उत्तर प्रदेश
बाढ़ से टूटे अरमान तो योगी सरकार ने दिया रोटी, कपड़ा और मकान
लखनऊ| रोटी, कपड़ा और मकान, यह हर गरीब की पहली जरूरत होती है। बाढ़ से जब गरीबों की यह मूलभूत जरूरतें प्रभावित हुईं तो उसके लिए योगी सरकार मददगार के रूप में सामने आयी। बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरेलू सामान और तन ढकने के लिए करीब 20 लाख रुपये सहायता धनराशि दी गयी। इसके अतिरिक्त योगी सरकार ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त 2649 मकानों के लिए भी करीब 5 करोड़ रुपये की सहायता धनराशि उपलब्ध करायी है। वहीं, 2,54,735 खाद्यान्न और 8,54,517 लंच पैकेट वितरित किये गये। इतना ही नहीं क्षतिग्रस्त पशुबाड़े के लिए 2,58,000 रुपये की धनराशि वितरित की गयी। मालूम हो कि गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर योगी सरकार उनकी छोटी से छोटी जरूरत को भी पूरा कर रही है। जनता के बीच मंच से अक्सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गरीबों और वंचितों की मदद के लिए उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है। अपने इसी कथन को पूरा करते हुए सीएम योगी ने प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की है।
9 जिलों के 403 परिवारों को तन ढकने के लिए दिये 10 लाख
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि उत्तर प्रदेश आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। ऐसे में योगी सरकार की ओर से पिछले साढ़े सात वर्षों में आपदा न्यूनीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये। उन्होंने आपदा से प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है। सीएम योगी की आपदा प्रभावितों के प्रति संवेदनशीलता का ही असर है कि हर बार की तरह इस बार भी बाढ़ प्रभावितों की छोटी-छोटी जरुरतों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 403 परिवारों को तन ढकने के लिए 10,07,500 रुपये की सहायता धनराशि दी गयी। यह धनराशि 9 जिलों के बाढ़ प्रभावितों को 2,500 रुपये प्रति परिवार के हिसाब से वितरित की गयी। इसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 94, शाहजहांपुर के 82, श्रावस्ती के 60, बलिया के 52, कुशीनगर के 46, बहराइच के 28, फर्रुखाबाद के 21 और बलरामपुर, सिद्धार्थनगर के 10-10 परिवार को सहायता धनराशि प्रदान की गयी।
8 जिलों के 382 परिवारों को घरेलू सामान के लिए दिये साढ़े नौ लाख
इसी तरह बाढ़ प्रभावित 8 जिलों के 382 परिवारों को क्षतिग्रस्त बर्तन समेत अन्य घरेलू सामान के लिए 9,55,000 रुपये की सहायता धनराशि प्रदान की गयी। यह धनराशि बाढ़ प्रभावित को 2,500 रुपये के हिसाब से वितरित की गयी। इसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 94, शाहजहांपुर के 82, श्रावस्ती के 60, बलिया के 52, कुशीनगर के 46, बहराइच के 28 और बलरामपुर, सिद्धार्थनगर के 10-10 परिवार को सहायता धनराशि प्रदान की गयी। इसी तरह बाढ़ से 8 जिलों में 86 पशुबाड़े के लिए 2,58,000 रुपये की धनराशि प्रदान की गयी। इसमें लखीमपुर खीरी में 37, हरदोई में 18, पीलीभीत में 17, बलरामपुर में 4, बहराइच और शाहजहांपुर में 3-3, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर में 2-2 पशुबाड़े के लिए धनराशि वितरित की गयी।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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