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उत्तर प्रदेश

छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण के लिए 2024-25 में 125 करोड़ रूपए खर्च करेगी योगी सरकार

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लखनऊ। योगी सरकार बेहतर शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को हर तरह की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित समस्त छात्रावासों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ कर मानक के अनुरूप संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यही नहीं, आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए समस्त छात्रावासों को 2-2 लाख एवं सर्वोदय छात्रावासों को 5-5 लाख की धनराशि समान रूप से प्रदान करते हुए विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकतानुरूप बजट उपलब्ध कराने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं।

अन्य राज्यों के मापदंडों का हो रहा अध्ययन

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के दौरान समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि छात्रावासों के भवन के आधारभूत ढांचे को मजबूत करते हुए उनमें मेस, शौचालय जैसी सुविधाएं मानक के अनुरूप प्रदान की जाएं। साथ ही विभाग अन्य राज्यों द्वारा इसके लिए अपनाए जा रहे मापदंडों का भी अध्ययन कर रहा है जिसके आधार पर चरणबद्ध रूप से सभी छात्रावास मॉडल के रूप में संचालित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित बाबू जगजीवन छात्रावास योजना के अंतर्गत रुपए 3 लाख प्रति छात्र की दर पर प्रदेश को जौनपुर में 1, फिरोजाबाद-3, हाथरस-1, एवं सुल्तानपुर में 1 छात्रावास का भी निर्माण किए जाने की स्वीकृति एवं प्रथम किस्त की धनराशि रुपए 307.50 लाख प्राप्त हुई है।

125 करोड़ का किया प्रावधान उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा के साथ बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री जी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण हेतु 125 करोड़ का प्रावधान किया है। मालूम हो कि समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान किए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में 221 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इनमें आवासीय सुविधा के साथ, फर्नीचर, विद्युत की सुविधा विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रदान की जा रही है।

बैठक में प्रमुख सचिव, समाज कल्याण डॉ. हरिओम, सचिव समीर वर्मा, निदेशक कुमार प्रशांत एवं एमडी, अनुगम राधेश्याम उपस्थित रहे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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