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उत्तर प्रदेश

गंगा तीरे 5096.42 हेक्टेयर में 77.51 लाख पौधरोपण करेगी योगी सरकार

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लखनऊ,  योगी सरकार की मंशानुरूप 30 सितंबर तक चलने वाले ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जनअभियान- 2024’ के तहत यूपी की नदियों के किनारे पवित्र धारा पौधरोपण किया जाएगा। इसमें गंगा, यमुना, हिंडन समेत कई प्रमुख नदियों के किनारे पौधरोपण होगा। मां गंगा तीरे 5096.42 हेक्टेयर में 77.51 लाख पौधरोपण होगा तो यमुना किनारे 534 स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां पौधरोपण कराए जाएंगे। नदियों के किनारे कुल 2556 स्थल चिह्नित किए गए हैं, इनके किनारे 25061.84 हेक्टेयर में तीन करोड़ 72 लाख, 66 हजार पौधरोपण होगा। इसके उपरांत संरक्षण के लिए योगी सरकार इसके संरक्षण के लिए नोडल अफसर भी नामित किए गए हैं।

गंगा किनारे 676 स्थल चिह्नित, 77.51 लाख पौधे लगेंगे

सीएम योगी के निर्देश पर नदियों के किनारे पवित्र धारा पौधरोपण होंगे। इसमें गंगा नदी के किनारे 676 स्थल चिह्नित किए गए हैं। गंगा किनारे 5096.42 हेक्टेयर में पौधे लगाए जाएंगे। वहीं इसके किनारे लगाने वाले पौधों की संख्या 77.51 लाख रहेगी। गंगा किनारे के वन प्रभागों प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, वाराणसी, गाजीपुर, मीरजापुर, भदोही, काशी वन्यजीव व बलिया में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा वित्त पोषित किसानों के खेतों में औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहन योजना भी संचालित है। इस योजना में 17 विभागीय पौधशालाओं व 50 कृषक पौधशालाओं की स्थापना कराते हुए 2500 हेक्टेयर क्षेत्रफल किसानों की निजी भूमि पर औषधीय व सगंध प्रजाति के पौधों की खेती भी प्रस्तावित है।

यमुना-हिंडन व अन्य नदियों के किनारे भी पौधे लगाने व संरक्षण पर जोर

सीएम योगी ने महाभियान के नोडल (वन विभाग) को निर्देश दिया कि यमुना, हिंडन समेत अन्य नदियों के किनारे भी हरियाली को विकसित किया जाए। इस पर वन विभाग ने यमुना किनारे 534 स्थलों को चिह्नित किया है। इनके 6581.32 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 98.47 लाख पौधे लगाए जाएंगे। हिंडन नदी के किनारे 54 स्थान चिह्नित किए गए हैं। इनके 270.13 हेक्टेयर में 4.14 लाख पौधरोपण किए जाएंगे। वहीं अन्य नदियों के किनारे भी पवित्र धारा पौधरोपण के तहत 1392 स्थलों पर 13113.97 हेक्टेयर में 192.54 लाख पौधे लगाकर यूपी की हरियाली में वृद्धि का प्रयास निरंतर होगा। कुल 2656 स्थलों को चिह्नित कर नदी किनारे 25061.84 हेक्टेयर में इस वर्ष तीन करोड़ 72 लाख 66 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।

वन और जलशक्ति-सिंचाई विभाग के समन्वय से रूपरेखा की गई तैयार

प्रदेश के किनारे नदियों के पुनरुद्धार के लिए वन विभाग व जलशक्ति-सिंचाई विभाग आपसी समन्वय से रूपरेखा भी तैयार किया है। नदी के किनारे नीम, सहजन, इमली, अर्जुन, जामुन, बेल, आम, महुआ, सागौन, शीशम, गुटेल, बांस, पीपल, पाकड़, बरगद आदि प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे।

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नदियों के किनारे व कैचमेंट में पौधरोपण व संरक्षण कार्य के लिए नोडल अफसर नामित
अपर मुख्य वन संरक्षक पीपी सिंह ने बताया कि नदियों किनारे पवित्र धारा पौधरोपण के लिए तेजी से कार्य हो रहे हैं। यहां पौधरोपण करने व इनके संरक्षण के लिए नोडल अधिकारी भी नामित किए गए हैं।

नदी नोडल अधिकारी
गंगा मुख्य वन संरक्षक, दक्षिणी क्षेत्र प्रयागराज
यमुना मुख्य वन संरक्षक, कानपुर मंडल कानपुर
हिंडन मुख्य वन संरक्षक, पश्चिमी क्षेत्र मेरठ
अन्य प्रमुख नदियां मुख्य वन संरक्षक, पूर्वी क्षेत्र, गोरखपुर

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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