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भारत में पहली बार सोलर बोट के जरिए सरयू यात्रा कराएगी योगी सरकार

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अयोध्या। अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रही योगी सरकार जल्द ही एक ऐसा प्रयोग करने जा रही है जो पूरे देश में इनलैंड वॉटरवे सर्विसेस की रूपरेखा बदलकर रख देगा। सीएम योगी आदित्यनाथ का विजन है कि अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी के रूप में परिवर्तित किया जाए, ऐसे में यहां देश में पहली बार सोलर पावर इनेबल्ड ई-बोट को सरयू में उतारा गया है। सीएम योगी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) ने अयोध्या की सरयू नदी में इस बोट सर्विस के नियमित संचालन की रूपरेखा तैयार कर ली है। इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा इसके टेस्टिंग फेज की प्रक्रिया जारी है। माना जा रहा है कि 22 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्व सीएम योगी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाएगा तथा आगे आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा।

कई मायनों में खास है सोलर पावर इनेबल्ड बोट

यह सोलर पावर इवेबल्ड बोट क्लीन एनर्जी के जरिए संचालन की परिकल्पना के आधार पर कार्य करती है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है। इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह बोट कैटामरैन केटेगरी की है जिसके अंतर्गत दो हल स्ट्रक्चर्स को जोड़कर एक बोट स्ट्रक्चर में कन्वर्ट किया जा सकता है। यह बोट फाइबरग्लास बॉडी युक्त है जोकि लाइट वेट व हेवी ऑपरेशन ड्यूरेबल मटीरिल से बनी है। साथ ही, बोट के संचालन के दौरान किसी प्रकार के ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है। इस बोट में एक बार में 30 लोग यात्रा कर सकेंगे तथा यह सरयू नदी में नया घाट से संचालित होगी। इस बोट टूर का ट्रैवलिंग ड्यूरेशन एक घंटे से लेकर 45 मिनट के आसपास रखा जाएगा जिसमें सरयू नदी के किनारे स्थित विभिन्न ऐतिहासिक मंदिरों व धरोहरों का दर्शन यात्री कर सकेंगे। हालांकि, बोट की ऑपरेटिंग कैपेसिटी इससे कहीं ज्यादा है और पूरी तरह चार्ज होने पर 5 से 6 घंटे तक के प्रोपल्शन टाइमफ्रेम को मैनेज किया जा सकता है।

3.3 किलोवॉट रूफटॉप एसेंबल्ड सोलर पैनल युक्त बोट है रिमोट व्यूइंग से लैस

इस बोट को पुणे की सनी बोट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से असेंबल किया गया है जबकि चेन्नई की रा सोर्स प्राइवेट लिमिटेड इसमें सोलर व प्रोपल्शन पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। यूपीनेडा के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण नाथ पाण्डेय ने बताया कि यह बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है। बोट में 46 किलोवॉट प्रति घंटा क्षमता वाली एलेपटी बैटरी लगाई गई है तथा बोट 30 पैसेंजर्स व 2 क्रू के लिहाज से ऑपरेशनल होगी। 17 से 18 तारीख के बीच बोट तमाम टेस्टिंग प्रक्रियाओं से गुजरेगी जिसमें जलावरतण भी शामिल होगा जिसके बाद आगामी 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले इसका उद्घाटन हो जाएगा। यह बोट रिमोट व्यूइंग जैसी क्लास अपार्ट फैसिलिटी से भी लैस है।

इन तथ्यों पर डालिए एक नजर…

-यूपीनेडा द्वारा विकसित बोट को 3.3 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल्स के जरिए संचालित किया जा रहा है।

-बोट की रूफटॉप पर कुल 6 सोलर पैनल लगे हैं जोकि 550 वॉट पॉवर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।

-यह बोट लाइट वेट मैटीरियल और क्लीन एनर्जी बेस्ड होने के कारण नदी में संचालन के दौरान हाई स्पीड पर ऑपरेट होने में सक्षम है और क्रूजिंग के लिहाज से इसकी स्पीड 6 नॉट्स रहेगी जबकि यह 9 नॉट्स की टॉप स्पीड को भी प्राप्त कर सकता है।

-फिलहाल, इस बोट के संचालन के लिए शोर बेस्ड जेटी में मीटर पावर प्लग सोर्स की भी व्यवस्था की जा रही है।

-इसके अतिरिक्त, यह बोट रिमोट व्यूइंग कैपेसिटी से लैस है जिसके जरिए बोट के बैटरी व सोलर पैरामीटर्स का निरीक्षण रिमोट व्यूइंग के जरिए कहीं से भी किया जा सकता है।

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दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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