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उत्तर प्रदेश

सरकार की नीतियों और योजनाओं में महिलाएं केंद्र बिंदु : सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन सरकार की नीतियों और योजनाओं में महिलाएं केंद्र बिंदु हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही हैं, उनमें सर्वाधिक संख्या उन योजनाओं की है जिनका सीधा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता था। सरकार और समाज के लिए महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सर्वोपरि होना चाहिए। सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। इसी प्रतिबद्धता से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी महिलाओं के सम्मान-स्वावलंबन के लिए सराहनीय योगदान दे रहा है।

सीएम योगी शुक्रवार शाम महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सौजन्य से आयोजित सात दिवसीय निशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षु महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुफ्त सिलाई मशीन वितरित करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री, इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में 221 महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन वितरित की गई। नौ प्रशिक्षुओं को सिलाई मशीन सीएम योगी ने खुद अपने हाथों से प्रदान किए। प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी के सशक्तिकरण के बिना भारत को सशक्त और समर्थ नहीं बनाया जा सकता है। इसके लिए सुरक्षा का वातावरण देकर महिलाओं के स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करना होगा।

सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने व्यक्ति, मत, मजहब या क्षेत्र को योजनाओं का आधार नहीं बनाया। बल्कि योजनाओं का आधार गांव, गरीब, किसान, महिलाओं को बनाया गया। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और मातृ वंदन सीधे महिलाओं के सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ी हैं तो शौचालय, उज्ज्वला, सौभाग्य और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के केंद्र भी महिलाएं हैं क्योंकि यदि परिवार में अभाव होगा तो सबसे अधिक दिक्कत महिला को ही होती है। पीएम विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शिल्पियों के साथ ही महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ही तरह प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए कन्या सुमंगला, सामूहिक विवाह जैसी योजनाएं चलाई हैं। छात्रों के साथ छात्राओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराकर उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है।

महायोगी गोरखनाथ विवि रचनात्मक गतिविधियों का भी केंद्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निशुल्क सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण शिविर के आयोजन तथा मुफ्त सिलाई मशीन वितरण के इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय परंपरागत पाठ्यक्रमों के संचालन करने के साथ कई सामाजिक व रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। किसी भी संस्था की उपादेयता के लिए समाज के सापेक्ष बने रहना जरूरी है। यह विश्वविद्यालय इस जिम्मेदारी को पूरी तरह समझ और निभा रहा है। इस विश्वविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय, आयुर्वेद, नर्सिंग, पैरामेडिकल और फार्मेसी संकाय के विद्यार्थियों की तरफ से गांवों में स्वास्थ्य शिविर का लगाया जाना भी इसी सामाजिक भूमिका का अंग है।

स्वावलंबन की राह दिखा रहा नए भारत का नया उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश आज महिलाओं समेत सभी लोगों को स्वावलंबन की राह दिखा रहा है। यहां किसानों को पराली और गोबर बेचकर कमाई करने का नया विकल्प दिया जा रहा है तो गोपालन के लिए सरकारी प्रोत्साहन भी। गाय पालने के लिए प्रति गाय पंद्रह सौ रुपये प्रतिमाह सरकार दे रही है। गाय पालिए, उसका दूध पीजिए और गोबर बेचकर आमदनी भी करिए।

रेडीमेड गारमेंट की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं महिलाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण देकर सिलाई मशीन उपलब्ध कराने का महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है। यह महिला स्वावलंबन से जुड़ा अभिनव प्रयास है। प्रशिक्षण के बाद सिलाई मशीन पर काम शुरू कर ये महिलाएं रेडीमेड गारमेंट की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। इस काम में एफपीओ और स्वयं सहायता समूह बनाकर काम करना फायदेमंद होगा। अपने रेडीमेड गारमेंट को मार्केट से लिंक कर महिलाएं प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपये की आमदनी कर सकती हैं।

महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान देकर स्वावलंबी बना रहे मोदी-योगी: रविकिशन

मुफ्त सिलाई मशीन वितरण समारोह में विशिष्ट अतिथि सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी निस्वार्थ तपस्वी हैं। दोनों नेतृत्वकर्ताओं ने महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान देने के बाद उन्हें स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की अनेक सौगात भी है। पीएम और सीएम बेटी के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई तक की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना अति आवश्यक है। आत्मनिर्भर होने के लिए जरूरी है कि महिलाएं खुद की शक्ति को पहचानें क्योंकि कोई भी महिला कमजोर नहीं होती है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक महेंद्रपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रीयता की विचारधारा को आगे बढ़ाने के साथ समाज को स्वावलंबी बनाने का कार्य महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को विरासत में मिला है। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार की महिला केंद्रित योजनाओं का भी विस्तार से उल्लेख किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने की। प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रस्ताविकि महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय बालापार के निदेशक कर्नल (डॉ.) राजेश बहल ने रखी। आभार ज्ञापन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संकाय की अध्यक्ष डॉ. डीएस अजीथा ने तथा संचालन फार्मेसी संकाय के अध्यक्ष डॉ शशिकांत सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, उपकुलसचिव श्रीकांत, प्रशासनिक अधिष्ठाता राजेंद्र भारती, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस समेत सभी शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी व प्रशिक्षणार्थी महिलाएं उपस्थित रहीं।

प्रशिक्षण देने वाली प्रशिक्षकों को सीएम ने किया सम्मानित

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं को सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण प्रदान करने वाली प्रशिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सीएम के हाथों सम्मान पाने में ज्योति भारती, निम्मी चौधरी, शुभावती शर्मा, शीला और निर्मला प्रजापति शामिल रहीं।

इन्हें मिली सीएम के हाथों सिलाई मशीन

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सोनबरसा की सुनीता, नंदिनी, प्रमिला, बालापार की अमीना खातून, गीता पासवान, शारदा प्रजापति तथा सिकटौर की पूजा देवी, कौशल्या देवी व काजल चौहान को सिलाई मशीन का उपहार प्राप्त करने का अवसर मिला।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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