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…तो वर्किंग महिलाएं सास को ला सकेंगी ऑफिस!

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वर्किंग महिलाएं, ऑफिस में सास को लाने, बिजनस ट्रिप पर बच्चों को भी ले जाने, लंबी मैटरनिटी लीव, सब्सिडी पर डे केयर सुविधा

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वर्किंग महिलाएं, ऑफिस में सास को लाने, बिजनस ट्रिप पर बच्चों को भी ले जाने, लंबी मैटरनिटी लीव, सब्सिडी पर डे केयर सुविधा

नई दिल्ली। भारत में कई दिग्गज कंपनियां वर्किंग महिलाओं को कंपनी में बनाए रखने के प्रयास के तहत ऑफिस में सास को लाने, बिजनस ट्रिप पर बच्चों को भी ले जाने और लंबी मैटरनिटी लीव जैसी सुविधाएं देने पर विचार कर रही हैं। महिलाओं को कंपनी में बनाए रखने के लिए कंपनियां तमाम तरह के प्रयासों में जुटी हैं। इसके अलावा सब्सिडी पर डे केयर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी विचार चल रहा है। खासतौर पर मल्टीनैशनल कंपनियां और टेक फर्म इन प्रस्तावों पर विचार कर रही हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक शादी और बच्चों के बाद महिलाओं के ऑफिस छोड़ने का चलन देखने में आया है, ऐसे में उन्हें कंपनी में बनाए रखने के लिए इस तरह के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार भी महिलाओं की पेड मैटरनिटी लीव साढ़े छह महीने तक करने की तैयारी में दिख रही है। यह दुनिया में सबसे लंबी मैटरनिटी लीव में से एक होगी। इसके अलावा कई कंपनियां भी इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रही हैं।

कंपनी में वर्किंग महिलाओं को बनाए रखने की कवायद

दुनिया के उभरते बाजारों के वर्कफोर्स की तुलना में भारत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। शिक्षित महिलाएं भी परिवार की जिम्मेदारियों के चलते ऑफिस छोड़ देती हैं। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकनॉमिक कॉर्पोरेशन ऐंड डिवेलपमेंट के मुताबिक यह ट्रेंड अमेरिका में भी देखने को मिल रहा है। लेकिन दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार भारत में यह दर दो फीसदी अधिक है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रफेसर रोहिणी पांडे ने कहा, ‘ज्यादातर सर्वे बताते हैं कि भारतीय महिलाएं काम करना चाहती हैं। ज्यादातर अनुमान बताते हैं कि यदि महिलाएं भारत के वर्कफोर्स में बड़े पैमाने पक जुड़ती हैं तो देश की जीडीपी में भी तेज इजाफा होगा।’

सास को ऑफिस लाने पर विचार

माना जाता है कि वर्किंग महिलाओं पर सास की ओर से घर की देखभाल करने का दबाव रहता है। ऐसे में जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी महिलाओं को सास के साथ ऑफिस आने की सुविधा देने पर विचार कर रही है ताकि वह उनके साथ आकर देख सकें कि उनकी इंजिनियर बहू कैसे काम कर सकती है। जनरल इलेक्ट्रिक साउथ एशिया के चीफ कमर्शल ऑफिसर इप्सिता दासगुप्ता कहती हैं, ‘यह काफी नाटकिय था। हम देखतें हैं कि महिलाएं शादी या बच्चे के बाद वापस ऑफिस जॉइन करती हैं लेकिन वह कहती हैं कि उनकी सास की तरफ से दबाव आ रहा है। सास कहती हैं कि डिनर टेबल लगाओ और कल के लिए कुछ खास तैयारी करो।’ बेंगलुरु की एचआर फर्म टीमलीज ने अपनी महिला कर्मचारियों के लिए बिजनस ट्रिप पर अपने 5 साल तक के आयु के बच्चे और एक सहायिका को ले जाने की अनुमति दी है। टीमलीज के वाइस प्रेजिडेंट रितुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है, ‘हमने खासतौर पर सेल्स डिपार्टमेंट में नोटिस किया कि हमारे यहां काफी प्रतिभाशाली महिलाएं हैं लेकिन वह शादी या बच्चा होने के बाद दफ्तर छोड़ रही थीं।’

कानून और सुरक्षा की भी है जरूरत

वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए डेटा से पता चलता है कि 2005 में इंडियन फीमेल वर्कफोर्स 37 फीसदी था जो 2014 केवल 27 फीसदी रह गया। 2014 में इंडिनय स्टॉक रेग्युलेटर सेबी ने पब्लिक लिस्टेड कंपनी के बोर्ड में एक महिला कर्मचारी को रखने का आदेश दिया था जिसके जवाब में कंपनियों ने कहा था कि उन्हें कैंडिडेट ढूंढने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। टीमलीज द्वारा इस साल जारी की गई रिपोर्ट से पता चलता है कि महिलाओं के लिए श्रम कानूनों के साथ-साथ रास्तों और परिवहन व्यवस्था को भी बेहतर करने की आवश्यकता है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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