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उत्तर प्रदेश

2 अक्टूबर को योगी सरकार देगी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अवार्ड

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लखनऊ। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए योगी सरकार पूरे प्रदेश में 17 से 2 अक्तूबर तक स्वच्छता अभियान ‘स्वच्छता ही सेवा’ का आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप नगर विकास विभाग ने इस पूरे अभियान को चलाने के लिए कार्ययोजना बना ली है। इसके अंतर्गत योगी सरकार 2 अक्टूबर को स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सफाई मित्रों समेत अन्य लोगों को ‘स्वच्छता ही सेवा अवार्ड” से सम्मानित करेगी। यह अवार्ड कुल 9 श्रेणियों में दिया जाएगा, जिसमें जनभागीदारी के साथ ही सहयोगियों और विशिष्ट पहलों को भी सम्मानित किया जाएगा। अवॉर्ड पाने वालों का चयन राज्य और जनपद स्तर पर चयन समिति द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 15 दिवसीय यह अभियान दैनिक आधार पर थीम आधारित आईईसी गतिविधियों के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा।

राज्य और जनपद स्तर पर दिया जाएगा सम्मान

राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 155वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित हो रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत समस्त नगरीय निकायों में विभिन्न आयोजन संपन्न कराए जाएंगे। कार्यक्रम के अंतिम दिन यानी 2 अक्टूबर को इन सभी कार्यक्रमों का समापन करते हुए उल्लेखनीय कार्य करने वालों को राज्य और जनपद स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इस अवॉर्ड का उद्देश्य ट्रांसफॉर्म्ड सीटीयू (स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों) साइट्स का जश्न मनाना, सफाई मित्र और अन्य राज्य स्तरीय विजेताओं को सम्मान देना, स्वच्छता ही सेवा 2024 के तहत बेस्ट परफॉर्मर्स को सम्मानित करना और कम्युनिटी टॉयलेट्स (सीटी), पब्लिक टॉयलेट्स (पीटी), सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) प्रोजेक्ट्स, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एफएसटीपी) और अन्य पहलों का इनॉग्रेशन और फाउंडेशन शामिल है।

9 श्रेणियों में दिया जाएगा पुरस्कार

स्वच्छता ही सेवा 2024 अवार्ड्स के तहत कुल 9 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इन श्रेणियों में स्वच्छता की भागीदारी, स्वच्छता लक्षित इकाई – सीटीयू ट्रॉसफॉर्मेशन, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर, स्वच्छ फूड स्ट्रीट्स, एसबीएम कल्चर फेस्टिवल्स, एसबीएम वेस्ट टू आर्ट इंस्टॉलेशंस, पब्लिक एडवोकेसी, पार्टनर्स और स्पेशल इनीशिएटिव्स को शामिल किया गया है। इन सभी श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान करने के लिए राज्य और जनपद स्तर पर गठित ज्यूरी द्वारा अवार्डीज का चयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वार्ड में स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति का गठन किया गया है, जो प्रत्येक वार्ड में स्वच्छ घर के लिए सर्वेक्षण में भूमिका निभाएगी व प्रत्येक वार्ड में सर्वश्रेष्ठ 3 घरों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करेगी। साथ ही प्रत्येक वार्ड में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

सुनिश्चित होगी जनभागीदारी

इस पूरे अभियान में व्यापक स्तर पर जनभागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा, जिसमें सीएम से लेकर जनसामान्य तक हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण विभिन्न स्थलों पर श्रमदान करेंगे। इसी तरह स्वयं सेवी संस्थानों व स्कूल-कॉलेज द्वारा साफ सफाई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जाएगा। वहीं युवाओं की भागीदारी एवं स्वच्छता की जागरूकता के लिए विभिन्न आईईसी कार्यक्रम पूर्ण कराए जाएंगे, जिनमें प्लॉगरन, मैराथन, साइक्लॉथान, पौधरोपण, जीरो वेस्ट इवेंट, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति के सदस्यों द्वारा वार्डों में जनजागरूकता कार्यक्रम सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त विभिन्न अभियानों के माध्यम से क्लबों की सहभागिता, स्कूल परिसरों को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाना, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालयों के परिसर की साफ सफाई करना और छात्रों द्वारा स्वच्छता की प्रतिज्ञा जैसे कार्यक्रम संपन्न होंगे।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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