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उत्तर प्रदेश

वंचित समुदाय की महिलाओं को योगी सरकार ने दिखाई स्वावलंबन की राह

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लखनऊ। नारी सशक्तिकरण के मूलभाव को समर्पित प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुरू से ही वंचित समुदाय की महिलाओं को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में आजादी के बाद पहली बार वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालते ही सीएम योगी ने पूर्वी उप्र की आदिवासी समुदाय (मुसहर और वनटांगिया समाज) की महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास शुरू कर दिये थे, जिसके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं।

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स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से किया जा रहा मजबूत   

सीएम योगी की पहल पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इन समुदायों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिसने उनके परिवार के जीवन को बदलकर रख दिया है।

मुख्यमंत्री के प्रयास से बदल गया पूरा जीवन 

गोंडा के छपिया विकासखंड के महुली खोरी पंचायत की वनटांगिया समुदाय की सोनी चौहान ने बताया कि उन्होंने समुदाय के 10 अन्य लोगों के साथ मिलकर जय दुर्गा स्वयं सहायता समूह का गठन किया है। स्वयं सहायता समूह ने उन्हें 1,10,000 रुपये की सीआईएफ राशि और 1,00,000 रुपये की सीसीएल राशि प्राप्त करने में सक्षम बनाया, जिसके साथ उन्होंने मनरेगा के तहत सीआईबी बोर्ड का निर्माण शुरू किया। इससे उन्होंने नर्सरी की शुरुआत की।

सोनी चौहान

सोनी चौहान

सोनी बताती हैं कि उनके समुदाय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जमीन भी दी गई थी, जहां वह सभी बड़े पैमाने पर सब्जियां पैदा कर रही हैं। उन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले। इतना ही नहीं सीएम योगी के प्रयास से समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के बाद अब उन्हे सरकार की सभी योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है। योगी सरकार के प्रयासों से उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है।

सरकार के प्रयास से बढ़ाई अपनी आमदनी

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु गोस्वामी ने बताया कि सुल्तानपुर के दुबेपुर ब्लॉक की दिखोली पंचायत के 14 में से 12 मुसहर परिवारों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिव महिला स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया।

जिसके बाद उनका परिवार न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हुआ बल्कि अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को भी योगी सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए अपने साथ जोड़ा। मनरेगा के तहत उनकी आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बकरी शेड बनवाया गया, जिससे बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ाई है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु गोस्वामी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देशन में पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो सामाजिक रूप से पिछड़े वनटांगिया और मुसहर समुदायों को मुख्यधारा में लाने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में वनटांगिया अनुसूचित जनजाति के तहत आते हैं जबकि मुसहर अनुसूचित जाति के तहत आते हैं।

वनटांगिया समुदाय के 466 समूह बनाए गए

निदेशक भानु गोस्वामी ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों के 2843 ग्राम पंचायतों में मुसहर समुदाय के 1438 विशेष मुसहर समूह का गठन किया गया। साथ ही लगभग 2401 स्वयं सहायता समूहों में कम से कम एक मुसहर परिवार की भागीदारी सुनिश्चित की गई। योगी सरकार ने 850 समूहों को रिवाल्विंग और 567 समूहों को कम्युनिटी इंवेस्टमेंट फंड सीआईएफ वितरित किया गया।

वहीं 133 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से लाभान्वित हुए हैं। इसके साथ ही प्रदेश के 5 जिलों की 34 ग्राम पंचायतों में वनटांगिया समुदाय के 466 समूहों का गठन कर 268 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 202 को सीआईएफ प्रदान किया गया है। वहीं बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से 91 समूहों को लाभ पहुंचाया गया।

मुसहर, वनटांगिया के साथ बवेरिया समुदाय के 2346 परिवारों को 236 समूहों में संगठित किया गया है, जिसमें से 118 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 35 समूहों को सीआईएफ की धनराशि प्रदान की गई है। वहीं प्रदेश के तीन जिलों में थारू जनजाति के कुल 371 समूह बनाए गए, जिनमें 227 समूहों को रिवाल्विंग फंड और 205 को सीआईएफ फंड दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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