उत्तर प्रदेश
योगी सरकार का कड़ा एक्शन, 5 महीने में करीब 25 हजार किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री और खरीद को लेकर योगी सरकार कड़ा एक्शन ले रही है। अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के चलते विगत कुछ वर्षों में इसके विरुद्ध जबरदस्त कार्रवाई की गई है। 2024 की ही बात करें तो मई माह तक 24,529 किलो से ज्यादा मादक पदार्थ की बरामदगी की गई है। वहीं केवल एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) द्वारा की गई कार्रवाई की बात करें तो करीब 70 करोड़ से ज्यादा कीमत का 7317 किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद किया गया है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को अवैध मादक पदार्थों से दूरी बनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
3657 अभियोग किए गए दर्ज
सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में विभिन्न अवैध मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए गए अभियान के फलस्वरूप बडी मात्रा में बरामदगी हुई है। मई 2024 तक अवैध मादक पदार्थों की बिक्री और खरीद को लेकर कुल 3,657 अभियोग दर्ज किए गए हैं। वहीं 4548 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। वहीं 18,945.66 किलो गांजा, 5,151.81 किलो डोडा, 250.39 किलो अफीम, 412.93 किलो चरस, 97.94 किलो हेरोइन/स्मैक और 8.83 किलो मारफीन बरामद की गई है। इस तरह मई 2024 तक कुल 24,529.24 किलो मादक पदार्थ बरामद किया गया है। 2023 में 61,685.14 किलो, 2022 में 56,453.57 किलो और 2021 में 53,074.83 किलो मादक पदार्थ बरामद किया गया था।
एएनटीएफ ने 131 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार
एडीजी क्राइम एसके भगत ने बताया कि एएनटीएफ द्वारा इस साल अब तक कुल 63 अभियोग दर्ज किए गए हैं, जबकि 131 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। एएनटीएफ आईटी अब्दुल हमीद ने बताया कि 1.78 किलो मार्फिन, 4.41 किलो हेरोइन/स्मैक, 23.85 किलो चरस, 51.77 किलो अफीम, 2,288.12 किलो डोडा (पोस्ता तृण), 4,943.57 किलो गांजा के अतिरिक्त 101 कुंटल 8 किलो 935 ग्राम नशीली गोली व सिरप तथा 3.44 किलो मेफेड्रान बरामद किया है। कुल मिलाकर 7,316.95 किलो अवैध मादक पदार्थ को जब्त किया गया है, जिसकी कुल कीमत 70 करोड़ 40 लाख 35 हजार रुपए है। यदि 2022 से एएनटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई की बात करें तो प्रदेश में कुल 17,714.99 किलो अवैध मादक पदार्थ बरामद किया गया है, जिसकी कुल कीमत 146 करोड़ 40 लाख 10 हजार 500 रुपए है।
जनजागरूकता पर जोर
भावी पीढ़ी को नशे के चंगुल से बचाने के लिए प्रदेश में निरंतर कार्रवाई की जा रही है। स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही प्रदेश सरकार सार्वजनिक स्थानों पर नशे के दुष्परिणामों पर आधारित वॉल पेंटिंग्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करने पर जोर दे रही है। रेडियो, सिनेमाघरों, ट्रैफिक कंट्रोल रूम, होर्डिंग व बैनर के माध्यम से नशे के विरुद्ध व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। सरकार ने कोडिन युक्त सिरप की बिक्री पर रोक लगाते हुए निरोधात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ मेले में हीटर और ब्लोवर पर रहेगा प्रतिबंध
प्रयागराज। आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है।
विद्युत सुरक्षा को लेकर सख्ती
विद्युत विभाग ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है जो हीटर या ब्लोवर के कारण उत्पन्न हुई।
कटिया पर होगी कार्रवाई
अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के साथ साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई आगजनी की घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।
सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य
संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए। वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है। इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें।
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