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World Photography Day: फोटोग्राफी के प्रति बढ़ रहा है Passion, Social Media है बड़ी वजह

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नई दिल्ली। फोटोग्राफी एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा खूबसूरत पलों को कैद किया सकता है। फोटोग्राफी एक ऐसी कला भी है जिससे उन अनमोल यादों को सजाया जाता है जो हमारे बहुत करीब होते हैं। मानव द्वारा निर्मित कैमरा आधुनिक विश्व की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक माना जाता है। आज विश्व फोटोग्राफी दिवस पर फ्रांसीसी कलाकार लुई डागुएरे को धन्यवाद, जिन्होंने दुनिया में सबसे पहले डग्युएरियोटाइप कैमरे का आविष्कार किया, तत्पश्चात फोटोग्राफी की शुरुआत हुई।

World Photography Day का इतिहास

विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास तब का है जब 1837 में फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर नीपसे और लुई डागुएरे ने ‘डगुएरियोटाइप’ कैमरे का आविष्कार किया था। उस वक़्त ये यह दुनिया की पहली फोटोग्राफिक प्रक्रिया थी। 9 जनवरी, 1939 को फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज ने आधिकारिक तौर पर डग्युएरियोटाइप कैमरे का समर्थन किया।

19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने इस उपकरण का पेटेंट खरीद लिया, जिसके बाद इसको आम जनता के लिए उपलब्ध करा दिया गया। तब से ही 19 अगस्त को World Photography Day के रूप में मनाया जाने लगा। दिलचस्प बात यह है कि विश्व की पहली रंगीन तस्वीर 1861 में ली गई थी और पहली डिजिटल तस्वीर 1957 में बनाई गई थी।

लोगों का Photography के प्रति जुनून

आज न केवल एक पल को कैमरे में कैद करना मायने रखता है, बल्कि फोटो की गुणवत्ता भी मायने रखती है क्यूंकि लोग अच्छा दिखना चाहते हैं, खुद को एकदम अलग और आकर्षक दिखाना चाहते हैं।

आज के इस आधुनिक युग में सेलफोन बनाने वाली कंपनियां अपने फोन के सभी मॉडल में बेहतरीन कैमरा लगाकर एक अच्छी गुणवत्ता के साथ में बाजार में उतारते हैं। जिसके चलते लोगों के लिए ये काफी आसान होता जा रहा है और दिन-प्रतिदिन Photography का जूनून लोगों में पैदा होता जा रहा है।

सोशल मीडिया

जैसे-जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकप्रिय हो रहे हैं, युवाओं में फोटोग्राफी को इन पेजों पर शेयर करने का शौक बढ़ता जा है। इसके अलावा इन दिनों तकनीकी उपकरणों में जो प्रगति आयी है और उनके उपयोग में आसानी ने लोगों को फोटोग्राफी को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया है।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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