जिट केवल जी.टी. रोड की ओर ही होगा। प्रयाग जंक्शन में एंट्री केवल चैथम लाइन, प्लेटफोर्म नं.-1 की ओर से तो एक्जिट रामप्रिया रोड, प्लेटफॉर्म नं.- 4 की ओर से होगी। लेकिन आरक्षित या रिजर्व्ड यात्रियों को सहसों मार्ग से द्वितीय प्रवेश द्वार की ओर से ही प्रवेश दिया जायेगा। तो वहीं फाफामऊ स्टेशन में प्रवेश केवल द्वितीय प्रवेश द्वार, प्लेटफॉर्म नं.-4 की ओर और निकास केवल फाफामऊ बाजार की ओर से होगा और प्रयागराज रामबाग स्टेशन में यात्रियों को प्रवेश केवल हनुमान मन्दिर चौराहा की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार से दिया जाएगा और निकास केवल लाउदर रोड की ओर से होगा। इसके अलावा प्रयागराज संगम स्टेशन, दारागंज लगभग मेला क्षेत्र में ही होने के कारण मुख्य स्नान पर्वों के दिन बंद रहेगा।

गंतव्य स्टेशन की दिशा के मुताबिक आश्रय स्थल से होगी निकासी

महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर 3000 से 4000 यात्रियों के रुकने की व्यवस्था के आश्रय स्थल बनाए गए हैं। इन यात्री स्थलों में श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य स्टेशन क मुताबिक अलग-अलग कलर कोड के आश्रय स्थलों में रुकवाया जाएगा। अनरिजर्वड या अनारक्षित टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रय स्थलों में बने टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम या मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी। तो वही रिजर्वड या आरक्षित यात्रियों को उनकी ट्रेन आने के 30 मिनट पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी। प्रयागराज रेल मण्डल भीड़ के अतिरिक्त दबाव को सही ढंग से मैनेज करने के सभी उपाय कर रहा है ताकि मेले मे किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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