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उत्तर प्रदेश

‘कवि कुम्भ’ से महाकुंभ-2025 का आगाज करेगी योगी सरकार

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लखनऊ। योगी सरकार इस शिक्षक दिवस पर तीन दिवसीय देश का सबसे बड़ा काव्योत्सव आयोजित कर रही है। ‘कवि कुम्भ’ के नाम से आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम प्रयागराज महाकुम्भ-2025 का आगाज माना जा रहा है। इसमें प्रदेश देश एवं प्रदेश के लगभग 340 कवि/कवयित्री प्रतिभाग करेंगे, आमजनमानस कविताओं के माध्यम से महाकुम्भ के महिमा के बारे में जानकारी देंगे। आयोजन के अन्तर्गत मंच के स्थापित कवि एवं नवोदित कवियों के मध्य संवाद स्थापित करते हुए सेतु का काम भी किया जाएगा।

इस तीन दिवसीय ‘कवि कुम्भ’ में दिनांक 05 व 06 सितम्बर, 2024 को रात में 09:30 बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के गणमान्य स्थापित कवि काव्य पाठ करेंगे। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य कवियों में राष्ट्रभक्ति, राष्ट्रवाद, धर्म, महिलाओं के प्रति सम्मान करने की भावना को जागृत करती हुई कविताओं के लेखन एवं वाचन की प्रेरणा देना है, जिससे सकल समाज में यह भावनायें प्रसारित हो सकें।

संस्कृति विभाग, हिन्दी साहित्य अकादमी के बैनर तले एवं संस्कार भारती के सहयोग से यह कवि कुम्भ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मर्करी हॉल में आयोजित होगा। इस त्रिदिवसीय आयोजन के अन्तर्गत प्रतिष्ठित कवियों द्वारा काव्य जगत के अन्तर्गत विभिन्न विचारधाराओं की रचनाओं का आज के युवाओं के संदर्भ में रूचिकर बनाने हेतु काव्य मंथन किया जायेगा। प्रतिष्ठित कवियों द्वारा साहित्य जगत से सम्बन्धित सेमिनारों का आयोजन किया जायेगा, नवोदित कवियों को प्रतिस्थापित करने हेतु प्रतिष्ठित कवियों द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया जायेगा।

ये कवि करेंगे कविता पाठ

इस अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध कवियों जैसेः डॉ० अनामिका जैन अम्बर, डॉ. हरिओम पवार, कविता तिवारी, संतोष आनन्द, डॉ. प्रवीन शुक्ल, श्री शशिकान्त यादव, श्री आशीष अनल आदि को आमंत्रित किया जा रहा है, जो लगभग 50 से अधिक मंचों के सुप्रसिद्ध कवि समारोह में प्रतिभाग लेगें।

देश की प्रसिद्ध हस्तियां लेंगी हिस्सा

इस अवसर पर महाभारत के युद्धिष्ठर, द्रोण, मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा, आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूज्य बापू चिन्मयानन्द, सुप्रसिद्ध फिल्मी गीतकार एएम तुराज़ जैसे ख्यातिलब्ध संत/प्रसिद्ध हस्तियां आमंत्रित की गई हैं।

क्या कहते हैं आयोजक?

कार्यक्रम के संयोजक कवि सौरभ जैन सुमन ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर देश के इस सबसे बड़े काव्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह देश का पहला ऐसा काव्योत्सव है, जिसमें लगभग देश के 350 कवि पाठ करेंगे। हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित यह तीसरा कवि कुम्भ है। पहले दो आयोजन हस्तिनापुर में हुए हैं।

स्थापित कवि नवोदित कवियों को सिखाएंगे मंच के गुर

देश एवं प्रदेश में प्रत्येक कला के लिए कोई न कोई प्रशिक्षण केन्द्र होता है, किन्तु वाचिक परम्परा के सबसे बड़े संस्थान काव्य के लिए कोई भी प्रशिक्षण केन्द्र नहीं है। इस बात की पूर्ति कवि कुम्भ करता है। यहां मंच के स्थापित कवि नवोदित कवियों को मंच के गुर सिखाते हैं और नवोदित कवि स्थापितों के समक्ष अपना काव्य पाठ करते हैं।

होगा लाइव प्रसारण

इस समारोह में जनपद के गणमान्य व्यक्तियों एवं साहित्य जगत से जुड़े हुए कला प्रेमियों को आमंत्रित किया जायेगा सम्पूर्ण आयोजन को विभाग के यू-ट्यूब एवं सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया जायेगा साथ ही आम जनमानस को जोड़ने का कार्य भी किया जायेगा।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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