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उत्तर प्रदेश

आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को सशक्त बना रही योगी सरकार

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लखनऊ| किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ उनकी कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए योगी सरकार अनेक कदम उठा रही है। इसी क्रम में योगी सरकार ने गुरुवार को इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईएफसी) के सहयोग से और यूरोपीय यूनियन के ACSIIS कार्यक्रम एवं गूगल के साथ साझेदारी में, एग-टेक स्टार्ट-अप शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य कृषि को आधुनिक बनाने वाली पहलों का प्रदर्शन करना और राज्य में कृषि के भविष्य पर चर्चा करना है। उल्लेखनीय है कि एग-टेक स्टार्ट-अप समिट एक ऐसा मंच प्रदान करता है जिसमें देश भर के 25 से अधिक एग टेक्स, नीति निर्माता, निवेशक, शिक्षा जगत के प्रतिनिधि और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे पारिस्थितिकी तंत्र निर्माताओं के साथ मिलकर, कृषि आय और स्थिरता को बढ़ाने के लिए अनुकूलित प्रौद्योगिकियों और समाधानों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

किसानों की समस्या का होगा समाधान

होटल ताज में आयोजित एगटेक स्टार्ट-अप शिखर सम्मेलन-2024 में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने विजन डॉक्यूमेंट फ़ॉर एगटेक का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए कृषि का पावर हाउस है। कृषि को प्रभावित करने वाली दो महत्वपूर्ण चीजें हैं, वेदर और प्राइसिंग। इन दोनों से किसानों और कृषि को निजात दिलाने के लिए आईएफसी और वर्ल्ड बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस युग में टेक्नोलॉजी और डिजिटल तकनीक का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार ने विगत कुछ वर्षों से इस इनीशिएटिव को आगे बढ़ाया है। इसमें किसानों के जीवन के साथ-साथ कृषि में सकारात्मक बदलाव करने की क्षमता है। एगटेक इसमें मददगार होगा। यह किसानों की तमाम तरह की समस्याओं का समाधान करेगा, जैसे किसानों को कम पैसे में पूरा क्रेडिट मिल जाए। प्रत्येक किसान को उसके उत्पादन की अधिक से अधिक कीमत मिले।

प्राइवेट सेक्टर के साथ साझेदारी पर फोकस

इस दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश पहले ही एग्रीस्टैक के साथ डिजिटल कृषि के क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। भारत सरकार ने डिजिटल कृषि को लेकर सॉइल हेल्थ टेस्टिंग समेत कई प्रस्तावों की घोषणा की है। इसको देखते हुए हम प्राइवेट सेक्टर के साथ और अधिक साझेदारी पर फोकस कर रहे हैं। आईएफसी की कंट्री मैनेजर भारत एवं मालदीव वेंडी वर्नर ने कहा कि उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर के क्षेत्र में काफी अच्छा कर रहा है और इसमें काफी पोटेंशियल है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए यूपी में एक साथ काम कर रहे हैं कि प्राइवेट सेक्टर इनोवेटिव सॉल्यूशंस का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। हमने भारत में करीब 9 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। मालूम हो कि सम्मेलन में स्टार्टअप्स की एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें बुआई से लेकर कटाई के बाद के समाधान और नवाचारी बाजार तक पहुंच के समाधान शामिल होंगे।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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