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उत्तर प्रदेश

’श्रमेव जयते’ के नारे को साकार कर रही योगी सरकार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुरू से ही जोर स्वरोजगार पर रहा है। चूंकि प्रदेश की आबादी सर्वाधिक है, इसी लिहाज से यूपी देश का सबसे युवा राज्य भी है। यहां के युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को निखारा जा सकता है, उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इसके कई लाभ होंगे।

प्रशिक्षित युवाओं की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में श्रम की कीमत बढ़ जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त जो युवा स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार स्थापित करना चाहते हैं उनकी भी सरकार उदार शर्तों पर वित्तीय मदद के साथ पैकेजिंग, ब्रांडिंग और बाजार उपलब्ध कराने तक में मदद कर रही है। एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी), कौशल विकास कार्यक्रम, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, स्टार्टअप पॉलिसी, एमएसएमई को प्रोत्साहन ऐसी ही योजनाएं हैं जिनके जरिये उत्तर प्रदेश अपनी अर्थव्यवस्था का कायाकल्प कर रहा है।

एक तरफ प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के जरिये कई नामचीन इंडस्ट्रियल घराने और खुद सरकार भी उद्योगों में भारी भरकम निवेश कर रही है। देश का दूसरा डिफेंस सेक्टर इसका प्रमाण है। दूसरी तरफ सीएम योगी की मंशा है कि क्षेत्र विशेष के उद्योगों के अनुसार ही युवाओं के कौशल का भी विकास हो। इससे वह स्थानीय स्तर पर रोजगार पाकर या खुद का रोजगार कर घर परिवार की जिम्मेदारी देखते हुए अधिक खुशहाल रह सकते हैं। हाल ही में सहारनपुर के रोजगार मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सरकार युवाओं के रोजगार और स्वरोजगारइसी के लिए दक्ष बनाने के मकसद से प्रदेश के 150 आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स) को प्रशिक्षण और बुनियादी स्तर की सुविधाओं के मामले में वैश्विक स्तर का बना रही है। सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए अनुपूरक बजट में भी 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

ओडीओपी से दो लाख लोगों को मिला रोजगार

जिले विशेष की पहचान बन कुछ उत्पादों की पहचान और मुकम्मल करने। इनसे जुड़े शिल्पकारों का हुनर निखारने के लिए योगी सरकार -1.0 में शुरू की गई एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना बेहद सफल और चर्चित रही। बाद में केंद्र सरकार ने भी इस योजना को एडॉप्ट किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद कह चुके हैं कि अब विदेश दौरों या देश में आने वाले विदेशी डेलीगेट्स को क्या गिफ्ट दिया जाना है, इसकी चिंता उनको नहीं रहती। उनका साफ इशारा उत्तर प्रदेश के ओडोओपी उत्पादों की और ही था। अब तक इस योजना के जरिए जिला विशेष के खास उत्पादों और उनसे जुड़े स्टेकहोल्डर्स को तो लाभ मिला ही। स्थानीय स्तर पर करीब दो लाख लोगों को रोजगार भी मिला।

रोजगार के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना
इसी तरह नाई, धोबी, दर्जी, लुहार, बढ़ई , मोची और टोकरी बनाने वालों के लिए योगी सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना भी बेहद सफल रही। चयन के बाद इन लोगों का हुनर निखारने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही इनका काम आसान हो, उत्पाद की गुणवत्ता ठीक हो ताकि इनके उनको बाजार में वाजिब दाम मिलें, इसके लिए टूल किट भी दिया जाता है। इस योजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। रोजगार के अवसर अलग से बढ़ें है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से अब तक एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल चुका है।

एमएसएमई इकाइयों के मामले में यूपी देश में नम्बर वन

योगी सरकार द्वारा शुरू स्टार्टअप पॉलिसी, प्रदेश को एमएसएमई सेक्टर का हब बनाने के पीछे भी यही मंशा है कि प्रदेश के युवा उद्यमी बनें। वह रोजगार मांगने वाले की बजाय रोजगार देने वाला बनें। इसीलिए सरकार ने दो चरणों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयों के स्थापना का लक्ष्य रखा है। फिलहाल उत्तर प्रदेश करीब 96 लाख एमएसएमई इकाइयों के साथ देश में नम्बर वन पर बना हुआ है। योगी सरकार के इन्हीं प्रयासों की वजह से आज उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। देश के जीडीपी में प्रदेश का योगदान 9.2% हो गया है। अब तक दो करोड़ से अधिक लोगों को निजी और एमएसएमई के क्षेत्र में रोजगार मिल चुका है।

इस वित्तीय वर्ष में यूपी के तीन लाख युवाओं का निखरेगा कौशल निखरेगा
युवाओं का कौशल बढ़ाने में केंद्र की मोदी सरकार भी भरपूर मदद कर रही है। हाल ही में अपने लखनऊ दौरे के दौरान केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री स्वंत्रत प्रभार, जयंत चौधरी ने कहा था कि इस साल उत्तर प्रदेश के तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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