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उत्तर प्रदेश

खेलते हैं खिलाड़ी तो सम्मान, पद और पुरस्कार देती है योगी सरकार

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लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सम्मानित किया। मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित होकर खिलाड़ी अभिभूत हुए। उन्होंने कहा कि हम जी-जान लगाकर खेलते हैं तो योगी सरकार सम्मान, पद और पुरस्कार देती है। इससे हमें प्रोत्साहन भी मिलता है। यूपी की नई खेल नीति की भी सभी ने सराहना की। खिलाड़ियों ने कहा कि 2017 के बाद से पूरे यूपी के परिदृश्य में परिवर्तन आया है। अब मुख्यमंत्री मंच पर बुलाकर खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं था। अपने प्रदेश में सम्मान मिलने से बेहतर करने के प्रति हमारा उत्तरदायित्व भी बढ़ जाता है।

यूपी में आया परिवर्तन, अब खिलाड़ियों को मिलता है सम्मान

2016 पैरा ओलंपिक में आए मेडल में से एक पदक यूपी से भी था, लेकिन उस समय इतना सम्मान नहीं मिला। 2020 पैरालंपिक में दो पदक आए तो सम्मान मिला। तब और अब में यही अंतर आया। एशियन गेम्स में मेडल आया तो भी सम्मान मिला। 2024 में भी मिल रहा सम्मान सबके सामने है। सीएम योगी के निर्देश में यूपी में खेल के क्षेत्र में भी काफी काम हो रहा है। बहुत सारे परिवर्तन भी हुए हैं। योगी सरकार ने न सिर्फ खेल नीति बनाई, बल्कि खिलाड़ियों को प्रोत्साहित भी कर रही है।

प्रवीन कुमार, स्वर्ण पदक विजेता, पैरालंपिक गेम्स-2024

अब उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों को मिलता है काफी प्रोत्साहनउत्तर प्रदेश की खेल नीति काफी अच्छी है। खिलाड़ी इससे प्रोत्साहित हैं। मेडल पाने वाले खिलाड़ियों के लिए पहले इतना प्रोत्साहन नहीं था, लेकिन सीएम योगी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश सरकार खिलाड़ियों के लिए काफी कुछ कर रही है। ऐसे प्रोत्साहन से खेल में आने वाले युवाओं को अच्छा प्लेटफॉर्म मिलता है। शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में स्टेडियम बनने से प्रतिभाओं को मंच मिलेगा।

राजकुमार पाल, कांस्य पदक विजेता, हॉकी

सीएम योगी से मिला सम्मान बढ़ाता है हमारी जिम्मेदारीमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों को बुलाकर मंच पर सम्मानित किया। इतनी बड़ी पुरस्कार राशि भी दी। अपने प्रदेश में सम्मान पाने से एक तरफ गौरव की अनुभूति बढ़ जाती है तो दूसरी तरफ यह जिम्मेदारी भी होती है कि हम पिछली बार से और बेहतर करें। प्रदेश सरकार जो सम्मान, पद व पुरस्कार राशि देती है, उससे करियर भी सफल होता है और नई पहचान भी बनती है। सीएम योगी के विजन का असर है कि प्रदेश के हर जिले में स्टेडियम बन रहे हैं। योगी आदित्यनाथ खेल प्रेमी होने के साथ खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में भी मदद कर रहे हैं, जो हमारे लिए वरदान साबित हो रही है।
ललित कुमार उपाध्याय, कांस्य पदक विजेता, हॉकी

योगी सरकार ने किया दिव्यांगों का सम्मान

खिलाड़ियों के सम्मान के लिए योगी सरकार का धन्यवाद। दिव्यांगों का सम्मान बड़ा काम है, क्योंकि बाहर की दुनिया में इतना सम्मान नहीं मिल पाता। खेल में सम्मान के साथ प्रोत्साहन राशि भी मिल रही है। सीएम योगी के नेतृत्व में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए मिनी स्टेडियम, स्टेडियम, सिंथेटिक ग्राउंड आदि का निर्माण हो रहा है। एकलव्य क्रीड़ा कोष से भी बहुत लाभ मिल रहा है। लक्ष्मण व रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार भी खिलाड़ियों को दिया जा रहा है। खेलों में भी प्रदेश का नाम बढ़ रहा है।
दीपेश कुमार, प्रतिभागी, पैरालंपिक गेम्स-2024

सीएम की सहृदयता ही हमारे लिए बड़ा सम्मान

सीएम योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद। उन्होंने अपनी व्यस्तता के बीच खिलाड़ियों के लिए समय दिया। हमारे साथ सेल्फी ली। यह उनकी सहृदयता है। पहले पैरा एशियन गेम्स और अब पैरालंपिक गेम्स के बाद उन्होंने हमें सम्मानित किया। ईश्वर करें कि हम भी अच्छा करें और योगी जी सीएम बने रहें, जिससे हम निरंतर बढ़ते रहें।
यश कुमार, प्रतिभागी, पैरालंपिक गेम्स-2024

उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा खेल

सीएम योगी ने खेल की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। उनके आने के बाद से उत्तर प्रदेश में खेल तेजी से बढ़ रहा है। हमारे लिए सम्मान समारोह का आयोजन कराने के लिए सीएम योगी का धन्यवाद।
प्राची चौधरी, प्रतिभागी, ओलंपिक-2024

खिलाड़ियों के लिए समय निकालना ही बड़ा सम्मान

मैंने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में प्रतिभाग किया है। मुझे यूपी सरकार से सम्मान मिला है। खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि और नौकरी मिलना ही बहुत बड़ा सम्मान है। सीएम योगी हम खिलाड़ियों के लिए अपना कीमती समय निकालते हैं। यही हमारे लिए सौभाग्य की बात है।
प्रियंका गोस्वामी, प्रतिभागी, ओलंपिक गेम्स-2024

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उत्तर प्रदेश

मैनपुरी में नाभि चूसकर पथरी निकालता था बाबा, दर्जनों लोग आते हैं इलाज कराने

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मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के नगला गुलालपुर में पाखंड और अंधविश्वास का गजब का खेल खेला जा रहा है। यहां एक बाबा है जो पथरी का फ्री में इलाज करता है और वो भी बगैर चीरफाड़ किए। बाबा मरीज की नाभि को मुंह से चूसकर ही पथरी का इलाज कर देता है। दर्जनों की संख्या में लोग यहां प्रतिदिन आते हैं और अपनी पथरी का इलाज कराते हैं।

नाभि से चूसकर पथरी निकालने वाला बाबा

बाबा कहां का रहने वाला है यह किसी को नहीं पता है। कुछ दिनों पहले भगतपुरी के नगला गुलालपुर में बने एक मंदिर में बाबा पहुंचता है। बाबा ने ग्रामीणों को अपनी विशेषताओं के बारे में बताया। इसके बाद लोगों ने बाबा को रहने के लिए जगह दे दी। इसके बाद से बाबा ने अंधविश्वास फैला रखा है। इसी तरह लोग बाबा को अलग-अलग स्थान पर बुलाते हैं और बाबा वहां पहुंचकर अपने अंधविश्वास की दुकान खोल लेता है। पथरी जैसी बीमारी, जिसके इलाज के लिए लोग हजारों रुपये खर्च करते हैं, बाबा बिना किसी पैसे और बिना चीरफाड़ किए ही पथरी को अपनी मुंह से बाहर निकालने का दावा करता है। इसी अंधविश्वास में आकर लोग श्रद्धा से बाबा को दान भी देते हैं।

मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बताया अंधविश्वास

यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक महिला पथरी की समस्या लेकर बाबा के पास पहुंची। पीड़ित महिला को पांच पथरी निकालने के बाद बाबा महिला के पति के साथ कहीं चला गया। इसके बाद से अबतक बाबा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। बाबा द्वारा पथरी निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। मैनपुरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बाबा द्वारा पथरी के इलाज का वीडियो देखने के बाद इस पर आपत्ति जताते हुए बाबा पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही मरीजों को बाबा का विरोध करने की नसीहत दी।

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