Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

सूर्यवंश की राजधानी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही योगी सरकार

Published

on

Loading

अयोध्या पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या सौर ऊर्जा सिटी के रूप मे विकसित हो रही है। अयोध्या मंडल मे सौर ऊर्जा कनेक्शन के लिए लगभग 76, 108 लोगों ने पंजीकरण कराया है। बिजली की बढ़ती आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया है। इससे लोगों को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यकता के अनुरुप बिजली मिल सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को सोलर सिटी बनाने के लिए घोषणा की थी। इसके लिए यूपीनेडा की ओर से अयोध्या मे 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा घर-घर सौर ऊर्जा स्थापित किया जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत अयोध्या मंडल में 76,108 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। इस योजना का प्रसार प्रचार करने के लिए सोलर सखी द्वारा डोर टू डोर कैंपेन भी चलाया जा रहा है।

अयोध्या मंडल मे अभी तक हुए रजिस्ट्रेशन

बाराबंकी 24581
अम्बेडकर नगर 14617
अयोध्या 13804
सुल्तानपुर 13651
अमेठी 9455

अब तक स्थापित किए गए कनेक्शन

बाराबंकी 330
अयोध्या 175
सुलतानपुर 140
अम्बेडकर नगर 89
अमेठी 25

क्या है पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रति किलोवॉट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। एक किलोवॉट के रूफटॉप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन 4-5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वारा करने के उपरांत अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है। इसका नेटमीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में संबंधित डिस्कॉम द्वारा समायोजन किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्ष में हो जाती है।

केंद्र व प्रदेश सरकार दे रही अनुदान

केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान प्रदान किया जा रहा है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान इस प्रकार दिए जा रहे हैं।

1- एक किलो वाट – केन्द्रानुदान – 30000 ,राज्यांश – 15000
कुल अनुदान- 45000
2- दो किलो वाट- केन्द्रानुदान_60000,राज्यांश -30000, कुल अनुदान- 90000

3- तीन किलो वाट केन्द्रानुदान -78000,राज्यांश – 30000
कुल अनुदान- 108000
एक से दस किलोवॉट क्षमता के संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवॉट लगभग 60 से 65 हजार रुपये प्रति किलोवाट के मध्य आता है। संयंत्र की स्थापना के उपरांत केंद्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है।

योजना का लाभ पाने के लिए क्या करें

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिस पर आवेदन किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना बैंक से ऋण लेकर कराये जाने हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसका लाभ उपभोक्ता द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु एमएनआरई भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में वेंडर इम्पैनलमेंट की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 525 वेंडर पंजीकृत हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए डिस्कॉमवार/ जनपदवार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता हैं।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

Continue Reading

Trending